न लिखने का वायरस और चन्दोला जी का जन्मदिन।जी रौ सौ बरीस
पलाश विश्वास
ये महाशय हमारे परम् मित्र कैलाश चन्दोला जी हैं और प्रेरणा अंशु के प्राचीनतम सदस्य हैं।मास्साब जब तक सम्पादकीय सम्भाल रहे थे,तब तक हर अंक में लिख रहे थे।लेकिन उनके बाद हम उनसे लिखा नहीं पा रहे।
महाशय अब फेसबुक पर अपना लिखा प्रकाशित कर देते हैं। हम आईटीआई परिसर में उनके क्वार्टर जाकर लिखने का तकादा करके चाय नाश्ता उड़ा आते थे।जनाब पर कोई असर नहीं हुआ। नगीना खान को भी न लिखने की बीमारी लग गई है। वह भी फेसबुक पर लिख रही हैं। चन्दोला जी तो चाय नाश्ते की बचत के लिए हल्द्वानी जाकर छुप जातक हैं।
अच्छे दिन लहलहा रहे हैं।फिरभी?
मित्रों में यह बीमारी अब महामारी हो गयी है। मसलन एम एस के के विजय सिंह।हर अंक में वायदा करके नहीं लिखते। Subir Vandana Das और Manoj Ray,साथ में Subeer Goswamin ..मनोज और सुबीर बेतरीन रंगकर्मी भी हैं।
सुबीर वन्दना दास फेसबुक पर रोजाना सैकड़ों लाइक बटोरते हैं और प्रिंट के लिए न लिखने की कसम खाई है। मनोज तो कलम पकड़ने की तकलीफ भी नहीं उठाते। रंगकर्म की इतिश्री हो गई। सुबीर गोस्वा मी न रंगकर्म करते हैं और न लिखते हैं।फेसबुक पोस्ट भी नहीं करते।
न लिखने का इस फेसबुकिया वायरस का स्रोत हालांकि चीन नहीं है और न किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पढ़ने लिखने की संस्कृति खत्म होने के लिए चीन को दोषी ठहराया है।
फेसबुक से जो बचे हुए हैं,उनमें खासकर युवा और बच्चे पब्जी में निष्णात है। पब्जी अब राष्ट्रीय खेल है,हॉकी नहीं है। उनकी प्रतिभा इसमें खिलखिला रही है।
ओलंपिक में पदकों की कमी तभी पूरी होगी जब नशाखोरी, सट्टा, जुआ,रिश्वत, आपसी फूट, चमचागिरी, घृणा और हिंसा के साथ ही आलस्य और बहाने बाजीबमें अपनी प्रतिभा जाया करने पर भीबपडक मिलेंगे।
तब शायद पदक तालिका में हम शीर्ष पर होंगे।
लगे रहो मुन्ना भाई का अनुसरण करते हुए कैलाश चन्दोला और अपनी प्रतिभा को ताक पर रखने वाले ऐसे मित्रों के घर पर गुलाब के साथ गोमूत्र और गोबर रखने की जरूरत है।
गोबर और गोमूत्र तो भारत में हारी, बीमारी और महामारी का रामवाण है।जरूर आजमाइए।
हालांकि चन्दोला जी ने लिखा है
अब कल 30 जुलाई ठैरा बल ये हर साल मल्लब साल में एक ही बार आने वाला हुआ बल।
हाँ कल का दिन मेरे लिये भौति महत्व का ठैरा क्योंकि कल ही के दिन मैने इस पावन धरा में पदार्पण किया लोगो को ज्ञान बाटने ,अपने ज्ञान का विस्तार करते हुए कल मुझे पचास वर्ष हो जाएंगे।
हाँ अपने पराक्रम से कल मैं दो जगह मित्रो के साथ रहूँगा स्थानीय मित्र अपनी अपनी सुविधा के अनुसार मुझसे समय मल्लब अपॉइंटमेंट ले सकते है दो जगहों में सुविधानुसार जगह का चुनाव कर ले।
हा फेसबुक के मित्र अभी से आशीर्वाद, शुभकामनाएं,बधाई संदेश प्रेषित कर सकते है।
बधाई जी। जय हो। जी रौ सौ बरीस।
इतनी लंबी शुभकामना सन्देश के बाद क्या कैलाश चन्दोला फिर लिखना शुरू करेंगे और बाकी लोग पढ़ना लिखना?
स्टारपोल पर आप खूब वोट दाल रहे हैं। इनबॉक्स में इस बारे में अपनी राय हां या ना में दर्ज करें।
दिनेशपुर के बाहर के साथी यहां अपने इलाके के अपनी प्रतिभा के साथ ऐसा ही सलूक करने वाले मित्रो के खिलाफ नामजद रपट दर्ज कर सकते हैं ताकि हमें यह मालूम हो सके कि दिनेशपुर से बाहर भी ऐसे मित्र हैं।
लाइक करें या न करें, वोट जरूर डालें।बहुत जल्द नए सुअरों,बंदरों और मुख्यमंत्रियों,मंत्रियों की आमद के लिए आप वोट डालेंगे ही।थोडी प्रैक्टिस कर लेने में बुराई क्या है?
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