---------- Forwarded message ----------
From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/10/29
Subject: press note on fact finding on Faizabad riots UP- by rihai manch
To: rajeev yadav <media.rajeev@gmail.com>
आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों का रिहाई मंच
_______________________________________________________________
Letter no. date
--------------------------- 29/10/2012
फैजाबाद दंगा पूर्वनियोजित था- रिहाई मंच
सपा सरकार दंगाइयों की सरकार- रिहाई मंच
फैजाबाद दंगे की जांच के लिए जांच दल पहुंचा फैजाबाद
फैजाबाद 29 अक्टूबर 2012/ फैजाबाद में हुए दंगों की जांच के लिए रिहाई मंच के एक जांच दल ने 28 अक्टूबर को फैजाबाद के कफर््यू ग्रस्त इलाकों का दौरा किया। जांच दल ने पाया कि दंगा पूर्वनियोजित था, जिसकी तस्दीक यह बात करती है कि बहुत कम समय में फैजाबाद के कई स्थानों पर टकराव, व तनाव का होना है। 21-22 सितंबर की रात देवकाली मंदिर की मूर्ती के चोरी होने और 23 अक्टूबर को उसके मिलने का प्रकरण और उस पर हुई सांप्रदयिक राजनीति इस दंगे की प्रमुख वजहों में से एक थी। हिन्दुत्वादी समूहों के अफवाह तंत्र ने आमजनमानस के भीतर इस बात को भड़काया कि देवकाली की प्रतिमा को मुसलमानों ने चोरी किया। केंद्रिय दुर्गा पूजा समिति फैजाबाद ने भी कहा था कि वो पूजा पांडालों पर विरोध स्वरुप पांडालों को कुछ घंटों तक दर्शन के लिए बंद रखा जाएगा। यहां गौरतलब है कि केंद्रिय दुर्गा पूजा समिति फैजाबाद के अध्यक्ष मनोज जायसवाल समाजवादी पार्टी के भी नेता हैं। पर ऐन वक्त 23 अक्टूबर को मूर्तियों के बरामद होने के बाद हिन्दुत्वादी शक्तियों के मंसूबे पस्त हुए। क्योंकि मूर्ति की चोरी में पकड़े गए लोग हिंदू निकले ऐसे में ऐन वक्त में पहले से प्रायोजित दंगों के लिए अफवाहों का बाजार गर्म करके जगह-जगह पथराव करके दंगे की शुरुआत की गई। पहले से तैयार भीड़ ने प्रायोजित तरीके से सैकड़ो साल पुरानी मस्जिद हसन रजा खां पर हमला बोला ओर उसके आस-पास की तकरीबन तीन दर्जन से ज्यादा दुकानों में लूटपाट व आगजनी की और पूरे फैजाबाद को दंगे की आग में झोक दिया।
पुलिस की निस्क्रियता का यह आलम रहा कि चैक इलाके की साकेत स्टेशनरी मार्ट को दंगे के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को पुलिस की मौजूदगी में फूंका गया। बाद में जब दुकान के मालिक खलीक खां ने प्रशासन से एफआईआर दर्ज करने की मांग की तो यह कहकर पुलिस ने हिला हवाली की कि बिजली की शार्ट शर्किट की वजह से आग लगी।
जांच दल के आलोक अग्निहोत्री, राजीव यादव और सुब्रत गुप्ता ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या प्रयोजित दंगों में अफवाह तंत्र के सक्रिय होने और फैजाबाद प्रशासन की निष्क्रियता के चलते दंगाइयों का मनोबल बढ़ा और कुछ घंटों में उन्होंने प्रायोजित तरीके से आगजनी और लूट-पाट की। जांच दल के सामने यह तथ्य आये, कि दंगे को दशहरा-ईद-दीपावली के ऐन वक्त कराने के पीछे दंगाइयों की यह मानसिकता भी सामने आई की ज्यादा से ज्यादा लूट और आगजनी करके मुस्लिम समुदाय को नुकसान पहुंचाना।
रिहाई मंच द्वारा फैजाबाद दंगों के तथ्य संकलन का काम जारी है। मंच ने प्रथम दृष्ट्या तथ्यों के आधार पर यह वक्तव्य जारी करते हुए देश के विभिन्न मानवाधिकार सामाजिक व राजनीतिक संगठनों से अपील की है कि वो फैजाबाद के उक्त घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए अपनी जनपक्षीय प्रतिबद्धताओं व सरोकारों के साथ साम्प्रदायिक ताकतों का प्रतिरोध करें।
द्वारा जारी-
राजीव यादव
09452800752, 09415254919
---------------------------------------------------------------------------------
110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh Road, Lucknow
Office - Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
Email- rihaimanch@gmail.com
From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/10/29
Subject: press note on fact finding on Faizabad riots UP- by rihai manch
To: rajeev yadav <media.rajeev@gmail.com>
आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों का रिहाई मंच
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Letter no. date
--------------------------- 29/10/2012
फैजाबाद दंगा पूर्वनियोजित था- रिहाई मंच
सपा सरकार दंगाइयों की सरकार- रिहाई मंच
फैजाबाद दंगे की जांच के लिए जांच दल पहुंचा फैजाबाद
फैजाबाद 29 अक्टूबर 2012/ फैजाबाद में हुए दंगों की जांच के लिए रिहाई मंच के एक जांच दल ने 28 अक्टूबर को फैजाबाद के कफर््यू ग्रस्त इलाकों का दौरा किया। जांच दल ने पाया कि दंगा पूर्वनियोजित था, जिसकी तस्दीक यह बात करती है कि बहुत कम समय में फैजाबाद के कई स्थानों पर टकराव, व तनाव का होना है। 21-22 सितंबर की रात देवकाली मंदिर की मूर्ती के चोरी होने और 23 अक्टूबर को उसके मिलने का प्रकरण और उस पर हुई सांप्रदयिक राजनीति इस दंगे की प्रमुख वजहों में से एक थी। हिन्दुत्वादी समूहों के अफवाह तंत्र ने आमजनमानस के भीतर इस बात को भड़काया कि देवकाली की प्रतिमा को मुसलमानों ने चोरी किया। केंद्रिय दुर्गा पूजा समिति फैजाबाद ने भी कहा था कि वो पूजा पांडालों पर विरोध स्वरुप पांडालों को कुछ घंटों तक दर्शन के लिए बंद रखा जाएगा। यहां गौरतलब है कि केंद्रिय दुर्गा पूजा समिति फैजाबाद के अध्यक्ष मनोज जायसवाल समाजवादी पार्टी के भी नेता हैं। पर ऐन वक्त 23 अक्टूबर को मूर्तियों के बरामद होने के बाद हिन्दुत्वादी शक्तियों के मंसूबे पस्त हुए। क्योंकि मूर्ति की चोरी में पकड़े गए लोग हिंदू निकले ऐसे में ऐन वक्त में पहले से प्रायोजित दंगों के लिए अफवाहों का बाजार गर्म करके जगह-जगह पथराव करके दंगे की शुरुआत की गई। पहले से तैयार भीड़ ने प्रायोजित तरीके से सैकड़ो साल पुरानी मस्जिद हसन रजा खां पर हमला बोला ओर उसके आस-पास की तकरीबन तीन दर्जन से ज्यादा दुकानों में लूटपाट व आगजनी की और पूरे फैजाबाद को दंगे की आग में झोक दिया।
पुलिस की निस्क्रियता का यह आलम रहा कि चैक इलाके की साकेत स्टेशनरी मार्ट को दंगे के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को पुलिस की मौजूदगी में फूंका गया। बाद में जब दुकान के मालिक खलीक खां ने प्रशासन से एफआईआर दर्ज करने की मांग की तो यह कहकर पुलिस ने हिला हवाली की कि बिजली की शार्ट शर्किट की वजह से आग लगी।
जांच दल के आलोक अग्निहोत्री, राजीव यादव और सुब्रत गुप्ता ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या प्रयोजित दंगों में अफवाह तंत्र के सक्रिय होने और फैजाबाद प्रशासन की निष्क्रियता के चलते दंगाइयों का मनोबल बढ़ा और कुछ घंटों में उन्होंने प्रायोजित तरीके से आगजनी और लूट-पाट की। जांच दल के सामने यह तथ्य आये, कि दंगे को दशहरा-ईद-दीपावली के ऐन वक्त कराने के पीछे दंगाइयों की यह मानसिकता भी सामने आई की ज्यादा से ज्यादा लूट और आगजनी करके मुस्लिम समुदाय को नुकसान पहुंचाना।
रिहाई मंच द्वारा फैजाबाद दंगों के तथ्य संकलन का काम जारी है। मंच ने प्रथम दृष्ट्या तथ्यों के आधार पर यह वक्तव्य जारी करते हुए देश के विभिन्न मानवाधिकार सामाजिक व राजनीतिक संगठनों से अपील की है कि वो फैजाबाद के उक्त घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए अपनी जनपक्षीय प्रतिबद्धताओं व सरोकारों के साथ साम्प्रदायिक ताकतों का प्रतिरोध करें।
द्वारा जारी-
राजीव यादव
09452800752, 09415254919
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110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh Road, Lucknow
Office - Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
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