---------- Forwarded message ----------
From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/10/17
Subject: rihai manch press note on UP health minister Ahmed Hasan statement on inoocent muslims imprisoned in terror cases
To: Rajeev <media.rajeev@gmail.com>
आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों का रिहाई मंच
कार्यालय- लाटूश रोड लखनऊ उत्तर प्रदेश
----------------------------------------------------
अहमद हसन मुसलमानों को भ्रमित न करें- रिहाई मंच
लखनऊ 17 सितम्बर 2012/ आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों के रिहाई मंच ने
कुछ मंत्रियों, सांसदों और विधायकों द्वारा आतंकवाद के नाम पर कैद
निर्दोषों की रिहाई के सवाल पर समय-समय पर की जा रही बयानबाजी को जनता को
गुमराह करने वाला बताया है। रिहाई मंच ने ऐसे सांसदों और विधायकों से
अपील की है कि अगर उन्होंने बेगुनाहों की रिहाई के सवाल को सदन में उठाया
हो तो उसका प्रमाण दें या फिर सदन के बाहर जनता को बरगलाना बंद करें।
रिहाई मंच के संयोजक एडवोकेट मोहम्मद शुऐब ने स्वास्थ मंत्री अहमद हसन के
उस बयान को तथ्यगत तौर पर भ्रामक और हास्यास्पद बताया जिसमें उन्होंने
संजरपुर आजमगढ़ के दो लड़कों के बाटला हाउस में मारे जाने के पीछे बसपा
सरकार का हाथ बताया है। मोहम्मद शुऐब ने अहमद हसन को नसीहत देते हुए कहा
कि इतने संवेदनशील मसले पर जिसके चलते पूरा मुस्लिम समाज खौफ और दहशत में
जीने को मजबूर है उस पर सस्ती राजनीति करने से बाज आएं और कम से कम इन
घटनाओं की तथ्यगत जानकारी इकट्ठी कर लें। उन्होंने कहा कि बाटला हाउस
कांड दिल्ली में हुआ था जहां राज्य और केन्द्र दोनों जगह कांग्रेस की
सरकार है। उन्होंने अहमद हसन के इस बयान को मुसलमानों को गुमराह करने और
कांग्रेस के बचाव में दिया गया बयान बताते हुए कहा कि सपा और कांग्रेस ने
अपने कुछ मुस्लिम चेहरे वाले सांसदों और विधायकों को मुसलमानों को गुमराह
करने के लिए छोड़ा है जो दिल्ली से लेकर आजमगढ़ तक ढिंढोरा पीटते हैं कि
मुलायम जल्दी ही बेगुनाह मुस्लिम लड़कों को जेल से छोड़ेंगे।
रिहाई मंच के शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि एक तरफ तो अहमद हसन
आतंकवाद के नाम पर उत्पीड़न के लिए बसपा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहें
हैं, जबकि सपा सरकार में तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, यहां तक की
आजमगढ़ के तारिक और जौनपुर के खालिद की गिरफ्तारी पर उठे सवालों की जांच
के लिए पिछली बसपा सरकार द्वारा गठित निमेष आयोग ने अपनी रिपोर्ट 31
अगस्त को सपा सरकार को सौंप दी है, जिसे सरकार जारी नहीं कर रही है।
रिहाई मंच के नेताओं ने कहा कि सपा इतनी ही ईमानदार है तो सीतापुर के
शकील और आजमगढ़ के जमातुरफलाह के दो छात्रों की गिरफ्तारी जो उनके
शासनकाल में हुयी है पर उनके परिजनों और मानवाधिकार संगठनों द्वारा दिए
गए ज्ञापनों और धरनों के बावजूद क्यों जांच आयोग का गठन नहीं किया।
रिहाई मंच ने घोषणा की है कि आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों के सवाल पर
जनता को भ्रमित करने वाले सपा के मुस्लिम सांसदों और विधायकों द्वारा सदन
में अब तक उनके द्वारा पूछे गए सवालों का दस्तावेज को सार्वजनिक करेगी और
सपा को बेनकाब करेगी।
जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
सम्पर्क- 09415254919, 09452800752
From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/10/17
Subject: rihai manch press note on UP health minister Ahmed Hasan statement on inoocent muslims imprisoned in terror cases
To: Rajeev <media.rajeev@gmail.com>
आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों का रिहाई मंच
कार्यालय- लाटूश रोड लखनऊ उत्तर प्रदेश
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अहमद हसन मुसलमानों को भ्रमित न करें- रिहाई मंच
लखनऊ 17 सितम्बर 2012/ आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों के रिहाई मंच ने
कुछ मंत्रियों, सांसदों और विधायकों द्वारा आतंकवाद के नाम पर कैद
निर्दोषों की रिहाई के सवाल पर समय-समय पर की जा रही बयानबाजी को जनता को
गुमराह करने वाला बताया है। रिहाई मंच ने ऐसे सांसदों और विधायकों से
अपील की है कि अगर उन्होंने बेगुनाहों की रिहाई के सवाल को सदन में उठाया
हो तो उसका प्रमाण दें या फिर सदन के बाहर जनता को बरगलाना बंद करें।
रिहाई मंच के संयोजक एडवोकेट मोहम्मद शुऐब ने स्वास्थ मंत्री अहमद हसन के
उस बयान को तथ्यगत तौर पर भ्रामक और हास्यास्पद बताया जिसमें उन्होंने
संजरपुर आजमगढ़ के दो लड़कों के बाटला हाउस में मारे जाने के पीछे बसपा
सरकार का हाथ बताया है। मोहम्मद शुऐब ने अहमद हसन को नसीहत देते हुए कहा
कि इतने संवेदनशील मसले पर जिसके चलते पूरा मुस्लिम समाज खौफ और दहशत में
जीने को मजबूर है उस पर सस्ती राजनीति करने से बाज आएं और कम से कम इन
घटनाओं की तथ्यगत जानकारी इकट्ठी कर लें। उन्होंने कहा कि बाटला हाउस
कांड दिल्ली में हुआ था जहां राज्य और केन्द्र दोनों जगह कांग्रेस की
सरकार है। उन्होंने अहमद हसन के इस बयान को मुसलमानों को गुमराह करने और
कांग्रेस के बचाव में दिया गया बयान बताते हुए कहा कि सपा और कांग्रेस ने
अपने कुछ मुस्लिम चेहरे वाले सांसदों और विधायकों को मुसलमानों को गुमराह
करने के लिए छोड़ा है जो दिल्ली से लेकर आजमगढ़ तक ढिंढोरा पीटते हैं कि
मुलायम जल्दी ही बेगुनाह मुस्लिम लड़कों को जेल से छोड़ेंगे।
रिहाई मंच के शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि एक तरफ तो अहमद हसन
आतंकवाद के नाम पर उत्पीड़न के लिए बसपा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहें
हैं, जबकि सपा सरकार में तीन गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, यहां तक की
आजमगढ़ के तारिक और जौनपुर के खालिद की गिरफ्तारी पर उठे सवालों की जांच
के लिए पिछली बसपा सरकार द्वारा गठित निमेष आयोग ने अपनी रिपोर्ट 31
अगस्त को सपा सरकार को सौंप दी है, जिसे सरकार जारी नहीं कर रही है।
रिहाई मंच के नेताओं ने कहा कि सपा इतनी ही ईमानदार है तो सीतापुर के
शकील और आजमगढ़ के जमातुरफलाह के दो छात्रों की गिरफ्तारी जो उनके
शासनकाल में हुयी है पर उनके परिजनों और मानवाधिकार संगठनों द्वारा दिए
गए ज्ञापनों और धरनों के बावजूद क्यों जांच आयोग का गठन नहीं किया।
रिहाई मंच ने घोषणा की है कि आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों के सवाल पर
जनता को भ्रमित करने वाले सपा के मुस्लिम सांसदों और विधायकों द्वारा सदन
में अब तक उनके द्वारा पूछे गए सवालों का दस्तावेज को सार्वजनिक करेगी और
सपा को बेनकाब करेगी।
जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
सम्पर्क- 09415254919, 09452800752
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