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From: Roma <romasnb@gmail.com>
Date: 2012/10/16
Subject: सहारनपुर में बालिकाओं पर हो रहे संगठित हमलों के खिलाफ महिला हिंसा विरोध सम्मेलन दिनांक 28 अक्टूबर 2012, स्थानः- जनमंच-सहारनपुर, उ0प्र0
To: Delhi Forum <delhiforum@delhiforum.net>
रूह भी होती है ये बात कहां सोचते हैं
प्रिय बहनों व महिला मुद्दों पर संवेदनशील साथियो!
पिछले कुछ महीनों में महिलाओं के साथ खास तौर पर निचले वर्ग की लड़कियों, स्कूल, कालेज में पढ़ने वाली किशोरियों व बच्चियों के साथ होने वाली यौन हिंसा, बलात्कार व हत्या आदि की जघन्य घटनाएं जिस तरह से सामने आ रही हैं, उसने सहारनपुर की छवि को दागदार कर दिया है। इन तमाम घटनाओं के कारण सहारनपुर महिलाओं और छात्राओं के लिए असुरक्षित जिले के रूप में घोषित हो चुका है। जिसको लेकर न सरकार, न प्रशासन और ना ही जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन इन घटनाओं की शिकार लड़कियां व बच्चियां एक विशेष वर्ग से होने के कारण आम नागरिक समाज में भी संवेदनशीलता दिखाई नहीं दे रही है। गौरतलब है कि सहारनपुर ही नहीं पिछले कुछ माह में पूरे उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं की संख्या में भी बेहिसाब बढ़ोतरी हुई है। इन्हीं सब कारणों को देखते हुए व घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए कुछ ही दिन पूर्व उच्च न्यायालय द्वारा भी हर जि़ले में महिलाओं पर हो रही हिंसाओं की रोक थाम के लिए जिलाधिकारियों को निगरानी समिति का गठन करने के आदेश दिए गए हैं। लेकिन विडंबना है कि इन निर्देशों पर भी कोई अमल नहीं हो रहा है। चन्देना नागल में जातिगत झगड़े में हमलावरों ने पाशविकता की सारी सीमाएं पार करते हुए यहां के स्थानीय वैदिक इंटर कालेज की छात्राओं को स्कूल के अंदर ही जिस तरह से कपडे-फाडे़ व बेइज्जत किया, यह तो शायद सहारनपुर के इतिहास में आज तक नहीं हुआ। स्कूल के अंदर ही अगर हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं हंै, तो उनके लिए तो शिक्षा के दरवाज़े हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे। इन हमलों को लेकर सभी राजनैतिक दलों को एक साथ आ कर सख्ती से इन घटनाओं को रोकने का प्रयास करना चाहिए था, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। क्योंकि बलात्कारियों और हत्यारों को इन राजनैतिक दलों का तो संरक्षण प्राप्त होता है। ये तो केवल बलात्कार की घटनाए हैं, जो कि अखबारों में प्रकाशित हुईं हैं। इनके अलावा ऐसी कई घटनाएं हैं, खासतौर पर दहेज हत्या या उत्पीड़न की वे अलग हैं, जो कि हर रोज़ घट रही हंै। ऐसा नहीं कि ये घटनाए अकारण हो रही हैं, बल्कि इनके पीछे महिलाओं के खिलाफ एक संगठित साजिश नज़र आती है, ताकि वे शिक्षा ग्रहण कर स्वतंत्र न हो सकें, ये प्रतिक्रिया उनके स्वतंत्र रूप से सोचने, उनकी चेतना के विकास के खिलाफ भी है।
महिलाओं के ऊपर हो रही इन हिंसात्मक घटनाओं का असर पूरे समाज पर काफी नकरात्मक रूप से पड़ रहा है। पिछले दिनों स्कूल की छात्राओं के ऊपर सामूहिक बलात्कार की घटनाएं जो सामने आई हैं, उसने आम जनमानस को झंझोड़ के रख दिया है, वे बेहद शर्मनाक व घृणित हैं। यह हमला ज़्यादहतर ग़रीब तबके की लड़कियों पर ही हो रहा है, या तो वे दलित हैं या फिर ग़रीब मुस्लिम परिवारों से हैं। नीचे दी गई सूची में यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बलात्कारी व हमलावर कम उम्र की लड़िकयों व स्कूल जाने वाली छात्राओं को अपने हमले का निशाना बना रहे हैं। जिसमें 3 से 18 वर्ष तक की लड़कियों और महिलाओं के साथ भी इस तरह के अत्याचार हो रहे है। जिन क्षेत्रों या गाॅवों में ऐसी घटनाऐं घटी हैं वहां और उसके आस-पास के क्षेत्र के गाॅवों के लोगों द्वारा अपनी बच्चियों को खौफ़ के कारण स्कूल भेजना बन्द किया जा रहा है। अलग-अलग तबकों में लोगों द्वारा अपनी महिलाओं के लिए अकेले बाहर ना निकलने के फरमान तक जारी किए जा रहे हैं। जिससे स्पष्ट रूप से यह बात सामने आ रही है, कि आम नागरिक समाज का शासन व प्रशासन के ऊपर से विश्वास पूरी तरह से उठ रहा है। इनमें सबसे ज्यादा घटनाए नई सरकार के सत्तासीन होने के बाद की हैं। जैसे गुंडागर्दी को सरकारी लाइसेंस प्राप्त हो गया हो। एक तरफ तो सरकार, मीडिया आदि लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए जागरूक कर रहे हैं, वहीं दूसरी और उनके खिलाफ हो रहे इस तरह के भयावह यौन उत्पीड़न के मामले में बिल्कुल खामोश बैठे हैं। ऐसे में लड़कियों के ऊपर इस जिले में संकट काफी गहरा रहा है। समय रहते अगर इस मामले में सरकारी व प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं हुआ तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है। इसलिए इन हमलों को रोकने के लिए आम जनता खास तौर पर महिलाओं को ही सामने आना होगा। महिलाओं पर हो रहे इन संगठित हमलों के खिलाफ लड़कियों व छात्राओं को भी अपने संगठन तैयार करने होंगेे व अपनी अस्मत को बचाने के लिए शासन और प्रशासन को चेताना होगा, ताकि वे अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का पालन करें। इन्हीं सब मामलों को लेकर विकल्प सामाजिक संगठन, दिशा सामाजिक संगठन, व ज्ञान गंगा शिक्षा समिति सहित कई अन्य संगठन अपनी रणनीति तैयार कर महिलाओं पर हो रहे हमलों का जमकर एलानिया विरोध करना चाहते हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न घटंे। संगठनों द्वारा प्रशासनिक स्तर पर भी दबाव बनाया जाएगा, ताकि इस तरह की घटना दुबारा ना हो सके। इस सम्बन्ध में आम नागरिक समाज को भी अपनी अहम भूमिका निभानी होगी व अपने विरोध को ताकत के साथ दर्ज कराना होगा। सभी स्कूल व कालेजों में लड़कियों को जागरूक करने के लिए शिक्षकों, अभिभावकों व सामाजिक संगठनों की संयुक्त समिति बनाई जानी चाहिए व महिलाओं से जुड़े तमाम कानून की जानकारी देनी चाहिए। लड़िकयों के साथ हो रहे अन्याय के मामले में स्कूलों को भी सामने आना होगा व इस हिंसा के खिलाफ प्रतिरोधी शक्ति को तैयार करना होगा। इस हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए मीडिया एक प्रमुख माध्यम हो सकता है, लेकिन देखने में यह आ रहा है कि छोटे शहरों व कस्बों में महिला पत्रकार हैं ही नहीं। ऐसे में बहुत सारे मामले आम तौर पर संज्ञान में आते ही नहीं है। स्कूलों व कालेजों में लड़कियों को मीडिया के प्रति रूझान के विषय में भी प्रेरित करना होगा, जिसके लिए सामाजिक संगठनों द्वारा भी सहयोग किया जा सकता है।
इस सम्बन्ध में इस महीने की 28 अक्टूबर 2012 को विकल्प सामाजिक संगठन, दिशा सामाजिक संगठन, व ज्ञान गंगा शिक्षा समिति द्वारा सहारनपुर में एक विशाल सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें इन घटनाओं में उत्पीड़न का शिकार हुए परिवार, गाॅव क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों को लेकर संघर्षरत जनसंगठनों के लोग व कई महिला एवं सामाजिक आंदोलनों के नेतृत्वकारी लोग शामिल होंगे। आप सभी से अपील है कि महिलाओं के साथ हो रही इन तमाम हिंसक कार्रवाईयों के विरोध में आयोजित किए जा रहे इस सम्मेलन में बड़ी से बड़ी संख्या में शामिल होकर इस अन्याय के खिलाफ पुरजोर तरीके से अपनी आवाज़ को बुलन्द करें। जिससे हमारी बहनों, बेटियों को समाज में जीने व सांस लेने के लिए एक स्वछंद व सुरक्षित वातावरण मिल सके।
बहनों व साथियो! यह सम्मेलन संगठन की दिवंगत जुझारू साथी भारती जी के जन्मदिन के अवसर पर श्रद्धांजलि रूप में आयोजित किया जा रहा है। भारती जी महिला अधिकार के मुद्दों को लेकर जीवनभर संघर्षरत रहीं और सहारनपुर में भी उन्होंने महिला हिंसा के खिलाफ एक लम्बे समय तक सतत् संघर्ष किया व कई महिला संगठनों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई।
महिला शक्ति जि़न्दाबाद!
केस न0 व नाम दिनांक उम्र/जाति स्थान विवरण नतीजा
1) लक्ष्मी
हत्याकाण्ड 27 जुलाई 2010 कक्षा 3 में पढने वाली दलित छात्रा ग्राम भलस्वा, सहारनपुर स्कूल में पढने वाली कक्षा 3 की छात्रा लक्ष्मी को स्कूल प्रबन्धक व कक्षा के सहपाठियों ने मानसिक आघात पंहुचाया था, यह मानसिक उत्पीड¬़न लक्ष्मी बरदाश्त नहीं कर सकी, और गले में टुपट्टा बांधकर छत के पंखे में लटक कर आत्महत्या कर ली। जिला सहारनपुर के शासन व प्रशासन ने आरोपी को कानूनी दांव पेंचों के द्वारा बचा लिया गया।
2) चांदनी
बलात्कार
हत्याकाण्ड 3 दिसम्बर 2010 6 वर्षीय दलित छात्रा गांव कल्लरपुर गुर्जर रामपुर मनिहारन, सहारनपुर 3 दिसम्बर 2010 को अपने घर की सहेलियों के साथ खेल रही चांदनी को 45 वर्ष के अधेड़ नशेडी ने जिसका जेल में (अपराधिक रिकार्ड है) चांदनी को जबरन उठाकर बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी। सामाजिक संस्थाओं और गांवों की महिला संगठन द्वारा किये गये प्रयासों से आरोपी जेल में है।
3) रानी
बलात्कार
काण्ड 14 फरवरी, 2012 13 वर्षीय दलित लडकी गांव नकुड, कस्बा रेतगढ, जिला सहारनपुर रानी शाम को बुखार की दवा लेने पास के गांव में जा रही थी कि पास के गांव के राजपूत जाति के छोटू पुत्र राजेश ने बालिका को गन्ने के खेत में घसीटकर बलात्कार किया। दबंगों ने अस्पताल में मेडिकल बदलवा दिया। विरोध के बाद पुनः मेडिकल करवाया उसे भी बदलवा दिया गया। महिला संगठन और सामाजिक संस्थाओं के किये गये प्रयासों से आरोपी जेल में है।
4) हिना
बलात्कार
काण्ड 10 जुलाई 2012 13 वर्षीय मुस्लिम लडकी कस्बा देवबन्द, सहारनपुर कक्षा 7 में पढने वाली हिना को सुबह अपने स्कूल को अकेली जाते समय नौशाद नाम का युवक पीछे से मुंह दबाकर पास की बिल्डि़ग में खींचकर ले गया, कमरे में बन्द कर अपने चार साथियों के साथ मिलकर सामुहिक बलात्कार किया और उसकी मोबाईल से अश्लील फिल्म भी बनाई। आरोपी को बहुत कठनाई से गिरफ्तार करवा कर जेल भेजा गया।
5) दुष्कर्म
केस 15 जुलाई 2012 पिछड़ी जाति
कक्षा 9 की छात्रा कुतुबपुर ढिक्का सरसावा, सहारनपुर स्कूल जाते समय आरोपियो ने छात्राओं का मोटरसाईकल से पीछा कर गन्ने के खेत में दुष्कर्म किया। जिसकी मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि हुई। बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
6) भूमिका
हत्याकाण्ड 15 जुलाई 2012 सिक्ख समुदाय
28 वर्षीय महिला देवबन्द, सहारनपुर पंचायत चुनाव लड़ चुकी भूमिका की मकबरा पुलिस चैकी के पास गला दबाकर हत्या कर दी गई पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
7) सहारनपुर
अपहरण
केस 17 जुलाई 2012 मुस्लिम जाति
3 वर्षीय बच्ची हुसैन बस्ती, सहारनपुर अपने भाई के साथ रह रही 3 वर्षीय बच्ची को दूध देने वाला नशेडी फैजान उठाकर जंगल में ले गया। बच्ची के शोर मचाने पर खेत में काम करने वाले लोगों ने बच्ची को बचाया बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
8) मीता
बलात्कार
काण्ड 6 अगस्त 2012 27 वर्षीय दलित महिला चिलकाना, सहारनपुर सुचैला गांव में रहने वाली तेजपाल की पत्नी दोपहर में शोच के लिये खेत में गई घात लगाये मध्धु ने पीडिता के साथ बलात्कार किया शोर मचाने पर लोागें ने मध्धू को भागते देखा। बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
9) शागुफ्ता
बलात्कार
हत्याकाण्ड 9 अगस्त 2012 मुस्लिम जाति
14 वर्षीय बालिका देवबन्द सहारनपुर धर में अकेली देख शगुफ्ता को उसके चाचा व भतीजे ने जबरदस्ती घसीटकर बारी-बारी से बलात्कार किया। शगुफ्ता ने अपनी मां को बताने की बात कही तो शागुफ्ता पर मिट्टी का तेल छिडककर आग लगा दी। 90 प्रतिशत जलचुकी शगुप्ता ने दम तोड दिया। बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
10) सामुहिक
दुष्कर्म 11 अगस्त 2012 15 वर्षीय दलित बालिका गंगोह, सहारनपुर शाम को दुकान पर सामान लेने के लिये जा रही बालिका को फाईनेन्स आफिस में बैठे दो युवाओं ने आफिस में खींचा और बारी-बारी से बलात्कार कर बालिका को आफिस में ही बन्द कर चले गये। शोर मचाने पर बालिका को बाहर लाया गया। बालिका को न्याय नहीं मिला।
11) मोनिका
बलात्कार
काण्ड 3 सितम्बर 2012 11 वर्षीय दलित बालिका चकसराय, सहारनपुर रात्रि में घर से उठाकर दो युवकों ने बेहोशकर बलात्कार किया। बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
12) सामुहिक
दुष्कर्म 25 सितम्बर 2012 28 वर्षीय मुस्लिम महिला बेहट सहारनपुर गांव करौदी की महिला को कुछ लोगों ने अगवाकर जबरदस्ती शराब पिलाकर बलात्कार किया और बेहोशी की हालत में जगंल में फेंक गये। आरोपी पकड़ से बाहर है।
13) मीनू
बलात्कार
हत्याकाण्ड 24 सितम्बर 2012 14 वर्षीय दलित बालिका सडक दुधली सहारनपुर जमालपुर गांव में रहने वाली विकलांग मीनू पुत्री श्यामसिंह खेत में चारा लेते समय गायब हो गई और अगले दिन ईख के खेतों में उसकी गर्दन कटी व सामुहिक बलात्कार की पुष्टि हुई। आरोपी के विरूद्ध मुकदमा दर्ज हो गया है। आरोपी दबंग है और अपने आप को बचाने के प्रयास में है।
14) टीना
दुष्कर्म
केस 3 अक्टूबर 2012 5 वर्षीय दलित बालिका हकीमपुरा, सहारनपुर पडोस में टी.वी देखते समय पडोस के ही एक युवक ने उसे घसीटकर बाथरूम में ले जाकर दुष्कर्म किया। बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
नोटः-इस सूचि में उत्पीड़न का शिकार हुईं बच्चियों और महिलाओं के नाम परिवर्तित करके दिए गए हैं।
--
NFFPFW / Human Rights Law Centre
c/o Sh. Vinod Kesari, Near Sarita Printing Press,
Tagore Nagar
Robertsganj,
District Sonbhadra 231216
Uttar Pradesh
Tel : 91-9415233583, 05444-222473
Email : romasnb@gmail.com
http://jansangarsh.blogspot.com
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From: Roma <romasnb@gmail.com>
Date: 2012/10/16
Subject: सहारनपुर में बालिकाओं पर हो रहे संगठित हमलों के खिलाफ महिला हिंसा विरोध सम्मेलन दिनांक 28 अक्टूबर 2012, स्थानः- जनमंच-सहारनपुर, उ0प्र0
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महिला शक्ति जिन्दाबाद! महिला एकता जिन्दाबाद!
लोग औरत को फ़कत जिस्म समझ लेते हैंरूह भी होती है ये बात कहां सोचते हैं
-''साहिर'' लुधियानवी
सहारनपुर में बालिकाओं पर हो रहे संगठित हमलों के खिलाफ
महिला हिंसा विरोध सम्मेलन
दिनांक 28 अक्टूबर 2012, स्थानः- जनमंच-सहारनपुर, उ0प्र0
महिला हिंसा विरोध सम्मेलन
दिनांक 28 अक्टूबर 2012, स्थानः- जनमंच-सहारनपुर, उ0प्र0
प्रिय बहनों व महिला मुद्दों पर संवेदनशील साथियो!
पिछले कुछ महीनों में महिलाओं के साथ खास तौर पर निचले वर्ग की लड़कियों, स्कूल, कालेज में पढ़ने वाली किशोरियों व बच्चियों के साथ होने वाली यौन हिंसा, बलात्कार व हत्या आदि की जघन्य घटनाएं जिस तरह से सामने आ रही हैं, उसने सहारनपुर की छवि को दागदार कर दिया है। इन तमाम घटनाओं के कारण सहारनपुर महिलाओं और छात्राओं के लिए असुरक्षित जिले के रूप में घोषित हो चुका है। जिसको लेकर न सरकार, न प्रशासन और ना ही जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन इन घटनाओं की शिकार लड़कियां व बच्चियां एक विशेष वर्ग से होने के कारण आम नागरिक समाज में भी संवेदनशीलता दिखाई नहीं दे रही है। गौरतलब है कि सहारनपुर ही नहीं पिछले कुछ माह में पूरे उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं की संख्या में भी बेहिसाब बढ़ोतरी हुई है। इन्हीं सब कारणों को देखते हुए व घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए कुछ ही दिन पूर्व उच्च न्यायालय द्वारा भी हर जि़ले में महिलाओं पर हो रही हिंसाओं की रोक थाम के लिए जिलाधिकारियों को निगरानी समिति का गठन करने के आदेश दिए गए हैं। लेकिन विडंबना है कि इन निर्देशों पर भी कोई अमल नहीं हो रहा है। चन्देना नागल में जातिगत झगड़े में हमलावरों ने पाशविकता की सारी सीमाएं पार करते हुए यहां के स्थानीय वैदिक इंटर कालेज की छात्राओं को स्कूल के अंदर ही जिस तरह से कपडे-फाडे़ व बेइज्जत किया, यह तो शायद सहारनपुर के इतिहास में आज तक नहीं हुआ। स्कूल के अंदर ही अगर हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं हंै, तो उनके लिए तो शिक्षा के दरवाज़े हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे। इन हमलों को लेकर सभी राजनैतिक दलों को एक साथ आ कर सख्ती से इन घटनाओं को रोकने का प्रयास करना चाहिए था, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। क्योंकि बलात्कारियों और हत्यारों को इन राजनैतिक दलों का तो संरक्षण प्राप्त होता है। ये तो केवल बलात्कार की घटनाए हैं, जो कि अखबारों में प्रकाशित हुईं हैं। इनके अलावा ऐसी कई घटनाएं हैं, खासतौर पर दहेज हत्या या उत्पीड़न की वे अलग हैं, जो कि हर रोज़ घट रही हंै। ऐसा नहीं कि ये घटनाए अकारण हो रही हैं, बल्कि इनके पीछे महिलाओं के खिलाफ एक संगठित साजिश नज़र आती है, ताकि वे शिक्षा ग्रहण कर स्वतंत्र न हो सकें, ये प्रतिक्रिया उनके स्वतंत्र रूप से सोचने, उनकी चेतना के विकास के खिलाफ भी है।
महिलाओं के ऊपर हो रही इन हिंसात्मक घटनाओं का असर पूरे समाज पर काफी नकरात्मक रूप से पड़ रहा है। पिछले दिनों स्कूल की छात्राओं के ऊपर सामूहिक बलात्कार की घटनाएं जो सामने आई हैं, उसने आम जनमानस को झंझोड़ के रख दिया है, वे बेहद शर्मनाक व घृणित हैं। यह हमला ज़्यादहतर ग़रीब तबके की लड़कियों पर ही हो रहा है, या तो वे दलित हैं या फिर ग़रीब मुस्लिम परिवारों से हैं। नीचे दी गई सूची में यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बलात्कारी व हमलावर कम उम्र की लड़िकयों व स्कूल जाने वाली छात्राओं को अपने हमले का निशाना बना रहे हैं। जिसमें 3 से 18 वर्ष तक की लड़कियों और महिलाओं के साथ भी इस तरह के अत्याचार हो रहे है। जिन क्षेत्रों या गाॅवों में ऐसी घटनाऐं घटी हैं वहां और उसके आस-पास के क्षेत्र के गाॅवों के लोगों द्वारा अपनी बच्चियों को खौफ़ के कारण स्कूल भेजना बन्द किया जा रहा है। अलग-अलग तबकों में लोगों द्वारा अपनी महिलाओं के लिए अकेले बाहर ना निकलने के फरमान तक जारी किए जा रहे हैं। जिससे स्पष्ट रूप से यह बात सामने आ रही है, कि आम नागरिक समाज का शासन व प्रशासन के ऊपर से विश्वास पूरी तरह से उठ रहा है। इनमें सबसे ज्यादा घटनाए नई सरकार के सत्तासीन होने के बाद की हैं। जैसे गुंडागर्दी को सरकारी लाइसेंस प्राप्त हो गया हो। एक तरफ तो सरकार, मीडिया आदि लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए जागरूक कर रहे हैं, वहीं दूसरी और उनके खिलाफ हो रहे इस तरह के भयावह यौन उत्पीड़न के मामले में बिल्कुल खामोश बैठे हैं। ऐसे में लड़कियों के ऊपर इस जिले में संकट काफी गहरा रहा है। समय रहते अगर इस मामले में सरकारी व प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं हुआ तो स्थिति विस्फोटक हो सकती है। इसलिए इन हमलों को रोकने के लिए आम जनता खास तौर पर महिलाओं को ही सामने आना होगा। महिलाओं पर हो रहे इन संगठित हमलों के खिलाफ लड़कियों व छात्राओं को भी अपने संगठन तैयार करने होंगेे व अपनी अस्मत को बचाने के लिए शासन और प्रशासन को चेताना होगा, ताकि वे अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का पालन करें। इन्हीं सब मामलों को लेकर विकल्प सामाजिक संगठन, दिशा सामाजिक संगठन, व ज्ञान गंगा शिक्षा समिति सहित कई अन्य संगठन अपनी रणनीति तैयार कर महिलाओं पर हो रहे हमलों का जमकर एलानिया विरोध करना चाहते हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न घटंे। संगठनों द्वारा प्रशासनिक स्तर पर भी दबाव बनाया जाएगा, ताकि इस तरह की घटना दुबारा ना हो सके। इस सम्बन्ध में आम नागरिक समाज को भी अपनी अहम भूमिका निभानी होगी व अपने विरोध को ताकत के साथ दर्ज कराना होगा। सभी स्कूल व कालेजों में लड़कियों को जागरूक करने के लिए शिक्षकों, अभिभावकों व सामाजिक संगठनों की संयुक्त समिति बनाई जानी चाहिए व महिलाओं से जुड़े तमाम कानून की जानकारी देनी चाहिए। लड़िकयों के साथ हो रहे अन्याय के मामले में स्कूलों को भी सामने आना होगा व इस हिंसा के खिलाफ प्रतिरोधी शक्ति को तैयार करना होगा। इस हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए मीडिया एक प्रमुख माध्यम हो सकता है, लेकिन देखने में यह आ रहा है कि छोटे शहरों व कस्बों में महिला पत्रकार हैं ही नहीं। ऐसे में बहुत सारे मामले आम तौर पर संज्ञान में आते ही नहीं है। स्कूलों व कालेजों में लड़कियों को मीडिया के प्रति रूझान के विषय में भी प्रेरित करना होगा, जिसके लिए सामाजिक संगठनों द्वारा भी सहयोग किया जा सकता है।
इस सम्बन्ध में इस महीने की 28 अक्टूबर 2012 को विकल्प सामाजिक संगठन, दिशा सामाजिक संगठन, व ज्ञान गंगा शिक्षा समिति द्वारा सहारनपुर में एक विशाल सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें इन घटनाओं में उत्पीड़न का शिकार हुए परिवार, गाॅव क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों को लेकर संघर्षरत जनसंगठनों के लोग व कई महिला एवं सामाजिक आंदोलनों के नेतृत्वकारी लोग शामिल होंगे। आप सभी से अपील है कि महिलाओं के साथ हो रही इन तमाम हिंसक कार्रवाईयों के विरोध में आयोजित किए जा रहे इस सम्मेलन में बड़ी से बड़ी संख्या में शामिल होकर इस अन्याय के खिलाफ पुरजोर तरीके से अपनी आवाज़ को बुलन्द करें। जिससे हमारी बहनों, बेटियों को समाज में जीने व सांस लेने के लिए एक स्वछंद व सुरक्षित वातावरण मिल सके।
बहनों व साथियो! यह सम्मेलन संगठन की दिवंगत जुझारू साथी भारती जी के जन्मदिन के अवसर पर श्रद्धांजलि रूप में आयोजित किया जा रहा है। भारती जी महिला अधिकार के मुद्दों को लेकर जीवनभर संघर्षरत रहीं और सहारनपुर में भी उन्होंने महिला हिंसा के खिलाफ एक लम्बे समय तक सतत् संघर्ष किया व कई महिला संगठनों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई।
महिला शक्ति जि़न्दाबाद!
आयोजकः-विकल्प सामाजिक संगठन, दिशा सामाजिक संगठन, ज्ञान गंगा शिक्षा समिति, घाड़ क्षेत्र महिला मोर्चा,
राष्ट्रीय वन-जन श्रमजीवी मंच
सम्पर्क: 11 मंगल नगर, सहारनपुर, उ0प्र0, 9415233583, 9412480386, 9719201406
राष्ट्रीय वन-जन श्रमजीवी मंच
सम्पर्क: 11 मंगल नगर, सहारनपुर, उ0प्र0, 9415233583, 9412480386, 9719201406
केस न0 व नाम दिनांक उम्र/जाति स्थान विवरण नतीजा
1) लक्ष्मी
हत्याकाण्ड 27 जुलाई 2010 कक्षा 3 में पढने वाली दलित छात्रा ग्राम भलस्वा, सहारनपुर स्कूल में पढने वाली कक्षा 3 की छात्रा लक्ष्मी को स्कूल प्रबन्धक व कक्षा के सहपाठियों ने मानसिक आघात पंहुचाया था, यह मानसिक उत्पीड¬़न लक्ष्मी बरदाश्त नहीं कर सकी, और गले में टुपट्टा बांधकर छत के पंखे में लटक कर आत्महत्या कर ली। जिला सहारनपुर के शासन व प्रशासन ने आरोपी को कानूनी दांव पेंचों के द्वारा बचा लिया गया।
2) चांदनी
बलात्कार
हत्याकाण्ड 3 दिसम्बर 2010 6 वर्षीय दलित छात्रा गांव कल्लरपुर गुर्जर रामपुर मनिहारन, सहारनपुर 3 दिसम्बर 2010 को अपने घर की सहेलियों के साथ खेल रही चांदनी को 45 वर्ष के अधेड़ नशेडी ने जिसका जेल में (अपराधिक रिकार्ड है) चांदनी को जबरन उठाकर बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी। सामाजिक संस्थाओं और गांवों की महिला संगठन द्वारा किये गये प्रयासों से आरोपी जेल में है।
3) रानी
बलात्कार
काण्ड 14 फरवरी, 2012 13 वर्षीय दलित लडकी गांव नकुड, कस्बा रेतगढ, जिला सहारनपुर रानी शाम को बुखार की दवा लेने पास के गांव में जा रही थी कि पास के गांव के राजपूत जाति के छोटू पुत्र राजेश ने बालिका को गन्ने के खेत में घसीटकर बलात्कार किया। दबंगों ने अस्पताल में मेडिकल बदलवा दिया। विरोध के बाद पुनः मेडिकल करवाया उसे भी बदलवा दिया गया। महिला संगठन और सामाजिक संस्थाओं के किये गये प्रयासों से आरोपी जेल में है।
4) हिना
बलात्कार
काण्ड 10 जुलाई 2012 13 वर्षीय मुस्लिम लडकी कस्बा देवबन्द, सहारनपुर कक्षा 7 में पढने वाली हिना को सुबह अपने स्कूल को अकेली जाते समय नौशाद नाम का युवक पीछे से मुंह दबाकर पास की बिल्डि़ग में खींचकर ले गया, कमरे में बन्द कर अपने चार साथियों के साथ मिलकर सामुहिक बलात्कार किया और उसकी मोबाईल से अश्लील फिल्म भी बनाई। आरोपी को बहुत कठनाई से गिरफ्तार करवा कर जेल भेजा गया।
5) दुष्कर्म
केस 15 जुलाई 2012 पिछड़ी जाति
कक्षा 9 की छात्रा कुतुबपुर ढिक्का सरसावा, सहारनपुर स्कूल जाते समय आरोपियो ने छात्राओं का मोटरसाईकल से पीछा कर गन्ने के खेत में दुष्कर्म किया। जिसकी मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि हुई। बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
6) भूमिका
हत्याकाण्ड 15 जुलाई 2012 सिक्ख समुदाय
28 वर्षीय महिला देवबन्द, सहारनपुर पंचायत चुनाव लड़ चुकी भूमिका की मकबरा पुलिस चैकी के पास गला दबाकर हत्या कर दी गई पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
7) सहारनपुर
अपहरण
केस 17 जुलाई 2012 मुस्लिम जाति
3 वर्षीय बच्ची हुसैन बस्ती, सहारनपुर अपने भाई के साथ रह रही 3 वर्षीय बच्ची को दूध देने वाला नशेडी फैजान उठाकर जंगल में ले गया। बच्ची के शोर मचाने पर खेत में काम करने वाले लोगों ने बच्ची को बचाया बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
8) मीता
बलात्कार
काण्ड 6 अगस्त 2012 27 वर्षीय दलित महिला चिलकाना, सहारनपुर सुचैला गांव में रहने वाली तेजपाल की पत्नी दोपहर में शोच के लिये खेत में गई घात लगाये मध्धु ने पीडिता के साथ बलात्कार किया शोर मचाने पर लोागें ने मध्धू को भागते देखा। बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
9) शागुफ्ता
बलात्कार
हत्याकाण्ड 9 अगस्त 2012 मुस्लिम जाति
14 वर्षीय बालिका देवबन्द सहारनपुर धर में अकेली देख शगुफ्ता को उसके चाचा व भतीजे ने जबरदस्ती घसीटकर बारी-बारी से बलात्कार किया। शगुफ्ता ने अपनी मां को बताने की बात कही तो शागुफ्ता पर मिट्टी का तेल छिडककर आग लगा दी। 90 प्रतिशत जलचुकी शगुप्ता ने दम तोड दिया। बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
10) सामुहिक
दुष्कर्म 11 अगस्त 2012 15 वर्षीय दलित बालिका गंगोह, सहारनपुर शाम को दुकान पर सामान लेने के लिये जा रही बालिका को फाईनेन्स आफिस में बैठे दो युवाओं ने आफिस में खींचा और बारी-बारी से बलात्कार कर बालिका को आफिस में ही बन्द कर चले गये। शोर मचाने पर बालिका को बाहर लाया गया। बालिका को न्याय नहीं मिला।
11) मोनिका
बलात्कार
काण्ड 3 सितम्बर 2012 11 वर्षीय दलित बालिका चकसराय, सहारनपुर रात्रि में घर से उठाकर दो युवकों ने बेहोशकर बलात्कार किया। बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
12) सामुहिक
दुष्कर्म 25 सितम्बर 2012 28 वर्षीय मुस्लिम महिला बेहट सहारनपुर गांव करौदी की महिला को कुछ लोगों ने अगवाकर जबरदस्ती शराब पिलाकर बलात्कार किया और बेहोशी की हालत में जगंल में फेंक गये। आरोपी पकड़ से बाहर है।
13) मीनू
बलात्कार
हत्याकाण्ड 24 सितम्बर 2012 14 वर्षीय दलित बालिका सडक दुधली सहारनपुर जमालपुर गांव में रहने वाली विकलांग मीनू पुत्री श्यामसिंह खेत में चारा लेते समय गायब हो गई और अगले दिन ईख के खेतों में उसकी गर्दन कटी व सामुहिक बलात्कार की पुष्टि हुई। आरोपी के विरूद्ध मुकदमा दर्ज हो गया है। आरोपी दबंग है और अपने आप को बचाने के प्रयास में है।
14) टीना
दुष्कर्म
केस 3 अक्टूबर 2012 5 वर्षीय दलित बालिका हकीमपुरा, सहारनपुर पडोस में टी.वी देखते समय पडोस के ही एक युवक ने उसे घसीटकर बाथरूम में ले जाकर दुष्कर्म किया। बहुत कठनाई से रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी जेल में है।
क्या यह सब अमानवीय नहीं ?
नोटः-इस सूचि में उत्पीड़न का शिकार हुईं बच्चियों और महिलाओं के नाम परिवर्तित करके दिए गए हैं।
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NFFPFW / Human Rights Law Centre
c/o Sh. Vinod Kesari, Near Sarita Printing Press,
Tagore Nagar
Robertsganj,
District Sonbhadra 231216
Uttar Pradesh
Tel : 91-9415233583, 05444-222473
Email : romasnb@gmail.com
http://jansangarsh.blogspot.com
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