Monday, October 15, 2012

नये घोटालों से चमड़ी बचाने के फिराक में फिर कोलगेट की तरफ ध्यान बंटाने की कवायद शुरू हो चुकी है।कोई इनसे सीखें!

नये घोटालों से चमड़ी बचाने के फिराक में फिर कोलगेट की तरफ ध्यान बंटाने की कवायद शुरू हो चुकी है।कोई इनसे सीखें!

घोटालों पर ​​फोकस हो जाने से कारपोरेट सरकार के नरसंहार के एजंडे को अमल में लाने में सहूलियत ही होनी है।अब रक्षा सौदों में घोटालों के लिए भी देश को तैयार हो जाना चाहिए। अभी रक्षा क्षेत्र को विदेशी निवेश को खोलना बाकी है। भारत अमेरिकी परमाणु संधि के कार्यान्वयन के बावजूद भारतीय ङथियारों के सौदों में अमेरिकी वर्चस्व अभी कायम नहीं हुआ है। जनाब, आउटसोर्सिंग नहीं,ओबामा की भारत संबंधी विदेश नीति की इस खामी से अमेरिकी युद्धक अर्थ व्यवस्था के उबरने के आसार नहीं हैं। बशर्ते कि अमेरिकी वर्चस्व वाले अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संस्थानों के भारतीय कारिंदे नीति निर्धारण को अमेरिकी हितों के मद्देनजर दुरुस्त न कर लें।

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
नये घोटालों से चमड़ी बचाने के फिराक में फिर कोलगेट की तरफ ध्यान बंटाने की कवायद शुरू हो चुकी है।कोई इनसे सीखें!आर्थिक सुधारों के पक्ष में राष्ट्रपति दलीलें दे रहे हैं तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला केंद्र सरकार की मदद के लिए आता है। ऐसे में घोटालों पर ​​फोकस हो जाने से कारपोरेट सरकार के नरसंहार के एजंडे को अमल में लाने में सहूलियत ही होनी है।अब रक्षा सौदों में घोटालों के लिए भी देश को तैयार हो जाना चाहिए। अभी रक्षा क्षेत्र को विदेशी निवेश को खोलना बाकी है। भारत अमेरिकी परमाणु संधि के कार्यान्वयन के बावजूद भारतीय ङथियारों के सौदों में अमेरिकी वर्चस्व अभी कायम नहीं हुआ है। जनाब, आउटसोर्सिंग नहीं,ओबामा की भारत संबंधी विदेश नीति की इस खामी से अमेरिकी युद्धक अर्थ व्यवस्था के उबरने के आसार नहीं हैं। बशर्ते कि अमेरिकी वर्चस्व वाले अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संस्थानों के भारतीय कारिंदे नीति निर्धारण को अमेरिकी हितों के मद्देनजर दुरुस्त न कर लें। इस सिलसिले में गौरतलब है कि : सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने सोमवार को कहा कि देश की रक्षा तैयारियों की कमियों को दूर किया जायेगा और परिचालनात्मक बदलाव एवं नई प्रौद्योगिकी के माध्यम से 12 लाख की मजबूत सैन्य बलों के आधुनिकीकरण को नई दिशा प्रदान की जाएगी। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि चार दिवसीय सैन्य कमांडरों के सम्मेलन के पहले दिन जनरल बिक्रम सिंह ने सभी समय उच्च स्तर की रक्षा तैयारी की जरूरतों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख ने कहा कि रक्षा तैयारियों में कमियों को दूर करने और अधुनिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए और पहल किए जाने की जरूरत है। सेना प्रमुख ने नई प्रौद्योगिकी और परिचालन संबंधी बदलाव के लिए जरूरी परिवर्तन की पहल को रेखांकित किया। सैन्य बलों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को सबसे पहले जनरल वी के सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान आगे बढ़ाया था। बहरहाल, इस बैठक के दौरान सैन्य बलों और सेवाओं के बीच सहयोग बढ़ाने के विषय पर चर्चा किये जाने की उम्मीद है। तीनों सेनाओं के सैन्य कमांडरों की इस सप्ताह बैठक होने वाली है। इसकी परिणति शुक्रवार को संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन के रूप में होगी जिसे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह संबोधित करेंगे।

दो अमेरिकी नागरिकों अल्विन ई. रोथ और लॉयड एस. शैपले को वर्ष 2012 का अर्थव्यवस्था का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार 'बाजार डिजाइन के स्थिर आवंटन एवं कार्यप्रणाली के सिद्धांत' के लिए दिया गया है।समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, स्टॉकहोम में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के स्थायी सचिव स्टैफेन नॉरमार्क ने इसकी घोषणा की।अर्थव्यवस्था में नोबेल पुरस्कार वर्ष 1968 में शुरू हुआ था। इसे आधिकारिक तौर पर स्वेरिजेज रिक्सबैंक प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज कहा जाता है। यह अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिया जाता है।रोथ हार्वर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं, जबकि शैपले लॉस एंजिल्स स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं।पुरस्कार की घोषणा का स्वागत करते हुए रोथ ने कहा, पूरी आशा की जा रही थी कि शैपले को नोबेल पुरस्कार के लिए चुना जाएगा। अगर उन्हें दिया जाता तो यह भारी भूल होती, मुझे संयुक्त रूप से उनके साथ पुरस्कार जीतने पर काफी खुशी हैं।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अभियान अंतिम चरण में है। नवीनतम सर्वेक्षणों में राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी के बीच बराबरी का मुकाबला होने के बात कही गई है। दोनों चुनाव संबंधी दूसरी बहस में निर्णायक बढ़त लेना चाह रहे हैं। पहली बहस में पिछड़ने के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को होने वाली दूसरी बहस के लिए जमकर तैयारी की है। ओबामा ने कहा है कि रोमनी के साथ होने वाली दूसरी बहस की तैयारियां जोरों पर है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार ओबामा आक्रामक रुख अख्तियार करेंगे।

भारत को रोजगारों की आउटसोर्सिंग और आईटी कंपनियों के लिए कार्य वीजा (वर्क वीजा) पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के रूख का हवाला देते हुए एक अग्रणी भारतीय अमेरिकी रिपब्लिकन ने कहा कि मजबूत भारत अमेरिका संबंधों के लिए मिट रोमनी बेहतर राष्ट्रपति होंगे।रिपब्लिकन नेशनल कन्वेन्शन के लिए तीन भारतीय अमेरिकी प्रतिनिधियों में से एक और मिसीसिपी राज्य में अधिकतम चंदा एकत्र करने वाले डॉ सम्पत शिवांगी ने कहा कि डेमोक्रेट्स की छवि भारत के मित्र की है लेकिन यह एक भ्रम है।इंडियन अमेरिकन फोरम फॉर पॉलिटिकल एजुकेशन (आईएएफपीई) के अध्यक्ष शिवांगी ने प्रेस ट्रस्ट से कहा कि ओबामा ने बिना किसी हिचकिचाहट के खुल कर भारत को आउटसोर्सिंग की आलोचना की है। ऐसे में दोनों देशों के रिश्तों का भविष्य तब ही सुरक्षित होगा जब व्हाइट हाउस में कोई रिपब्लिकन आए।उन्होंने कहा कि हालांकि भारतीय मूल के अधिकतर अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी और खास कर ओबामा के समर्थक हैं लेकिन दूसरी तथा तीसरी पीढ़ी के भारतीयों के बीच चलन बदल रहा है। शिवांगी ने कहा '60 से 70 साल की उम्र के हममें से कुछ लोगों की तरह वह लोग लंबे समय तक समाजवाद और नेहरूवाद को लेकर नहीं चलने वाले हैं।शिवांगी ने राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन दावेदार रोमनी के लिए मिसीसिपी में 17 लाख डॉलर का चंदा एकत्र करने में मदद की। राज्य में चंदे की यह सर्वाधिक राशि है। इससे पहले शिवांगी ने ही तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के लिए 12 लाख डॉलर की राशि एकत्र की थी। शिवांगी ने कहा 'राष्ट्रपति ओबामा भारत को रोजगारों की आउटसोर्सिंग और आईटी कंपनियों के लिए भारत से कार्य वीजा के धुर आलोचक हैं। यह केवल भ्रम है कि डेमोक्रेट भारत के प्रति दोस्ताना रवैया रखते हैं।'उन्होंने कहा 'आउटसोर्सिंग को लेकर भारत के खिलाफ राष्ट्रपति ओबामा के रवैये ने बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों के मन में उनकी छवि बदल कर रख दी है। टेलीविजन पर उन्होंने अमेरिका में बेरोजगारी की समस्या कह कर भारत को एक तरह से नकार ही दिया।'



राष्ट्रपति ने  विज्ञान तेल एवं गैस उद्योग पर भारत के 10वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पेट्रोटेक.2012 का उद्घाटन करते हुये कहा अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में तेजी के मौजूदा परिवेश में मूल्यों को अधिक से अधिक वैश्विक बाजार के अनुरुप रखना उपभोक्ता और निवेशक दोनों के हित में है। पेट्रोलियम ईंधन के मामले में भारत की वैश्विक बाजार भारी निर्भरता की ओर संकेत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, वैश्विक वित्तीय बाजार की तरह दुनिया का उर्जा क्षेत्र भी एक दूसरे पर निर्भर है और कोई देश इससे अपने को अलग नहीं रख सकता। उन्होंने कहा कि देश का पेट्रोलियम आयात 150 अरब डालर के पार पहुंच चुका है। अपने ईंधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें तीन चौथाई कच्चे तेल का आयात करना पड़ता है। सरकार ने जून 2010 में पेट्रोल के दाम नियंत्रणमुक्त कर दिये थे और डीजल के दाम भी बाजार पर छोड़ने को सिद्धांत रुप में स्वीकार किया था।

वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एक बार फिर आरबीआई से दरों में कटौती के लिए कहा है।पी चिदंबरम के मुताबिक सरकार मुश्किल में फंसी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कई कदम उठा रही है लेकिन अब बारी आरबीआई की है। आरबीआई को थोड़ा जोखिम उठाकर अर्थव्यवस्था में नई जान डालनी होगी।पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता बढ़ते वित्तीय घाटे को काबू करने की है। वित्त मंत्री के मुताबिक सरकार आर्थिक सुधार के रास्ते पर चल निकली है, ऐसे में आरबीआई को दरें घटाने का कदम उठाना ही होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने खुदरा व्यापार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के केन्द्र सरकार के निर्णय पर रोक लगाने से आज इंकार कर दिया । इस मामले की अगली सुनवाई पांच नवंबर को होगी।सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कहा है कि रिटेल सेक्टर में एफडीआई के नए नियमों को लागू करने के लिए फेमा (फॉरेक्स मैनेजमेंट एक्ट) में जरूरी बदलाव करने होंगे।पिछले महीने ही सरकार के मल्टी ब्रैंड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी थी। सिंगल ब्रैंड रिटेल सेक्टर में 100 फीसदी विदेशी निवेश को पहले से ही इजाजत है।न्यायमूर्ति आर एम लोढा और न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की खंडपीठ ने वकील मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि इस नीति में नियमों की दृष्टि से कुछ दोष है जिसका 'उपचार' किया जा सकता है। पीठ ने इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक से विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून के क्रियान्वयन के लिए निर्धारित नियमों में समुचित संशोधन करने को कहा है ताकि सरकार की इस नीति का क्रियान्वयन की छूट दी जा सके। न्यायालय ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने संबंधी अधिसूचना जारी होने से पहले ही विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून के नियमों में संशोधन कर लिया जाना चाहिए था। न्यायालय ने साथ ही स्पष्ट किया कि 'फेमा' की नियमावली में संशोधन करके रिजर्व बैंक इस दोष को अब भी दूर कर सकता है।न्यायाधीशों ने कहा, 'कम से कम यह तो कहा ही जा सकता है कि यह एक ऐसी अनियमितता है जिसमें सुधार किया जा सकता है और नियमों में बदलाव करते ही यह दोष दूर हो जायेगा।''न्यायाधीशों ने कहा कि इस अनियमितता के कारण खुदरा व्यापार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने की नीति पर रोक नहीं लगायी जा सकती है।अटार्नी जनरल गुलाम वाहनवती ने कहा कि वह फेमा नियमों में संशोधन के लिए तुरंत कदम उठाने के बारे में रिजर्व बैंक के गवर्नर से बात करेंगे।सीबीआई ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में अपनी जांच के सिलसिले में दो कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए दो नए मामले दर्ज किए हैं। वहीं जांच एजेंसी ने दिल्ली और हैदराबाद सहित 16 स्थानों पर छापे मारे हैं।न्यायालय ने अटार्नी जनरल की इस दलील के बाद जनहित याचिका पर सुनवाई पांच नवंबर के लिए स्थगित कर दी।सरकार की खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने की नीति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में कहा गया था कि इस नीति को लागू करने के लिए रिजर्व बैंक की अनिवार्य मंजूरी हो इसमें है ही नहीं।

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने कैप्टिव कोल ब्लॉक के लिए आवेदन में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा के आरोप में एक आधारभूत ढांचा कंपनी और एक इस्पात कंपनी के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं।उन्होंने बताया कि एजेंसी ने मामले दर्ज करने के बाद हैदराबाद, सतना, सिकंदराबाद, विशाखापत्तनम, जयपुर, राउरकेला और दिल्ली में इन कंपनियों के परिसरों में छापे मारे।

सूत्रों ने बताया कि इन कंपनियों ने कोयला ब्लाक हासिल करने के लिए कथित तौर पर गलत जानकारी दी।नए मामले 2006-09 के दौरान कोयला ब्लाक आवंटन से संबंधित हैं जिसमें सीबीआई ने सात मामले दर्ज किए हैं।

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने आज कहा कि पिछली कई तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट थाम ली गई है और अर्थव्यवस्था अगले छह महीने में पटरी पर आ जाएगी। यहां यस बैंक और फाइनेंशियल टाइम्स द्वारा आयोजित एक बैंकिंग सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, हम यह उम्मीद करते हैं कि साल की दूसरी छमाही में सरकार द्वारा किए गए कई उपायों से दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी।

सितंबर में महंगाई दर 7.81 फीसदी रही है, जबकि अगस्त में महंगाई 7.55 फीसदी रही थी। वहीं, जुलाई में महंगाई दर को संशोधित करके 6.87 फीसदी से 7.52 फीसदी किया गया है।

महीने-दर-महीने आधार पर सितंबर में प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर 10.08 फीसदी से घटकर 8.77 फीसदी हुई है। वहीं, सितंबर में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर 9.14 फीसदी से घटकर 7.86 फीसदी रही।

अगस्त के मुकाबले सितंबर में फ्यूल ग्रुप की महंगाई दर 8.32 फीसदी से बढ़कर 11.88 फीसदी रही। मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 6.14 फीसदी से बढ़कर 6.26 फीसदी रही। सितंबर में हाई-स्पीड डीजल के दाम 9 फीसदी बढ़े हैं।

इंडिया रेटिंग्स पब्लिक फाइनेंस के डायरेक्टर और हेड, डी के पंत का कहना है कि सितंबर में महंगाई बढ़ने की पीछे की सबसे बड़ी वजह ईंधन के दाम बढ़ना रही है। जबकि, ईंधन महंगा होने का पूरा असर अभी दिखना बाकी है।

योजना आयोग के उपाध्यक्ष, मोंटेक सिंह अहलूवालिया के मुताबिक महंगाई दर 5-6 फीसदी के लक्ष्य से ज्यादा रही है।

प्रधानमंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार, सी रंगराजन का कहना है कि महंगाई में बढ़ोतरी डीजल की कीमतें बढ़ने की वजह से आई है। वहीं, बाकी चीजों के दाम नहीं बढ़े हैं। अभी फिलहाल आरबीआई के लिए दरें घटाने के लिए ठोस आधार नहीं है।

इंडियन ओवरसीज बैंक के ईडी, ए के बंसल के मुताबिक 30 अक्टूबर की क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है।

मोंटेक ने कहा, चालू वर्ष के पहले छह महीनों में जीडीपी वृद्धि दर करीब 5.5 प्रतिशत रही और मुझे लगता है कि दूसरी छमाही में यह बेहतर करीब 6 प्रतिशत होगी। यह इससे थोड़ी कम या ज्यादा हो सकती है। अगस्त के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों में सुधार और हाल ही में पीएमआई के सर्वेक्षण के आधार पर अहलुवालिया ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।उन्होंने कहा, मैं इसे एक पारस पत्थर के तौर पर इस्तेमाल कर रहा हूं..सरकार फिर से कार्रवाई करने के मूड में है। इसलिए, मैं औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में मामूली सुधार का अर्थ निकालते हुए यह कहना चाहूंगा कि गिरावट थम गई है।

इसी के साथ दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को वर्ष 2008 के वोट के बदले नोट घोटाले की 'जांच सभी पहलुओं से करने' तथा धन का स्रोत पता लगाने का आदेश दिया है। इस मामले में अमर सिंह, लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधीन्द्र कुलकर्णी और दो अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं। अदालत ने पुलिस को ऐसी 'निष्पक्ष' जांच करने का आदेश दिया है, जिससे कोई संदेह बाकी नहीं रहे ताकि मामले को लेकर जनता के मन में विश्वास स्थापित हो सके। अदालत ने दिल्ली पुलिस से कहा कि जांच के बाद यदि जरूरी हो तो वह छह हफ्ते के भीतर अतिरिक्त आरोपपत्र दाखिल कर सकती है। विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने यह आदेश भाजपा सांसद एवं आरोपी फगन सिंह कुलस्ते के इस अनुरोध पर दिया गया कि जांच कर यह पता लगाया जाये कि मामले के 'वास्तविक लाभार्थी' कौन हैं। उन्होंने संप्रग सरकार के पक्ष में भाजपा के 'कमजोर' सांसदों का वोट डलवाने के सौदे में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल की भूमिका की जांच का भी अनुरोध किया है। कुलस्ते ने पटेल की आवाज की जांच कराने का अनुरोध भी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सह आरोपी एवं पूर्व भाजपा सांसद अशोक अर्गल ने खुलासा किया कि उनके आवास पर एक करोड़ रुपये की सुपुर्दगी से पहले आरोपी अमर सिंह ने उनकी 22 जुलाई 2008 को पटेल से फोन पर बात कराने की व्यवस्था की थी।

टू जी मामले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष वित्त मंत्री पी चिदंबरम को गवाह के तौर पर पेश करने का विषय एक बार फिर समिति के समक्ष आ गया है जब लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने इस स्तर पर इसमें हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। संसद के सू़त्रों ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ने जेपीसी के अध्यक्ष पी सी चाको को सूचित कर दिया है कि इस मामले में उनसे सम्पर्क करने से पहले समिति को कोई निर्णय करना होगा। इस स्तर पर इसमें हस्तक्षेप करना सही नहीं होगा।मीरा कुमार को लिखे पत्र में चाको ने जेपीसी में विपक्षी दलों के सदस्यों की उस मांग का उल्लेख किया, जिसमें चिदंबरम को समिति के समक्ष बुलाने की मांग की गई थी। चाको ने विपक्षी नेता सिताराम येचूरी (माकपा), सतीश चंद्र मिश्रा (बसपा), गुरू दास दासगुप्ता (भाकपा) और भाजपा सदस्यों की मांग का भी उल्लेख किया। चाको पहले ही भाजपा की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बुलाये जाने की मांग का खारिज कर चुके हैं।

अरविन्द केजरीवाल ने आरोप लगाया कि एनजीओ विवाद में सलमान खुर्शीद का समर्थन कर रही कांग्रेस और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बीच सांठगांठ है जो आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति मामले में उच्चतम न्यायालय में मामले की सुनवाई का सामना कर रहे हैं। विकलांगों की सहायता के नाम पर घोटाले में फंसे सलमान खुर्शीद के बचाव में सरकार और कांग्रेस खुलकर उतर आई है। सलमान ने सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात भी की, लेकिन मंत्रिमंडल से उनके इस्तीफे के संकेत नहीं हैं। सलमान के साथ एकजुटता दिखाने में दिग्विजय समेत पार्टी प्रवक्ताओं ने उनके पक्ष में जहां बयान दिए, वहीं सामाजिक न्याय मंत्री मुकुल वासनिक ने दो-टूक कहा कि खुर्शीद के एनजीओ जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट ने कोई गड़बड़ी नहीं की, लिहाजा उसका अनुदान नहीं रोका जाएगा।

खुर्शीद और उनकी पत्नी लुई द्वारा संचालित डा जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट में कथित अनियमितताओं की उत्तर प्रदेश सरकार की जांच पर केजरीवाल ने कहा कि मंत्री और मुलायम तथा अखिलेश पिता-पुत्र दोनों एक दूसरे को बचाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने दावा किया, ' इस मामले में पर्याप्त सबूत सामने आ रहे हैं लेकिन सवाल यह है कि जांच कौन करेगा। अखिलेश यादव? उनके पिता मुलायम सिंह के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति का मामला उच्चतम न्यायालय में चल रहा है। मुलायम के खिलाफ सरकारी वकील कौन नियुक्त करेगा? कानून मंत्री नियुक्त करेंगे।'

खुर्शीद के इस्तीफे की मांग के साथ चौथे दिन संसद मार्ग पर प्रदर्शन करते हुए केजरीवाल इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'अब खुर्शीद मुलायम सिंह को बचाएंगे और मुलायम के पुत्र खुर्शीद को बचाएंगे।'

कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुई द्वारा संचालित एनजीओ में वित्तीय धांधली के आरोपों में किसी तरह की कार्रवाई से पहले सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्ट का इंतजार है। मंत्रालय के एक सूत्र ने यहां कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच का आदेश दिया है और उसके आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने दस्तावेज एकत्रित करना शुरू कर दिया है। हम इस ट्रस्ट द्वारा धन संबंधी अनियमितताओं के आरोपों के संबंध में कोई कार्रवाई करने से पहले इस रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।सूत्र ने कहा कि राज्य सरकार 2003.04 से ट्रस्ट के लिए सिफारिशें देती रही है। उन्होंने कहा कि पहले राज्य सरकार को मामले की जांच करनी है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय राज्य सरकार की सिफारिशों के आधार पर ही इन एनजीओ को धन देता है। सामाजिक न्याय मंत्री मुकुल वासनिक ने आज कहा कि ट्रस्ट ने पिछले साल मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने कहा कि जब जाकिर हुसैन ट्रस्ट ने जांच रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी थी तो मेरे मंत्रालय का विचार था कि ये रिपोर्ट राज्य सरकार से आनी चाहिए। सही तौर पर उन्हें पुष्टि के लिए राज्य सरकार के पास जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद उस वक्त तक इस्तीफा नहीं देंगे जब तक उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से की जा रही जांच में उनके खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं हो जाते। नारायणसामी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कानून मंत्री तब तक इस्तीफा नहीं देंगे जब तक उनके खिलाफ लगाए गए आरोप साबित नहीं हो जाते। उत्तर प्रदेश सरकार आरोपों की निष्पक्ष जांच कर रही है। रिपोर्ट का इंतजार करिए।

दूसरी ओर, अपने सहयोगी का बचाव करते हुए केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने सोमवार को कहा कि सलमान खुर्शीद जैसा व्यक्ति 71 लाख रूपये के लिए कोई गलत काम नहीं करेगा और यह राशि तो एक केंद्रीय मंत्री के लिए बहुत छोटी रकम है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि सलमान खुर्शीद एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं। वह केंद्रीय मंत्री हैं। पूर्व में भी वह केंद्रीय मंत्री रहे। जब वह कह रहे हैं कि कोई घोटाला नहीं हुआ तो उनकी बात पर भरोसा करना चाहिए। मैं नहीं सोचता कि खुर्शीद जैसा व्यक्ति 71 लाख रुपये जैसी राशि के लिए कुछ भी करेगा। एक केंद्रीय मंत्री के लिए यह बहुत छोटी रकम है। वर्मा खुर्शीद और उनकी पत्नी द्वारा संचालित एक ट्रस्ट में धन के कथित दुरुपयोग के आरोप पर टिप्पणी कर रहे थे। खुर्शीद ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में इस आरोप को खारिज कर दिया और जांच की पेशकश की थी।

वर्मा ने कहा कि अगर यह 71 करोड़ की बात होती तो मैं खुद भी गंभीर होता। उन्होंने साथ ही कहा कि खुर्शीद को इस्तीफा नहीं देना चाहिए। वर्मा ने कार्यकर्ता से नेता बने अरविंद केजरीवाल को भी निशाने पर लिया जो इस मुद्दे पर खुर्शीद के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वर्मा ने कहा कि केजरीवाल एक पार्टी शुरू कर रहे हैं। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। भारत में बहुदलीय व्यवस्था है तथा एक दल और आएगा। यह अच्छी बात है। लेकिन मैं उन्हें सलाह दूंगा। हर दिन केवल भौंके नहीं बल्कि कभी बाघ की तरह दहाड़ें भी। हमेशा भौंकने वालों की कोई कीमत नहीं रहती।

पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढाने के हाल के निर्णयों पर तीखी बहस के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि इन उत्पादों के घरेलू दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरुप रखना उपभोक्ता और निवेशक दोनों के हित में है। गौरतलब है कि सरकार ने सरकारी खजाने पर सब्सिडी का बोझ हल्का करने के लिए अभी पिछले महीने ही डीजल के दाम 5.62 रुपये लीटर बढ़ाये हैं तथा सस्ते रसाईं गैस सिलेंडर की आपूर्ति भी एक साल में छह पर सीमित कर दी है। सरकार के इस निर्णय का जगह जगह अब भी विरोध किया जा रहा है जबकिअंतरराष्ट्रीय कीमत के हिसाब से तेल कंपनियों को अभी भी डीजल पर 11.05 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है।


राष्ट्रपति ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल करने की दिशा में पेट्रोलियम पदापेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढाने के हाल के निर्णयों पर तीखी बहस के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि इन उत्पादों के घरेलू दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरुप रखना उपभोक्ता और निवेशक दोनों के हित में है। गौरतलब है कि सरकार ने सरकारी खजाने पर सब्सिडी का बोझ हल्का करने के लिए अभी पिछले महीने ही डीजल के दाम 5.62 रुपये लीटर बढ़ाये हैं तथा सस्ते रसाईं गैस सिलेंडर की आपूर्ति भी एक साल में छह पर सीमित कर दी है। सरकार के इस निर्णय का जगह जगह अब भी विरोध किया जा रहा है जबकिअंतरराष्ट्रीय कीमत के हिसाब से तेल कंपनियों को अभी भी डीजल पर 11.05 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है।

राष्ट्रपति ने यहां विज्ञान तेल एवं गैस उद्योग पर भारत के 10वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पेट्रोटेक.2012 का उद्घाटन करते हुये कहा अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदाथोर्ं की कीमतों में तेजी के मौजूदा परिवेश में मूल्यों को अधिक से अधिक वैश्विक बाजार के अनुरुप रखना उपभोक्ता और निवेशक दोनों के हित में है। पेट्रोलियम इंर्ंधन के मामले में भारत की वैश्विक बाजार भारी निर्भरता की ओर संकेत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, वैश्विक वित्तीय बाजार की तरह दुनिया का उर्जा क्षेत्र भी एक दूसरे पर निर्भर है और कोई देश इससे अपने को अलग नहीं रख सकता। उन्होंने कहा कि देश का पेट्रोलियम आयात 150 अरब डालर के पार पहुंच चुका है। अपने ईंधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें तीन चौथाई कच्चे तेल का आयात करना पड़ता है। सरकार ने जून 2010 में पेट्रोल के दाम नियंत्रणमुक्त कर दिये थे और डीजल के दाम भी बाजार पर छोड़ने को सिद्धांत रुप में स्वीकार किया था।

राष्ट्रपति ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल करने की दिशा में पेट्रोलियम  पदार्थों की बेहतर मांग प्रबंधन पर भी जोर दिया। उन्होंने तेल एवं गैस उद्योग से भी कहा कि वह लक्ष्य हासिल करने में सरकार की मदद करे। पेट्रोलियम पदार्थों के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरुप रखने के साथ साथ उन्होंने जनता से भी इस सच्चाई को समझने पर जोर दिया कि बेहतर भविष्य के लिये उर्जा खपत और इसकी लागत तथा उपलब्धता के बीच बेहतर संतुलन बिठाने की आवश्यकता है।

मुखर्जी ने कहा कि एक तरफ उर्जा की बढ़ती मांग का जोर है जबकि दूसरी तरफ सीमित संसाधनों की चुनौती है। इस स्थिति को देखते हुये उर्जा क्षेत्र की नीतियों को नया रुप देने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि तेल एवं गैस क्षेत्र में 1999 से नई तेल उत्खनन लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) आने के बाद से तेल गैस के 87 स्रोतों खोज हुई है और इस क्षेत्र में 14 अरब डालर का निवेश हुआ है। इसके अलावा भारत पेट्रोलियम पदाथोर्ं का बड़ निर्यातक बनकर भी उभरा है। कच्चे तेल के बढ़ते आयात से देश में 21.5 करोड़ टन रिफाइनिंग क्षमता स्थापित हुई है और इससे छह करोड़ टन पेट्रोलियम पदाथोर्ं का निर्यात किया गया जिससे 60 अरब डालर की विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई।

प्रणब मुखर्जी ने यह भी कहा कि सरकार कोयला खानों से मीथेन गैस, पुरानी नरम चट्टानों से शेल गैस, समुद्र की गहराईयों में मिलने वाले गैस हाइड्रेट और जैव ईंधन की उपलब्ध संभावनाओं का दोहन करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही हे। विदेशों में तेल और गैस संपत्तियां हासिल करने वाली कंपनियों को भी पूरा समर्थन दिया जा रहा है। की बेहतर मांग प्रबंधन पर भी जोर दिया। उन्होंने तेल एवं गैस उद्योग से भी कहा कि वह लक्ष्य हासिल करने में सरकार की मदद करे। पेट्रोलियम पदार्थों के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरुप रखने के साथ साथ उन्होंने जनता से भी इस सच्चाई को समझने पर जोर दिया कि बेहतर भविष्य के लिये उर्जा खपत और इसकी लागत तथा उपलब्धता के बीच बेहतर संतुलन बिठाने की आवश्यकता है।

मुखर्जी ने कहा कि एक तरफ उर्जा की बढ़ती मांग का जोर है जबकि दूसरी तरफ सीमित संसाधनों की चुनौती है। इस स्थिति को देखते हुये उर्जा क्षेत्र की नीतियों को नया रुप देने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि तेल एवं गैस क्षेत्र में 1999 से नई तेल उत्खनन लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) आने के बाद से तेल गैस के 87 स्रोतों खोज हुई है और इस क्षेत्र में 14 अरब डालर का निवेश हुआ है। इसके अलावा भारत पेट्रोलियम पदाथोर्ं का बड़ निर्यातक बनकर भी उभरा है। कच्चे तेल के बढ़ते आयात से देश में 21.5 करोड़ टन रिफाइनिंग क्षमता स्थापित हुई है और इससे छह करोड़ टन पेट्रोलियम पदाथोर्ं का निर्यात किया गया जिससे 60 अरब डालर की विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई।

प्रणब मुखर्जी ने यह भी कहा कि सरकार कोयला खानों से मीथेन गैस, पुरानी नरम चट्टानों से शेल गैस, समुद्र की गहराईयों में मिलने वाले गैस हाइड्रेट और जैव ईंधन की उपलब्ध संभावनाओं का दोहन करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही हे। विदेशों में तेल और गैस संपत्तियां हासिल करने वाली कंपनियों को भी पूरा समर्थन दिया जा रहा है।



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