Saturday, September 29, 2012

Fwd: press note by Nikhat Parwen wife of Fashih Mahmood demanding his release from saudi



---------- Forwarded message ----------
From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/9/28
Subject: press note by Nikhat Parwen wife of Fashih Mahmood demanding his release from saudi
To: EXPOSE ATS <exposeats@gmail.com>


Release my husband immediately – Nikhat Parveen

 

 

Patna, 27 September 2012

The abduction of my husband Faseeh Mehmood by Indian Intelligence Agencies in Saudi Arabia is not only illegal but also a criminal act. It raises questions about the activities of the Indian Intelligence Agencies. Saudi Government recently said in the context of my husband's extradition that, since the Indian intelligence agencies have failed to provide any logical evidence, so they will not be given charge of Faseeh. This proves that my husband is innocent and also that his abduction by the Indian agencies is a criminal act.

 

I have repeatedly told the Government of India(GoI) about his abduction by Indian agencies and also filed a habeas corpus on 24th of May. After irresponsibly spending over a month, on the 9th of July the GoI told me that the Saudi Government had informed the former on 26th of June about the detention of Faseeh. At that time the government said that they had no role in his detention.

 

All these events raise several questions. Firstly, if there is no allegation on my husband in Saudi Arabia then how can he be arrested there? Secondly, if the Indian agencies say that they had no role in his arrest then how is it that after I filed the habeas corpus, they issued a red corner notice against him on  31st  of May and a warrant again on 28th of May?   

 

I want to know that, despite the GoI claiming to have no role in Faseeh's arrest, why is it that on one hand the Saudi government is accusing the Indian government of not being able to produce any logical evidence against him, and on the other hand the Indian government is talking about producing the said evidence? Also, the extradition treaty between the Indian and Saudi government clearly provides that if there is no evidence gathered against the accused within 2 months, he must be released. Then why is it that despite Indian government's failure to produce any evidence at all, my husband is not being released even after 4months?

 

Why is the Government of India trying to save its Intelligence Agencies? Why is my family and I being separated from my husband for the past 4 months? Is this not a human right violation in a democratic country? I have repeatedly demanded that I be allowed to meet my husband but the government did not pay heed to this right of mine. On the contrary, the government has consistently supported the Intelligence Agencies that have produced false evidences against my husband and have also been involved in illegal and criminal activities.

 

I hereby demand that my husband be released immediately. Also, strict action be taken and cases be filed against guilty officers of the Indian Intelligence Agencies who are responsible for his abduction.

 

 

By- Nikhat Parveen - Wife of Faseeh Mehmood, Village – Baarh Samela, Post Office – Samela Lalganj, Thana – Kyoti Runway, District – Darbhanga, State – Bihar , Phone - 07739420290


सरकार मेरे पति को तत्काल रिहा करे- निकहत परवीन

पटना 27 सितम्बर 2012/ मेरे पति फसीह महमूद का सउदी अरब में भारतीय एजेंसियों द्वारा अपहरण किया जाना अवैध और आपराधिक घटना है। जिससे भारतीय खुफिया एजेंसियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगता है। मेरे पति के प्रत्यर्पण के सम्बन्ध में पिछले दिनों सउदी सरकार द्वारा दिए गए बयान कि फसीह महमूद के खिलाफ कोई तार्किक आरोप भारतीय एजेंसियां नहीं लगा पाई हैं और इसलिए वो मेरे पति को भारतीय एजेंसियों को नहीं सौपेगी से यह साबित हो जाता है कि मेरे पति निर्दोष तो हैं ही साथ ही उनको अवैध रुप से भारतीय एजेंसियों द्वारा उठाया गया है। जो एक आपराधिक घटना है।

मैंने सरकार से अपने पति के भारतीय एजेंसियों द्वारा गायब करने की बात को बार-बार कहा और अंत में 2े4 मई को हैबियस कार्पस भी दाखिल किया। उस पर गैरजिम्मेदाराना तरीके से महीने से ज्यादा वक्त गुजरने के बाद 9 जुलाई को सरकार ने कहा कि सउदी सरकार ने उन्हें 26 जून को बताया कि फसीह उनकी हिरासत में हैं और भारतीय सरकार ने कहा कि फसीह की गिरफ्तारी में हमारा कोई हाथ नहीं है।

ऐसे में सवाल उठता है कि जब मेरे पति के ऊपर सउदी में कोई आरोप नहीं है तो उन्हें वहां कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है? दूसरे कि जब भारतीय एजेंसियों का उनकी गिरफ्तारी में कोई हाथ नहीं है तो फिर उनके खिलाफ मेरे 24 मई के हैबियस कार्पस के बाद 28 मई को वारंट और 31 मई को रेड कार्नर नोटिस क्यों जारी किया गया?

मैं सरकार से पूछना चाहती हूं कि जब भारतीय सरकार का फसीह की गिरफ्तारी में कोई हाथ नहीं है तो फिर सउदी सरकार, भारत सरकार पर फसीह के खिलाफ तार्किक सबूत न दे पाने का आरोप क्यों लगा रही है या फिर उसके जवाब में भारत सरकार फसीह के खिलाफ कथित सबूत देने की बात क्यों कर रही है? मैं सरकार से यह भी जानना चाहूंगी कि भारत और सउदी सरकार के बीच हए प्रत्यर्पण संधि के मुताबिक जब किसी भी अभियुक्त के खिलाफ दो महीने तक कोेई सबूत नहीं मिलता तो उसे छोड़ दिए जाने का प्रावधान है, ऐसे में जब मेरे पति के खिलाफ जब भारत सरकार कोई सबूत नहीं दे पाई तब भी उन्हें चार महीने बीत जाने के बावजूद क्यों नहीं छोड़ा गया?

मैं सरकार से जानना चाहूंगी कि सरकार खुफिया एजेंसियों को क्यों बचा रही है? पिछले चार महीने से मेरे पति से मुझे और मेरे पूरे परिवार को अलग करके क्यों रखा है? क्या लोकतांत्रिक देश में यह मानवाधिकार हनन नहीं है? मैंने बार-बार मांग की कि मुझे मेरे पति से मिलने का मौका दिया जाय, जो मेरा अधिकार है, इस पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। पर मेरे पति के खिलाफ झूठे सबूत रचने वाली खुफिया एजेंसियां जब-जब अपनी गैरकानूनी और आपराधिक शैली की वजह से फंसती नजर आईं सरकार उनके साथ खड़ी हुई।

ऐसे में मैं मांग करती हूं कि मेरे पति को तत्काल रिहा किया जाय और उनका अपहरण करने वाले भारतीय खुफिया एजेंसियों के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया जाय।


द्वारा-
निकहत परवीन
पत्नी- फसीह महमूद
ग्राम- बाढ़ समेला
पोस्ट आॅफिस- समेला लालगंज
थाना- क्योटी रनवे
जिला- दरभंगा बिहार
मोबाइल नंबर- 07739420290


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