दूसरे चरण के आर्थिक सुधार लागू करने का फार्मूला ईजाद !
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
दूसरे चरण के आर्थिक सुधार लागू करने का फार्मूला ईजाद !वित्तीय विधेयकों का पास कराकर कारपोरेट परियोजनाओं को पास कराने की गरज सत्ता में बने रहने के लिए कांग्रेस और सत्ता में आने की दावेदारी बनाये रखने के लिए भाजपा तो सत्ता में अपने हिस्से की मलाई बटोरने के लिए बाकी दलों की सर्वोच्च प्राथमिकता है।जाहिर है कि रिटेल में एफडीआइ [प्रत्यक्ष विदेशी निवेश] के मुद्दे पर संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष का गतिरोध खत्म होने के प्रबल आसार हैं। इसके लिए फार्मूला तैयार हो गया है। सरकार वोटिंग के नियम के तहत चर्चा पर राजी हो गई है, लेकिन वह विपक्ष से आर्थिक सुधारों से जुड़े विधेयकों पर अड़ंगा न लगाने का वादा चाहती है। यद्यपि, सरकार खुद वोटिंग के साथ बहस पर राजी होने का एलान करने के बजाय मामला लोकसभा अध्यक्ष व राज्यसभा सभापति पर छोड़ रही है। बहरहाल, बहुमत की संख्या का जुगाड़ हो जाने के बाद मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन से बने गतिरोध को समाप्त करने के प्रयास में सरकार ने बुधवार को संकेत दिया कि वह दोनों सदनों में मत विभाजन वाले नियमों के तहत इस विषय पर चर्चा कराने को तैयार है। केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि ने बुधवार को मुलाकात की और संसद में यूपीए को समर्थन देने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।अब्दुल्ला ने मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, 'उन्होंने यूपीए को समर्थन दिया है उसके लिए मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं।' एफडीआई के मुद्दे पर क्या यूपीए सरकार संसद में मजबूत स्थिति में है, इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने जवाब दिया कि संसद में वे मजबूत स्थिति में हैं।एफडीआई के मुद्दे पर वोटिंग के आसार बनने से आर्थिक सुधार से जुड़े बिल पारित होने की संभावना बढ़ी है। सदन में 25 बिल पारित होने हैं जिनमें कंपनी बिल, बैंकिंग लॉ (अमेंडमेंट), इंश्योरेंस लॉ, एफसीआरए, पीएफआरडीए बिल शामिल हैं। इसके अलावा सरकार की जमीन अधिग्रहण बिल पारित कराने की योजना है।
इसी बीच ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कॉरपोरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) का मानना है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ इस साल 4.5 फीसदी तक गिर सकती है। ये अनुमान आईएमएफ के अब तक के सबसे कम अनुमान 4.9 फीसदी से भी कम है।
ओईसीडी के मुताबिक हाल में लिए रिफॉर्म फैसलों से मध्यम अवधि में तो ग्रोथ और निवेश बढ़ेगा पर लंबी अवधि में भारत में मंदी संभव है।ओईसीडी की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीस को बेलआउट मिलने के बावजूद दुनिया भर के देशों पर यूरोपीय संकट का खतरा बरकरार है। अमेरिका में फिस्कल क्लिफ और यूरोप संकट वैश्विक अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी चिंताएं हैं। इतना ही नहीं अपनी छमाही रिपोर्ट जारी करते हुए ओईसीडी ने ग्लोबल ग्रोथ का अनुमान भी करीब 3.5 फीसदी से घटाकर 2.9 फीसदी कर दिया है।
भाजपा के मत विभाजन वाले नियमों के अंतर्गत ही चर्चा कराए जाने पर अड़े रहने पर संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ आज लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली से मिले।
इन दोनों से बातचीत के बाद कमलनाथ ने कहा कि संसद को चलाने के हित को देखते हुए पीठासीन अधिकारी कोई भी फैसला (किसी भी नियम के तहत चर्चा कराने का) कर सकते हैं। सुषमा और जेटली से मिलने से पहले वह लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी से भी मिले।
विपक्ष के नेताओं ने उनसे मिलने आए कमलनाथ से स्पष्ट कर दिया कि वे केवल उसी नियम के तहत चर्चा कराने पर राजी होंगे जिसमें बहस के बाद मत विभाजन का प्रावधान होगा। दोनों ने संसदीय कार्य मंत्री से यह शिकायत भी की कि एफडीआई मामले में कोई निर्णय करने से पहले सभी राजनीतिक दलों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित संबंधित हितधारकों से विचार विमर्श करने के संसद के दोनों सदनों में दिए गए अपने आश्वासन का सरकार ने सीधा उल्लंघन किया है।
कमलनाथ से लगभग एक घंटे की मुलाकात के बाद सुषमा ने कहा कि ऐसी स्थिति में बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के सरकार के एकतरफा निर्णय के बारे में सदन की भावना जानने का एकमात्र रास्ता यही बचता था कि इस मुद्दे पर चर्चा के बाद सदन में मत विभाजन भी कराया जाए।
कमलनाथ ने बहुमत का विश्वास जताते हुए कहा कि सरकार के लिए संख्या चिंता की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सदस्य इतने परिपक्व हैं कि वे एफडीआई के पक्ष में निर्णय करेंगे। उन्होंने विपक्ष के इस आरोप से इंकार किया कि संख्या बल जुटाने के प्रयास में सरकार ने शीतकालीन सत्र के पहले चार दिन बर्बाद किए।
यह कहे जाने पर कि प्रमुख सहयोगी दल द्रमुक को एफडीआई मुद्दे पर मनाने के बाद ही सरकार मत विभाजन वाले नियम के तहत चर्चा के लिए तैयार हुई, संसदीय कार्य मंत्री ने दावा किया पहले दिन से मैं कहता आ रहा हूं कि हमारे पास संख्या है।
उधर, सुषमा ने संसद में चर्चा के बाद वोटिंग की मांग पर मुख्य विपक्षी दल के अड़े रहने को सही बताते हुए कहा कि इससे सरकार गिर नहीं जाएगी। केवल एफडीआई का निर्णय गिरेगा। अगर संसद का बहुमत इस निर्णय के विरुद्ध है तो सरकार को उसका आदर करना चाहिए।
कमलनाथ ने तर्क दिया कि सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में अधिकतर बिना वोटिंग के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराने के पक्ष में थे। उस बैठक में यह बात भी सामने आई कि अधिकांश दल चाहते हैं कि संसद चले।
उन्होंने कहा कि सरकार मत विभाजन वाले नियम 184 के तहत चर्चा को अपनी ओर से स्वीकार नहीं कर सकती है। हमने यह निर्णय पीठासीन अधिकारियों पर छोड़ दिया है। सदन को चलाने के लिए वे जो निर्णय लेना चाहते हैं, उन्हें लेने दीजिए।
इस सवाल पर कि विपक्ष के वोटिंग कराने पर अड़े रहने को देखते हुए क्या सरकार इसके लिए तैयार हुई है, उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ नहीं हैं।
फ्रांस में लक्ष्मी मित्तल को लग सकता है झटका
आर्सेलर मित्तल के चेयरमैन लक्ष्मी मित्तल को फ्रांस में अपना एक स्टील प्लांट खोना पड़ सकता है। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने ये कहा है कि फ्रांस में फ्लोरेंज स्टील प्लांट का राष्ट्रीयकरण किया जा सकता है। इस मामले पर लक्ष्मी मित्तल ने फ्रेंच राष्ट्रपति से मुलाकात भी की है।
फ्रेंच राष्ट्रपति का कहना है कि फ्लोरेंज स्टील प्लांट के 600 लोगों की नौकरी बचाने के लिए वो प्लांट ले सकते हैं। आर्सेलर मित्तल ने ऐलान किया था कि वो दिसंबर में इस प्लांट को बंद कर देगी, अगर सरकार इसे चलाने के लिए कोई खरीदार नहीं ढूंढ़ पाती है।
हालांकि फ्रांस सरकार के उद्योग मंत्री ने लक्ष्मी मित्तल पर झूठ बोलने और फ्रांस का अपमान करने का आरोप लगाया था। सरकार का कहना है कि स्टील प्लांट बंद करने का फैसला 2006 में किए गए वादे का उल्लंघन है।
4 भारतीय ब्रोकरेज पर एसईसी ने लगाया जुर्माना
अमेरिकी शेयर बाजारों के रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन (एसईसी) ने 4 भारतीय ब्रोकरेज कंपनियों को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया है।
एंबिट कैपिटल, एडेलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज, जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज पर एसईसी ने 18 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया है।
इन ब्रोकरेज कंपनियों पर बगैर रजिस्ट्रेशन के संस्थागत निवेशकों को सेवाएं मुहैया कराने का आरोप लगा है।
जीएमआर के माले एयरपोर्ट का कॉन्ट्रैक्ट रद्द
मालदीव में जीएमआर ग्रुप के माले एयरपोर्ट का कॉन्ट्रैक्ट रद्द हो गया है। मालदीव कैबिनेट ने ये फैसला लिया है। जीएमआर पर कॉन्ट्रैक्ट लेने में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था।
मालदीव में पिछली सरकार ने जीएमआर को 50 करोड़ डॉलर का एयरपोर्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट दिया था और इस साल के शुरू में नई सरकार बनते ही इस पर तलवार लटकी हुई थी। जीएमआर इंफ्रा ने मालदीव सरकार के फैसले को सिंगापुर कोर्ट में चुनौती देने का फैसला लिया है। जीएमआर ग्रुप का कहना है कि मालदीव सरकार का फैसला अवैध है। उसने माले एयरपोर्ट को चलाने की हर संभव कोशिश की है और आगे भी अपने एसेट्स और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।
इधर भारत सरकार ने भी मालदीव सरकार के फैसले पर हैरानी जताई है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि मालदीव सरकार ने एयरपोर्ट कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने से पहले जीएमआर से चर्चा नहीं की, ना ही मध्यस्थता की कोई कोशिश की गई। जीएमआर का निवेश मालदीव में सबसे बड़ा विदेशी निवेश था। इससे विदेशी निवेशकों में अच्छा संदेश नहीं जाएगा।
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