---------- Forwarded message ----------
From: Amalendu Upadhyaya <amalendu.upadhyay@gmail.com>
Date: 2011/8/18
Subject: हस्तक्षेप.कॉम अन्ना के समर्थक या अन्नाई वैचारिक आतंकवादी.
To: hastakshep@googlegroups.com
अन्ना के समर्थक या अन्नाई वैचारिक आतंकवादी.
अन्ना हजारे के आंदोलन के कई समर्थक हैं. यह समर्थक अन्ना के आंदोलन को समर्थन देने के साथ-साथ अन्ना के आंदोलन के सम्बन्ध में किया जा रहे किसी भी सवाल या विचारक वाद-विवाद को रोकने के लिए भी तत्पर हो गए हैं. कहीं किसी भी मंच पर अगर चाहें वह फेसबुक, ब्लॉग या किसी भी वेबसाईट जैसे वर्चुअल मंच हो या गाली कूचे पर अन्ना के आंदोलन के विरुद्ध कोई भी लोकतांत्रिक टिपण्णी होते ही अन्नावादियों का पूरा हुजूम व्यक्तिगत गाली गलौज पर उतर आता है. अन्ना के आंदोलन जिसके उद्देश्य क्या हैं इसी पर संशय बरकरार है. पहला सवाल ही यही उठता है कि अन्ना अपने एनजीओ वाले मित्रों के लोकपाल को असंसदीय और अलोकतान्त्रिक तरीके से देश पर थोपना चाहते हैं. क्योंकि कानून बनाने का अधिकार सिर्फ संवैधानिक व्यवस्था में संसद के पास होता है. तो यह आंदोलन देश विरोधी है या देश हित में यह एक सवाल उठता है. जब इस आंदोलन पर इतना बड़ा सवाल खड़ा है. तब कैसे कोई कह सकता है कि अन्ना का आन्दोलन लोकतान्त्रिक है.......................
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From: Amalendu Upadhyaya <amalendu.upadhyay@gmail.com>
Date: 2011/8/18
Subject: हस्तक्षेप.कॉम अन्ना के समर्थक या अन्नाई वैचारिक आतंकवादी.
To: hastakshep@googlegroups.com
अन्ना के समर्थक या अन्नाई वैचारिक आतंकवादी.
अन्ना हजारे के आंदोलन के कई समर्थक हैं. यह समर्थक अन्ना के आंदोलन को समर्थन देने के साथ-साथ अन्ना के आंदोलन के सम्बन्ध में किया जा रहे किसी भी सवाल या विचारक वाद-विवाद को रोकने के लिए भी तत्पर हो गए हैं. कहीं किसी भी मंच पर अगर चाहें वह फेसबुक, ब्लॉग या किसी भी वेबसाईट जैसे वर्चुअल मंच हो या गाली कूचे पर अन्ना के आंदोलन के विरुद्ध कोई भी लोकतांत्रिक टिपण्णी होते ही अन्नावादियों का पूरा हुजूम व्यक्तिगत गाली गलौज पर उतर आता है. अन्ना के आंदोलन जिसके उद्देश्य क्या हैं इसी पर संशय बरकरार है. पहला सवाल ही यही उठता है कि अन्ना अपने एनजीओ वाले मित्रों के लोकपाल को असंसदीय और अलोकतान्त्रिक तरीके से देश पर थोपना चाहते हैं. क्योंकि कानून बनाने का अधिकार सिर्फ संवैधानिक व्यवस्था में संसद के पास होता है. तो यह आंदोलन देश विरोधी है या देश हित में यह एक सवाल उठता है. जब इस आंदोलन पर इतना बड़ा सवाल खड़ा है. तब कैसे कोई कह सकता है कि अन्ना का आन्दोलन लोकतान्त्रिक है.......................
बहुत दूर से आये हैं तेरे दर पे सवाली
August 18, 2011 at 7:16 pm
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लोगों से बड़ी कोई चीज नहीं है..न सरकार, न संसद, न संविधान और न भगवान
August 18, 2011 at 6:07 pm
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भीड़ के पांव होते हैं, दिमाग नहीं
August 18, 2011 at 4:40 pm
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बामुलाहिजा :अन्ना पुलिस को रिहा हर दें [कार्टून]
August 18, 2011 at 1:05 pm
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अन्ना के समर्थक या अन्नाई वैचारिक आतंकवादी.
August 18, 2011 at 1:01 pm
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बिहार में भी तो कोई लैंड स्कैम होना चाहिए
August 18, 2011 at 12:50 pm
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अन्ना हजारे के नाम खुला खत
August 18, 2011 at 12:34 pm
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अन्ना का समर्थन,कांग्रेस को जवाब
August 18, 2011 at 10:59 am
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आखिर राहुल गांधी चुप क्यों हैं
August 18, 2011 at 10:49 am
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मीडिया बोले – "ब्रांडेड अन्ना "
August 18, 2011 at 10:21 am
- भीड़ के पांव होते हैं, दिमाग नहीं
- अन्ना हजारे के नाम खुला खत
- भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की दशा व दिशा
- भ्रष्टाचार उन्मूलन यथार्थ के आईने में
- अन्ना जी लोकतंत्र इतना सस्ता नहीं है
- अन्ना जी ज़रा धीरे चलो, ये पब्लिक है सब जानती है
- अन्ना का लोकपाल, पीली चूडि़यों का करवाचौथ
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अमलेन्दु उपाध्याय
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Palash Biswas
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