पलाश विश्वास
दिल्ली पुलिस को आखिरकार सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की मांगों के आगे झुकना ही पड़ा। उसने अन्ना हजारे को जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान की जगह रामलीला मैदान में अनशन की अनुमति दे दी है। साथ ही वह इस बात पर भी तैयार हो गई है कि अन्ना हजारे वहां सात दिनों तक अनशन कर सकते हैं, जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है। सरकार जहां अन्ना हजारे को मनाने की हर संभव कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा है। पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा है कि अन्ना को अमेरिका ने समर्थन क्यों दिया, इसकी जांच होनी चाहिए। अमेरिका की ओर से बयान आया था कि भारत लोकतांत्रिक देश है और वहां किसी को अनशन की इजाजत मिलने में मुश्किल नहीं आनी चाहिए।
मंडल कमीशन रपट को लागू होने से रोकने के लिए जिसतरह मंडल के विरोध में कमंडल फार्मूला के तहत ब्राह्मण राजनीतिक दलों ने राममंदिर आंदोलन चलाया. ठी क उसी तर्ज पर भारत मुक्ति मोर्चा की रामलीला मैदान में पहली सितंबर को होनेवाली महारैली को रोकने के लिए फर्जी भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन और दूसरी आजादी आंदोलन के नाम पर सत्तावर्ग ने रामलीला मैदान को महीनाभर के लिए अन्ना हजारे के हवाले कर दिया। मालूम हो कि मूलनिवासी महारैली की तैयारी सभी रोज्यों और सभी गांवों में जोर शोर से चल रही है। इसके दबाव में संसद के अंदर भी जाति जनगणना में धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज उठने लगी तो महारैली के नतीजे को अंदाज करते हुए ब्राह्मणों ने रामलीला मैदान ही अपने कब्ज में कर लिया। अभी ज्यादा दिन नहीं हुआ जबकि भारत मुक्ति मोर्चा को मुंबई में शिवाजी पार्क में रैली करने की इजाजत नहीं दी गयी।
समाजसेवी और गांधीवादी अन्ना हजारे के आंदोलन में समर्थकों का सैलाब देखकर योग गुरु बाबा रामदेव को अपने अनशन की याद आ गई। बाबा रामदेव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके अनशन के समय सरकार ने आंसू गैस के गोले और लाठियां बरपायी थी। बाबा रामदेव ने कहा कि यह सारी चीजें सरकार पर निर्भर है मगर उन सबके बाद भी बाबा रामदेव अन्ना हजारे के साथ है क्योंकि वह जानते हैं कि अन्ना सच्ची और जायज चीजों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
विधि का शासन संविधान के मूल ढांचे का जरूरी हिस्सा है। इसका उल्लंघन संसद भी नहीं कर सकती। वास्तव में वह भी इससे बंधी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसएच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच ने यह व्यवस्था दी है। संवैधानिक बेंच ने मंगलवार को कहा,'विधि के शासन को धारणा के रूप में हमारे संविधान में जगह नहीं मिली है। लेकिन इसे हमारे संविधान की मूल विशेषता में माना जाता है।
रामलीला मैदान में होगा अनशन,अनशन की मियाद पर बातचीत जारी
अन्ना हजारे अभी भी तिहाड़ जेल परिसर में ही मौजूद हैं और उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह तब तक परिसर से बाहर नहीं निकलेंगे जब तक कि उन्हें बगैर प्रतिबंधों के अनशन की अनुमति नहीं दे दी जाती। फिलहाल, अन्ना हजारे पक्ष व दिल्ली पुलिस के बीच वार्ता जारी है।
अन्ना हजारे की सहयोगी व पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी किरण बेदी ने तिहाड़ के बाहर जुटी भीड़ को सम्बोधित करते हुए कहा, "जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान में अन्ना हजारे के अनशन से सामान्य जनजीवन पर असर पड़ सकता है इसलिए हम चाहते थे कि किसी ऐसे स्थान पर अनशन हो जिससे आम आदमी को किसी प्रकार की परेशानी न हो। खुद दिल्ली पुलिस ने हमारे सामने रामलीला मैदान का प्रस्ताव रखा।"
उन्होंने कहा, "अब बात सिर्फ समय सीमा को लेकर रह गई है। अन्ना हजारे चाहते हैं कि उन्हें कम से कम 30 दिनों के अनशन की अनुमति दी जाए लेकिन सरकार चाहती है कि अन्ना हजारे जल्द से जल्द अपना अनशन खत्म करें। इसे लेकर बातचीत हो रही है।"
किरण बेदी, मनीष सिसौदिया और स्वामी अग्निवेश के साथ अन्ना हजारे व अन्य सहयोगियों से मिलने तिहाड़ के अंदर गई थीं, जहां उनकी दिल्ली पुलिस से वार्ता हो रही है। सूत्रों के मुताबिक अन्ना हजारे पक्ष दिल्ली पुलिस से अपनी शर्तो पर लिखित आश्वासन चाहता है।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "जिन छह शर्तो पर अन्ना हजारे पक्ष को एतराज था, उनमें हमने छूट दी है। हमने सात दिनों तक अनशन करने की इजाजत दी है, जिसे बढ़ाया भी जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि अनशन स्थल जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान से रामलीला मैदान में स्थानांतरित कर दिया गया है। साथ ही वहां अनशन के समर्थन में आने वाले लोगों व गाड़ियों की संख्या सीमित रखने पर कोई पाबंदी नहीं होगी।
ज्ञात हो कि अन्ना हजारे ने दिल्ली पुलिस की सभी शर्तो को मानने से इंकार कर दिया था,जिसके बाद उन्हें मंगलवार सुबह हिरासत में ले लिया गया था। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर सात दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
अन्ना हजारे ने वहां भी अपना अनशन जारी रखा। इसके बाद सरकार की ओर से उनकी रिहाई के आदेश दिए गए लेकिन अन्ना हजारे ने तब तक तिहाड़ छोड़ने से इंकार कर दिया जब तक कि उन्हें बगैर प्रतिबंधों के अनशन की अनुमति नहीं दे दी जाती।
मंगलवार की रात तिहाड़ जेल के प्रशासनिक ब्लॉक में रात गुजारने के बाद अन्ना ने बुधवार सुबह फिर दिल्ली पुलिस को अपनी मंशा साफ कर दी कि वह बगैर अनुमति के वहां से बाहर नहीं निकलने वाले हैं।
इससे पहले, अन्ना हजारे की टीम के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा, "जेपी पार्क या अन्य किसी सार्वजनिक स्थल पर अनशन की बिना शर्त अनुमति मिलने तक वह तिहाड़ जेल में अनशन जारी रखेंगे। यदि सरकार हमें ऐसा करने की अनुमति देती है तो वह तिहाड़ से बाहर आएंगे और वहां अनशन करेंगे।"
भूषण ने कहा कि अन्ना की टीम सरकार से किसी भी चर्चा के लिए तैयार है लेकिन इससे पहले अनशन की बिना शर्त अनुमति देनी होगी।
भूषण ने कहा, "देश भर से उनको जबरदस्त समर्थन मिला है। हमारा विरोध प्रदर्शन अब केवल लोकपाल विधेयक तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि यह देश में वास्तविक लोकतंत्र लाने का आंदोलन बन गया है। हम चाहते हैं कि देश के लोग नीतियां बनाने में वास्तविक भूमिका निभाएं।"
अन्ना हजारे की टीम ने बुधवार शाम चार बजे इंडिया गेट से संसद भवन तक रैली निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
भूषण ने कहा कि अभी की स्थिति में उन्होंने अन्ना हजारे की गिरफ्तारी और दिल्ली पुलिस के प्रतिबंधों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला टाल दिया है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय जाने से पहले हमें अन्ना हजारे से चर्चा करनी पड़ेगी।
दिल्ली पुलिस और अन्ना हजारे पक्ष के बीच अनशन को लेकर चल रही वार्ता के बीच खुद अन्ना हजारे ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। अन्ना हजारे के सहयोगी व वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के मुताबिक अन्ना हजारे ने लोगों से अपील की है कि वे शांति व संयम बनाए रखे और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में उनका साथ दें।
ज्ञात हो कि प्रशांत भूषण, मेधा पाटकर, स्वामी अग्निवेश और किरण बेदी ने बुधवार को तिहाड़ जेल जाकर अन्ना हजारे व अन्य साथियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद प्रशांत भूषण ने लोगों को अन्ना हजारे का संदेश सुनाया।
इस बीच, योग गुरु बाबा रामदेव ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि वह जन लोकपाल विधेयक के समर्थन में अन्ना हजारे को अनशन करने की अनुमति देने के सम्बंध में दिल्ली पुलिस को निर्देश दें।
बाबा रामदेव ने सुबह 11.45 बजे राष्ट्रपति से मुलाकात की और भ्रष्टाचार के विरोध में अन्ना हजारे की लड़ाई के समर्थन में उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
बाद में बाबा रामदेव तिहाड़ जेल भी गए। हालांकि उन्हें अन्ना हजारे से मिलने के लिए अंदर नहीं जाने दिया गया। इस दौरान बाहर जुटी भीड़ का उन्होंने उत्साहवर्धन किया।
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