गणित का बारा मा आपक क्या विचार छन ?
कॉमेडी मोनोलॉग ::: भीष्म कुकरेती
गणित से सबसे पैल मुखाभेंट तब ह्वे छौ जब मास्टर जीन एक सिखाइ पर मि क्या सबि भरमैन कि एक एक ही हूंद अर इसका नही होता है। मतबल जब मास्टर जीन ब्वाल की १ याने एकाकुण एक बुले जांद तो हम छात्रुन इकै करिक पुछण शुरू कर दे कि यदि एक तैं १ लिखे जांद याने एक कु चिन्ह १ च त वैक , सेक , तैक , कैक , जैक आदि का चिन्ह क्या छन ? मास्टर जीन समझाणो जगा हमर बरमंड फ़ोड़ि देन। पांच दिन तक बरमंड फुड़न अर फुड़वाणो प्रैक्टिस चलणि राइ पर फिर बि हमर समझ मा नि आइ कि यदि एक कु चिन्ह ह्वे १ सकुद तो वैक , सेक , तैक , कैक , जैक आदि का चिन्ह किलै नि ह्वे सकदन। उ त भलो ह्वे वैदिन मूसा काका स्कूल जिना बखर चराणो अयुं छौ अर मूसा काका तैं मास्टर जीक डंडा पर दया ऐ गे। मूसा काकान समझाइ । एक बखर तैं लेक पूछ - कथगा बखर छन ? हमन ब्वाल एक और कथगा ? फिर मूसा काका हैंक बखर लाइ अर पूछ - अब कथगा बखर छन ?
हमन बगैर सुच्यां जबाब दे दे - द्वी अर कथगा ?
फिर मूसा काका एक बखर हौर लाइ अर पुछण मिसे - अब ?
सब्युंन जोर से जबाब दे - तीन
मूसा काका मा नौ बखर छया तो हमन नौ तक बिना गाळी , डंडा खयाँ नौ तक गिनती सीखि दे।
खैर मास्टर जीक डंडा अर मूसा काका जन भल मनिखों की वजै से हमन गिनती इ नि सीख अपितु जोड़ घटाण बि सीख।
फिर पता नी डंडाक जोर से या कनकै धौं हमन जोड़ घटाण सीख पर फिर मास्टर जी बि हम बि गुणा -भाग पर अटिक गेवां। मास्टर जीक डंडा बुल्दु छौ कि एक बटे दो (१/२ ) माने अधा पर हमर मुंड बुल्दु छौ कि एक का तौळ द्वी कनकै। हमर मुंड का हिसाब से द्वी बडु च तो द्वी तो हमेशा एकाक अळग ही ह्वे सकद तौळ ना । डंडा अर हमर मुण्डक मध्य तीन दिन तलक प्रतियोगिता चलणि राइ। पर चौथ दिन किसबा ल्वार कृष्णावतार लेक ऐ गे । किसबा लाब लेक आणु छौ अर वैन स्कूलम लाब बिसैन । मास्टर जीक डंडा अर हमर मुण्डुं मध्य प्रतियोगिता वै से नि दिखे गे। वैन एक लाब फ़ाड़ अर एक हिस्सा दिखैक ब्वाल यु कथगा च ? हमन सरासरी बेहिचक बोली दे - अधा। फिर वैन लाबक चार हिस्सा कार अर एक हिस्सा दिखैक पूछ -कथगा ? हमन जबाब दे - चौथाई अर कथगा।
बस इन मा हमन दर्जा पांच पास कार। पर गणित का डौरन कथगा इ दिल्ली जिना भाजि गेन अर होटलुंम नौकरी करण लग गेन। हमर बैच मादे जु भाज छन एकाक न्यूजीलैंड मा होटल च अर हैंकाक अमेरिका मा मोटल च। काश मि बि गणितक सवालुं से डरिक दिल्ली भाजी जांदु त म्यार बि चिनाई मा त नॉर्थ इंडियन होटल हूंद।
खैर फिर बारी आई बीजगणित की।
उन बीजगणित थोड़ा सरल लग। पर घंघतोळ भरम इख बि हूंद छौ।
मास्टर जीन एक दिन A इज इक्वल टु B अर यदि B इज इक्वल टु C हो तो A इज इक्वल टु C ह्वै जांद सिखाणो बान उदाहरण दे। यदि मोहन सोहन का बराबर हो और सोहन बच्चू का बरोबर हो तो मोहन बच्चू का बरोबर ह्वै जालु। हमर बरमंडन डंडा खाणै राड़ घाळि दे किन्तु गणित मास्टर जी अहिंसक छया त श्याम तलक बि हमर समझ मा नि ऐ कि मोहन अर बच्चू बरोबर कनै ह्वे सकदन ?
बच्चू ह्वे टमटा अर मोहन ह्वै त्रिकालदर्शी पंडित लोकमणि बहुगुणा कु सुपुत्र। चलो सोहन पुड़क्या बामणो नौनु च त कुछ हद तक सोहन मोहन की बराबरी कर सकुद पर कै बि रूप से मोहन बहुगुणा अर बच्चू टमटा बराबर ह्वेई नि सक्दन !
हम तैं बीजगणित कु यु सिद्धांत त समझ आयि कि ना पर त्रिकालदर्शी लोकमणि गुरु जी तैं त बहुत बुरु लग गे। दुसर दिन से लोकमणि गुरु जीन मोहन तैं स्कूल भिजण बंद कर दे अर मोहन तैं ऋषिकेश संस्कृत स्कूलम भर्ती करै दे। आज मोहन बड़ो भारी व्यास च।
बीजगणितन एक छात्र की बलि ले याने मोहन की।
इनि दसम आंद गणितन पता नि कतगौं बळी ले ह्वेलि धौं।
दस बाद भौत सा दगड़या गणित का डौरन क्लर्क बणी गेन। अब पैल नौकरी मा फोकट मा तनखा चटकाणा रैन , घूस सपोड़णा रैन अर अब ना सि पेन्सन खाणा छन।
अग्यारवी मा ट्रिगोनोमेट्री , डिफेरेसियल , कैलकुलस का सवालुं देखि मेरि बि टक टूटी गे अर मीन गणित छोड़िक बायोलॉजी ले ले।
पर आज बि मि गणित से प्रेम करदु।
गणित हम तैं सिखांद कि यदि कखि समस्या च तो हल बि अवश्य च। शायद राहुल गांधी तैं गणित कु असली भेद समजणै जरूरत च ? तुम क्या बुलणा छवाँ ?
5/1/15 , Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
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