---------- Forwarded message ----------
From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/11/8
Subject: report submitted by independent human right activist of there one day visit to faizabad (3 november 2012)
To: rihaimanch <rihaimanch@gmail.com>
फैजाबाद में दुर्गा पूजा, 2012, के अवसर पर हुई हिंसा पर एक रपट व ऐसी
घटनाओं की पुनरावृात्ति न हो इस हेतु सुझाव (जांच दल ने प्रभावित क्षेत्र
का 3 नवम्बर, 2012, को दौरा किया।)
1. हिंसा एकतरफा और प्रयोजित प्रतीत होती है।
2. केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति की संदिग्ध भूमिका। उनके निमंत्रण पत्र
पर 3 नं. बिन्दु में लिखा है कि जुलूस में अधिक संख्या में लोग आएं लेकिन
महिलाएं व बच्चे न आएं। क्या उन्हें होने वाली हिंसा का अंदाजा था?
3. हिंसा का कारण बताया जा रहा है किसी नवयुवक द्वारा किसी लड़की को
छेड़ना। वह नवयुवक कौन था, कहां है? जुलूस के साथ मौजूद सुरक्षा बल ने
क्या उसे नहीं देखा? इस घटना पर कोई प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज हुई?
4. दुकानें फैजाबाद के केन्द्र में 400 मीटर लम्बाई व 60 मीटर चैड़ाई
क्षेत्र में ही जली हैं। पुलिस घटनास्थल पर मौजूद थी। पुलिस ने दंगाइयों
को रोकने के लिए कोई कार्यवाही क्यों नहीं की?
5. कफ्र्यू के दौरान दिन में साकेत स्टेशनरी में आग लगना अत्यंत गम्भीर
घटना है। प्रशासन का दावा है कि आग शार्ट सर्किट होने से लगी जबकि बताया
जा रहा है कि आग लगने के समय बिजली आ ही नहीं रही थी। तत्कालीन पुलिस
अधीक्षक व जिलाधिकारी की भूमिका की जांच आवश्यक प्रतीत होती है। इनको और
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व व्यवस्था) हटाया जाना स्वागतयोग्य है।
सुझावः
1. आने वाले दिनों में कई हिन्दु-मुस्लिम पर्वों को देखते हुए 6 दिसम्बर
तक प्रशासन सजग रहे और किसी भी अप्रिय घटना की आशंका पर प्रभावी
हस्तक्षेप करे।
2. धार्मिक भीड़ के नाम पर संगठित साम्प्रदायिक समूहों से सावधान रहा जाए।
3. पटाखों व शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
4. आतिशबाजी का यदि कोई समान बिकना भी है तो वह शहर के बाहर बिके।
5. दीपावली बाजार घंटाघर के बजाए शहर के बाहर लगवाया जाए।
6. धर्मनिर्पेक्ष युवाओं की सद्भाव समिति बनाई जाए चूंकि युवा ही हिंसा
में आगे रहता है। इसके अलावा विभिन्न धर्म के धर्माचार्यों की भी सद्भाव
समिति बने।
7. दीपावली/मोहर्रम में लोग व्यापार कर सकें इसके लिए जिनकी दुकानें जली
हैं उन्हें पूरा मुआवजा पर्व के पहले मिल जाए।
युगल किशोर शरण शास्त्री, 9451730269, खालिक अहमद खान, 9415077171, विनय
श्रीवास्तव, शाह आलम, गुफरान सिद्दीकी, एस.एम. नसीम, 9839123786, ओंकार
सिंह, 9839324885, एडवोकेट मोहम्मद शोएब, 9415012666, मोहम्मद सुलेमान,
जैद फारुकी, राजीव यादव, 9452800752, आफताब आलम और संदीप पाण्डेय, 0522
2347365
From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/11/8
Subject: report submitted by independent human right activist of there one day visit to faizabad (3 november 2012)
To: rihaimanch <rihaimanch@gmail.com>
फैजाबाद में दुर्गा पूजा, 2012, के अवसर पर हुई हिंसा पर एक रपट व ऐसी
घटनाओं की पुनरावृात्ति न हो इस हेतु सुझाव (जांच दल ने प्रभावित क्षेत्र
का 3 नवम्बर, 2012, को दौरा किया।)
1. हिंसा एकतरफा और प्रयोजित प्रतीत होती है।
2. केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति की संदिग्ध भूमिका। उनके निमंत्रण पत्र
पर 3 नं. बिन्दु में लिखा है कि जुलूस में अधिक संख्या में लोग आएं लेकिन
महिलाएं व बच्चे न आएं। क्या उन्हें होने वाली हिंसा का अंदाजा था?
3. हिंसा का कारण बताया जा रहा है किसी नवयुवक द्वारा किसी लड़की को
छेड़ना। वह नवयुवक कौन था, कहां है? जुलूस के साथ मौजूद सुरक्षा बल ने
क्या उसे नहीं देखा? इस घटना पर कोई प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज हुई?
4. दुकानें फैजाबाद के केन्द्र में 400 मीटर लम्बाई व 60 मीटर चैड़ाई
क्षेत्र में ही जली हैं। पुलिस घटनास्थल पर मौजूद थी। पुलिस ने दंगाइयों
को रोकने के लिए कोई कार्यवाही क्यों नहीं की?
5. कफ्र्यू के दौरान दिन में साकेत स्टेशनरी में आग लगना अत्यंत गम्भीर
घटना है। प्रशासन का दावा है कि आग शार्ट सर्किट होने से लगी जबकि बताया
जा रहा है कि आग लगने के समय बिजली आ ही नहीं रही थी। तत्कालीन पुलिस
अधीक्षक व जिलाधिकारी की भूमिका की जांच आवश्यक प्रतीत होती है। इनको और
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व व्यवस्था) हटाया जाना स्वागतयोग्य है।
सुझावः
1. आने वाले दिनों में कई हिन्दु-मुस्लिम पर्वों को देखते हुए 6 दिसम्बर
तक प्रशासन सजग रहे और किसी भी अप्रिय घटना की आशंका पर प्रभावी
हस्तक्षेप करे।
2. धार्मिक भीड़ के नाम पर संगठित साम्प्रदायिक समूहों से सावधान रहा जाए।
3. पटाखों व शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
4. आतिशबाजी का यदि कोई समान बिकना भी है तो वह शहर के बाहर बिके।
5. दीपावली बाजार घंटाघर के बजाए शहर के बाहर लगवाया जाए।
6. धर्मनिर्पेक्ष युवाओं की सद्भाव समिति बनाई जाए चूंकि युवा ही हिंसा
में आगे रहता है। इसके अलावा विभिन्न धर्म के धर्माचार्यों की भी सद्भाव
समिति बने।
7. दीपावली/मोहर्रम में लोग व्यापार कर सकें इसके लिए जिनकी दुकानें जली
हैं उन्हें पूरा मुआवजा पर्व के पहले मिल जाए।
युगल किशोर शरण शास्त्री, 9451730269, खालिक अहमद खान, 9415077171, विनय
श्रीवास्तव, शाह आलम, गुफरान सिद्दीकी, एस.एम. नसीम, 9839123786, ओंकार
सिंह, 9839324885, एडवोकेट मोहम्मद शोएब, 9415012666, मोहम्मद सुलेमान,
जैद फारुकी, राजीव यादव, 9452800752, आफताब आलम और संदीप पाण्डेय, 0522
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