Wednesday, August 27, 2025
अमेरिका से हथियार खरीदना क्यों बंद नहीं करते मोदीजी, टैरिफ के जवाब में?
हथियारों के सौदागर अमेरिका से समझौता कराने की जुगत में। सबसे ज्यादा मुनाफा इसी धंधे में है।इसी से सभी मालामाल।
अमेरिका एक मात्र उद्योग है हथियार उद्योग?
हथियारों की खरीद बंद तो अमरीकी अर्थव्यवस्था ठप।
भारत से अमेरिका को कौन बचा रहा है?
भारत के पास फिलहाल ये अमेरिकी हथियार
एएच-64 अपाचे कॉम्बेट हेलीकॉप्टर सीएच-47 चिनूक ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर सी-130 हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफट सी-17 ग्लोबलमास्टर, हेवी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एमएच-60आर सीहॉक नेवल हेलीकॉप्टर पी-81 पोसाइडन पेट्रोल एंड एएसडब्ल्यू एयरक्राफ्ट एस-61 सी किंग एएसडब्ल्यू हेलीकॉप्टर एमक्यू-9बी सी/स्काईगार्डियन आर्म्ड ड्रोन एफ 404 टर्बोफैन फाइटर इंजन एजीएम-114 हेलफायर एंटी टैंक मिसाइल डब्ल्यूजीयू-59 एयर टू सर्फेस रॉकेट स्टिंगर पोर्टेबल सर्फेस टू एयर मिसाइल जीबीयू-97 गाइडेड बमजेडैम प्रीसिजन गाइडेड बम जीबीयू-39 गाइडेड ग्लाइड बम मार्क-54 एएसडब्ल्यू टॉरपीडो हारपून एंटी शिप मिसाइल
आईएनएस जलाश्वफायर फाइंडर काउंटर बैटरी रडारएम-777 टॉड 155 एमएम होवित्जर तोपेंएम-982 एक्सकैलिबर गाइडेड आर्टिलरी शेल्ससिग सॉर सिग 716 असॉल्ट राइफल
रॉयटर्स ने अपनी खबर में क्या कहा था?
रॉयटर्स ने अपनी खबर में कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत में असंतोष देखने को मिल रहा है. केंद्र सरकार ने नए अमेरिकी हथियार और विमान खरीदने की अपनी योजना को स्थगित कर दिया है. इस मामले से परिचित तीन भारतीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी है.
साथ ही खबर में कहा गया था कि डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर नाराजगी जताई थी और भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया था. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि भारत यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को वित्तपोषित कर रहा है. इससे भारतीय निर्यात पर कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया. यह किसी भी अमेरिकी व्यापारिक साझेदार के लिए सबसे ज्यादा है.
अमेरिका से हथियारों की खरीद पर रोक की रिपोर्ट का रक्षा मंत्रालय ने किया खंडनरॉयटर्स की एक खबर में दावा किया गया था कि भारत ने नए अमेरिकी हथियार और विमान खरीदने की अपनी योजना को स्थगित कर दिया है. हालांकि अब इसे रक्षा मंत्रालय ने खारिज कर दिया है.
भारत ने अमेरिका से हथियार और विमान खरीदने की योजना को स्थगित नहीं किया है. रक्षा मंत्रालय ने रॉयटर्स की उस खबर को खारिज कर दिया है, जिसमें अमेरिका से हथियार और विमान खरीदने की योजना को स्थगित करने का दावा किया गया था. रक्षा मंत्रालय ने भारत द्वारा अमेरिका के साथ रक्षा खरीद संबंधी वार्ता रोकने संबंधी खबर को झूठा और मनगढ़ंत बताया है. साथ ही कहा कि रक्षा खरीद के विभिन्न मामलों में मौजूदा प्रक्रियाओं के अनुसार प्रगति हो रही है. रॉयटर्स ने भारत पर अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ का हवाला देकर दावा किया था कि भारत ने अमेरिका से हथियार और विमान खरीदने की योजना को स्थगित कर दिया है.
खाड़ी देशों से लेकर रूस तक पूरी दुनिया युद्ध से किसी न किसी तरह प्रभावित है और इन युद्धों में सबसे ज़्यादा फायदा किसी और का नहीं बल्कि अमेरिका को हुआ है, ये बात खुद बाइडन प्रशासन के आखिरी साल में हुए अमेरिकी हथियारों की बिक्री के आंकड़े कहते हैं. अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा जारी वैश्विक रक्षा सौदों की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में अमेरिका ने 27.57 लाख करोड़ रुपये की कीमत के हथियार और रक्षा समझौते किए, जो 2023 के मुकाबले 29 प्रतिशत ज्यादा है.
साल 2024 में हुए सीधे रक्षा सौदों में अमेरिकी कंपनियों ने 17.37 लाख करोड़ रुपये के हथियार बेचे, जो 2023 में 13.63 लाख करोड़ रुपये था. वहीं 2024 में सरकार से सरकार के बीच हुए सौदों की कीमत 10.20 लाख करोड़ रुपये रही, जो 2023 में हुए 7 लाख करोड़ रुपये के रक्षा सौदों की तुलना में 45.7% अधिक है.
अमेरिकी सरकार और अन्य सरकारों के बीच हुए 10.20 लाख करोड़ रुपये के रक्षा सौदे में – 8.38 लाख करोड़ रूपए के हथियारों की बिक्री, मित्र देशों को हथियार खरीदने के लिए 1.02 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और साझेदार देशों की क्षमता बढ़ाने के लिए 79 हज़ार करोड़ रुपये की मदद शामिल है.
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