Monday, August 24, 2015

15 राज्यों से आये मान्यवर ने भूमी-आवास-आजीविका महासम्मेलन में नर्मदा विस्थापितों को समर्थन घोषित किया।

नर्मदा जीवन अधिकार सत्याग्रह के दौरान राजघाट में संकल्प लिया।
राष्ट्र और प्राकृति नर्मदा घाटी के साथ है ना की नरेन्द्र मोदी के साथ।
15 राज्यों से आये मान्यवर ने भूमी-आवास-आजीविका महासम्मेलन में नर्मदा विस्थापितों को समर्थन घोषित किया।
सरदार सरोवर:- राजनैतिकट षडयंत्र काॅपोरिट लूट का प्रतीक
'' हम नर्मदा घाटी के साथ है, ना कि नरेन्द्र मोदी के साथ '',यह घोषण देषभर के मान्यवर नागरिक व समर्थक साथीयों ने की जो 13 दिन से चल रहे जीवन अधिकार सत्याग्रह के समर्थन में सोमवार को राजघाट (बडवानी) में पधारे है। आज नर्मदा जीवन अधिकार सत्याग्रह द्वारा आयोजित भूमी-आवास-आजीविका महासम्मेलन में मान्यवर पधारे। सरदार सरोवर एक राजनैतिक षडयंत्र और काॅपोरेट लूट प्रतीक है, महासम्मेलन के दौरान विस्थापितों ने निष्चय किया की 30 सालों के नर्मदा के संघर्ष को और तीव्र करेगे ताकी घाटी के लाखों लोगों व प्रकृति को न्याय मिले और यह भी यहा कि विकास का स्वरूप न्याय व समानता पर आधारित होना चाहिए ना की झूठ व लूट पर।  
जनआंदोलननों के प्रतिनीधि राजनैतिक समूहों सामाजिक संस्थाओं बुध्दीजीवियों, कलाकारों, व सामाजिक कार्यकर्ता ने हजारों की संख्या में मौजुद आदिवासी, किसान, मछुआरे, कुम्हार, भूमीहीनों मजदूर आदि मौजुदगी में नर्मदा नदी में जाकर राजघाट संकल्प लिया जिसमें कहा गया कि सरदार सरोवर परियोजना के खिलाफ अनिष्चितकालीन सषक्त संघर्ष चलेगा, यह षक्ति विस्थापितों को उनकी अधिग्रहित जमीन के दुबारा मालिक बनने पर मिली है। इस मौके पर स्वराज अभियान के राष्ट्रीय संयोजनक श्री योगेन्द्र यादवजी ने कहा कि सरदार सरोवर परियोजना देष की अप्रिया राजनैति का लक्षण है। ''गैरकानूनी सरदार सरोवर और उसकी अमानवीयता अब न्यायालय में, सरकार के सामने व जमीन पर जाहिर हो चुकी है, अब सरकार को गेट लगने से रोकना ही होगा।  उन्होने यह भी कहा कि ''जहां हमें बांध की उंचाई बढाने का विरोध करना होगा और राजनैतिक दबाव का सामना करना होगा वहीं साथ-साथ राजनैतिक विकल्प व सिस्टम को और भी काम करना होगा जो कि की देष के आंदोलनों के मूल्य पर बना होगा, ''यह विकास नहीं है, यह राजनैतिक धमंड है'' उन्होने जोडा राजनिति को आंदोलनों से सीखने की आवष्यकता है अगर वाकई में लोगों के लिए बनना है।
म.प्र., गुजरात व महाराष्ट्र के विस्थापितों ने इस मौके पर अपने दिल की व्यथा व्यक्त की। '' पुनर्वास '' के दावे के झुठ को उजागर  करते हुए कहा कि जब सन् 2006 में बांध के उंचाई 122 मी. बढाई थी पूर्ण पुनर्वास नहीं हुआ था और ना ही आज हुआ है, आज भी सैकडों लोगों को जमीन मिलना बाकी है। भूमिहीनों को पर्याय आजीविका दूर तक दिखाई नहीं देती, मछुआरों को मछली अधिकार नही मिला है। सनोवरबी व षान्ता बहन, पीपरी ने अपने भाषण में कहा की विस्थापितों को छोड़कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अडानी, अंबानी व कोका-कोला से साथ उन सब का पुनर्वास कर रहे है जिन्होने उनको चुनाव में साथ दिया।
वरिष्ठ गांधीवादी श्री अनिल त्रिवेदी ने कहा कि नर्मदा के तीस साल का संघर्ष ही नही, बल्कि प्रभावषील अहिसक संघर्ष की व्यवहारिकता का भी संबूत है। नर्मदा बचाओं आंदोलन अपने में एक जीता जागता अहिंसक विष्वविघालय है व गांधी व अंबेडकर के विचारों का दुबारा अविस्कार है। इसी मौके पर किसान संघर्ष समिती की अधिवक्ता आराधना भार्गव ने केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की किसान-विरोधी नितियों का खुलासा किया, उन्होने कहा कि कलेक्टर व र्कोपोरेट के बिना देष चल सकता है पर आम किसान व फसल के बिना नहीं। 
बिहार से आए समाजसेवी महेन्द्र यादव व कामायनी स्वामी ने नर्मदा संघर्ष को सलाम करते हुए, जो 4 पीढियों स चल रहा है, कहां कि पूरा देष नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथ है, केरल से आये सी. के जानू जो आदिवासी गोत्र सभा आंदोलन से है, उन्होने कहा की नर्मदा घाटी व उसके लोगों के लिये नरेन्द्र मोदी की क्रर नीतियों का धिक्कार है।  
प्रख्यात समाज सेवक व सोषलिस्ट पार्टी नेतृत्व करने वाले डां. संदीप पाण्डे जी ने जो वेदा बांध प्रभाकवतों के संघर्ष से लौटे थे, उन्होने कहा  िकइस कठिन समय में हमें अस्वस्थ राजनीति के खिलाफ एक संयुक्त संघर्ष खडा करना होगा, उन्होने बांध को गैरकानूनी घोषित करते हुए बांध परियोजना को तत्काल रोकते हुए परियोजना पर पुनर्विचार करना चाहिए। 
आदिवासी क्षेत्र की तरफ से बोलते हुए, तीनों राज्यो से आए गोखरू, नूरजी व जीकू भाई ने सरकार पर बुनियादी संवैधानिक मूल्य उल्लघन व आदिवासीयों पर अत्याचार का आरोप लगाते, हुए कहां कि षेडयुल क्षेत्रों का सर्वोक्षण व पेसा कानून को सिर्फ पेपरों तक ही समिति कर दिया है। हमने कभी बांध को सहमति दी और ना ही भूमि अधिग्रहण व पुनर्वास प्रक्रिया पर, नर्मदा नदी पर 20 नावों में बैठकर उन्होने कहा कि '' नर्मदा घाटी हमारी है '' सरदार सरोवर तुम्हारा है, षिवराज व मोदी वापस जाओं। 
बिहार से आए समाजसेवी महेन्द्र यादव व कामायनी स्वामी ने नर्मदा संघर्ष को सलाम करते हुए, जो 4 पीढियों स चल रहा है, कहां कि पूरा देष नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथ है, केरल से आये सी. के जानू जो आदिवसी गोत्र सभा आंदोलन से है, उन्होने वहा लोगों के लिए क्रूर नितियों का धिक्कार किया, उन्होने कहा कि के लोगो की हाय नरेन्द्र मोदी को जल्द लगेगी, सी.के.जानु ने नर्मदा संघर्ष और केरल में आदिवासी संघर्ष को जोडते हुए सुझाया की दलित व आदिवासीयों का एक सषक्त आंदोलन षुरू होना चाहिए ताकि वह अपनी पहचान, सम्मान, अधिकार व संसाधन बचा सके। 
औरंगाबाद के सुभाष लोमटे जी ने षहरी व ग्रामीण कामगारों का संयुक्त संघर्ष षुरू करने का अहवान किया, वहीं भोपाल से आए राज कुमार सिन्हा व नवरत्न दुबे ने विकास के नाम पर कंपनियों का किया। 
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेतृत्व करने वाली मेधा पाटकर ने सरकार द्वारा बडे बांधों पर पुनर्विचार नहीं करने पर सवाल उठाया। उन्होने कहा कि इन 60 सालों में बांधों से हुए प्राकृतिक का नुकसान व लाखों का विस्थापन एक बडा सवाल है। उन्होने सरदार सरोवर परियोजना पर इषारा करते हुए कहा कि यह परियोजना बडे बांधों के विफलता का बडा प्रमाण है, सरकार को ना कि 90,000 करोड के निवेष के लिए जवाब देह होना चाहिए बल्कि 2.5 लाख लोगों के विस्थापन के लिए जिसका रिष्ता कंपनिकरण से है, हम गेट्स नहीं लगाने देगे और जान लगाते हुए लडेगे उन्होने सरकार को चुनौती देते हुए कहा। 
अलग-अलग महाविघालयों (दिल्ली, मुम्बई, मालेगांव आदि) से आए विद्यार्थी ने नर्मदा बचाओ आंदोलन को सर्मथन जाहिर किया व बताया कि जो उन्होने काॅलेजो में चीखने को नहीं मिलता व आंदोलन में सीखने को मिलता है, और इसलिए हम यहां बार-आर आते रहेगे। 
नर्मदा बचाओं आंदोलन के सर्मथन में आज काॅग्रेस पार्टी ने बडवानी बंद रखा, जो षहर व कस्बे गावो पर निर्भर होते है वह आज वहां की परिस्थिति को समझ लगे है व नर्मदा के संघर्ष को सर्मथन करते है, महासम्मेलन में आए मान्यवर नागरिकों व समाजसेविकों ने आंदोलन को लोगो के साथ तीव्र अनाने का संकल्प लिया। 
लोगो ने निर्णय लिया है कि सत्याग्रह को अगले आयाम तक लेकर जाएगे ओर कल से ही सरकार के झूठे वादे, पुनर्वास का झूठ, मालिकाना हक, गैरकानूनी डूब बांध से होने वाले लाभ, राजनैतिक धमंड व गेट्स को गैरकानूनी रूप से लगाने को बेनकाल करेगा। 

राहुल यादव                        पेमा भाई                        सुमिति  कमल
संपर्कः- 9179617513/91791748973




-- 


*************************
Narmada Bachao Andolan
Narmada-Ashish, Off Kasravad Road,
Navalpura, Badwani,
Madhya Pradesh – 451551 
Ph: 07290-291464; Fax: 07290-222549
E-mail: medha.narmada@gmail.com ; 
             nba.medha@gmail.com 
Twitter:     @medhanarmada 
Blog:        http://narmadabachaoandolan.wordpress.com/

National Alliance of People's Movements
National Office: Room No. 29-30, 1st floor, 'A' Wing, Haji Habib Bldg, Naigaon Cross Road, Dadar (E), Mumbai - 400 014; 

6/6, Jangpura B, Mathura Road, New Delhi - 110014
Phone : 011 2435 4737
E-mail: napmindia@gmail.com  | Web : www.napm-india.org 

--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Post a Comment