मौसम विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार राज्य के कई हिस्सों के लिए आने वाले समय बेहद चुनौतीपूर्ण हैं। चेतावनी के बाद सेना को अलर्ट कर दिया गया है। मौसम बिग़डने से राहत पर असर पडने के आसार हैं। यही वजह है कि सरकार ने 8 जुलाई तक सेना के बने रहने के आदेश दिए हैं। लोगों को बचाने में आईटीबीपी के जवान भी जुटे हुए हैं।उत्तराखंड की केदारघाटी में आज तेज बारिश हो रही है। इससे यहां पर चल राहतकार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इससे पहले मौसम विभाग ने चेतावनी दी थी कि उत्तराखंड के कई इलाकों में तेज बारिश हो सकती है। चेतावनी को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। इस चेतावनी के बाद एनडीआरएफ के जवानों को आम लोगों की मदद के लिए तैनात किया है। एनडीआरएफ की छह टीमें देहारादून, पिथौड़ागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में मौजूद है।खासतौर पर कुमाऊं के पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर समेत गढ़वाल के चमोली जिले में भारी बारिश संभावित है। यहां 70 से 90 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है। अन्य स्थानों पर भी 30 से 50 मिलीमीटर तक बरसात हो सकती है। मंगलवार को भी प्रदेश में कई स्थानों पर हल्की बौछारें पड़ीं। 10 से 30 मिलीमीटर तक बारिशरिकार्ड की गई। लगभग सभी स्थानों पर बादल छाए रहेंगे। क्षेत्रीय मौसम प्रादेशिक केंद्र दिल्ली ने भी 5 से 6 जुलाई के बीच उत्तराखंडके ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
हांलाकि रेस्क्यू पूरा हो चुका है लेकिन अब गांवों तक मदद पहुंचानी है जो इस आपदा में बर्बाद हो गए हैं। बारिश के चलते इन गांवों तक पहुंचना और मुश्किल हो जाएगा, अभी भी कई गांवों से संपर्क टूटा हुआ है। कुदरत के जबर्दस्त कहर से जूझ रहे उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर बड़ी मुसीबत बन गया है। मौसम विभाग की चेतावनी है कि अगले कुछ दिनों में पहाड़ पर एक बार फिर विनाशकारी बारिश हो सकती है। सवाल है कि इस बार आपदा से निपटने की तैयारी कितनी मुकम्मिल है?उत्तराखंड पर एक बार फिर बादल आफत बनकर बरस सकते हैं. मौसम विभाग के मुताबिक यहां तेज बारिश का दौर आज से शुरू होगा और 7 जुलाई तक चलेगा. 5 और 6 जुलाई को उत्तराखंड के लगभग सभी हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। मंगलवार कोउत्तराखंड के मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। अब सरकार के सामने स्थानीय निवासियों और गांवों की दिक्कतें दूर करने की चुनौती है।पिछली बार मौसम विभाग की चेतावनी पर राज्य सरकार ने ध्यान नहीं दिया था और बड़ी त्रासदी सामने आई। ऐसे में उम्मीद है कि राज्य सरकार इस बार अलर्ट को अनसुना नहीं करेगी। दिल्ली में मौसम विभाग ने कहा है कि 4 से 7 जुलाई के दौरान उत्तराखंड के कई हिस्सों में 70-130 मिमी बारिश के आसार है।वहीं, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएम) के उपाध्यक्ष शशिधर रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि उत्तराखंड में बाढ़ और भूस्खलन में 11,000 से अधिक लोगों के अब भी लापता होने की आशंका है। रेड्डी ने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार लापता लोगों की संख्या केवल 3,500 से 3,700 तक बताई गयी है लेकिन राज्य में 11,000 से अधिक लोगों के लापता होने की आशंका है। एनडीएमए के ताजा आंकड़ों के अनुसार बारिश और बाढ़ से उत्तराखंड के 4,200 गांव प्रभावित हुए हैं और 2,397 घर तथा 194 पुल तबाह हो गये।
हिमाचल में भी खतरा है।मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि अगले 72 घंटों तक सिरमौर, सोलन, हमीरपुर, ऊना जिले और शिमला, मंडी और कांगड़ा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। गुरूवार को बंगाणा में 29, नगरोटा में 27, मंडी में 12 और डलहौजी में 9 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने यहां संवाददाताओं को बताया, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तराखंड में बारिश, तेज बारिश की चेतावनी जारी की है। एनडीआरएफ के छह दलों (प्रत्येक दल में 45 जवान) को देहरादून, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में तैनात किया गया है ताकि वे किसी आपात स्थिति में कार्रवाई कर सकें।
आपको बता दें कि जोशीमठ में सुबह से हीबारिश हो रही है। भारी बारिश से राहत के काम में मुश्किलें आ रही हैं। प्रभावित इलाकों तक जरूरी सामान पहुंचाने में दिक्कत हो रही है। इस बीच राज्य सरकार ने लापता लोगों की तलाश के लिए 15 जुलाई तक की डेडलाइन तय की है। अगर 15 जुलाई तक किसी शख्स की जानकारी नहीं मिली तो उसे मृत मान लिया जाएगा और उसे मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अलबत्ता यह बीती 15-17 जून को हुई तबाही वाली बारिश के मुकाबले कम है। उस दौरान तीन दिन में 600 मिमी से अधिक बारिश हुई थी।केवल तापमान और बारिश की रिकार्डिंग ही जारी करने वाला मौसम विभाग आपदा के बाद से बारिश से जुड़ा अनुमान भी जारी कर रहा है। ऐसा सामान्य जन के लिए पहली बार जारी किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इससे प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सचेत रहने में मदद मिलेगी।इस बार दो दिन में अधिकतम 260 मिमी बारिश होने की संभावना है। उत्तराखंड में वर्तमान हालात को देखते हुए क्षेत्रीय मौसम प्रादेशिक केंद्र दिल्ली से तकरीबन सप्ताह भर पूर्व चेतावनी जारी की है। अमूमन यह चेतावनी महज 48 घंटे पहले दी जाती है।अलर्ट न रहने को लेकर काफी फजीहत झेलने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से दिया जाना अलर्ट फिर शुरू हो गया है। उसने एसएमएस के जरिये मौसम का अपडेट दिया है, जिसमें अगले 72 घंटे में भरी बारिश की चेतावनी दी गई है।
Hfjफिरभी उत्तराखंड में बारिश ने मुश्किलें फिर बढ़ा दी हैं। शुक्रवार को गढ़वाल मंडल में आपदाग्रस्त चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में जहां दिन में तेज बारिश हुई वहीं कुमाऊं मंडल में रात दो बजे से ही बारिश होती रही। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सड़कें खोलने का काम भी इस बारिश से प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में दक्षिणी उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में 40 से 70 एमएम तक बारिश की संभावना बताई है।
गढ़वाल के आपदाग्रस्त चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में शुक्रवार को दिन भर वर्षा होती रही। कभी हल्की और कभी तेज बारिश ने राहत कार्यो को भी प्रभावित किया। उत्तरकाशी में भी दिन भर रुक-रुक कर रिमझिम बारिश हुई। शाम के समय बारिश फिर शुरू हो गई। टिहरी शहर में मौसम ठीक रहा, लेकिन घनसाली में हल्की बारिश हुई। पौड़ी में दोपहर 12 बजे आधा घंटे तेज बारिश हुई, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शाम पांच बजे बाद फिर हल्की बारिश शुरू हुई। जोशीमठ में भी भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ।
कुमाऊं मंडल के मैदानी क्षेत्रों में मौसम थोड़ा ठीक रहा लेकिन पहाड़ी जिलों चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में खासी वर्षा हुई। कुछ जगह तो रात दो बजे से लगातार वर्षा होती रही। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के दक्षिणी हिस्से के लिए अगले 24 घंटे मुश्किल भरे बताए हैं। राज्य मौसम विभाग के निदेशक डॉ.आनंद शर्मा ने कहा कि राज्य के दक्षिणी हिस्से के कुछ स्थानों पर 40 से 70 एमएम तक वर्षा हो सकती है। सात जुलाई को भी 30 से 50 एमएम तक वर्षा की संभावना बन रही है। इसके बाद वर्षा में कुछ कमी आ सकती है।
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