Tuesday, 03 April 2012 14:17 |
कोलकाता, दो अप्रैल (एजेंसी) पश्चिम बंगाल के उन जिलों में जहां पर उर्दू बोलने वाले लोगों की संख्या दस प्रतिशत से अधिक है, वहां आज इसे सरकारी कामकाज की भाषा घोषित किया गया। राज्य विधानसभा ने पश्चिम बंगाल सरकारी भाषा :संशोधन: विधेयक 2012 पास किया। कुछ निश्चित जिलों में जहां पर उर्दू बोलने वाले लोगों की संख्या पूरे जिले में या वहां के हिस्सों में जैसे उपखंड या ब्लॉक में दस प्रतिशत से अधिक है वह पर इसे सरकारी कामकाज की भाषा घोषित किया गया है। अल्पसंख्यक मंत्रालय का कार्यभार संभाल रही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही नेपाली भाषा को सरकारी भाषा का दर्जा दे रखा है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही गुरमुखी और संथाली को सरकारी भाषा के तौर पर मान्यता प्रदान करने का निर्णय कर रखा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विधानसभा के अगले सत्र में एक विधेयक लाया जाएगा। |
Tuesday, April 3, 2012
उर्दू को बंगाल में सरकारी कामकाज की भाषा घोषित किया गया
उर्दू को बंगाल में सरकारी कामकाज की भाषा घोषित किया गया
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