Thursday, October 20, 2011

Fwd: [NAAGVANSH] Dilip Mandal



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From: Panjab Rao Meshram <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2011/10/20
Subject: [NAAGVANSH] Dilip Mandal
To: NAAGVANSH <naagvansh@groups.facebook.com>


Panjab Rao Meshram posted in NAAGVANSH.
Dilip Mandal ज्योतिराव फुले- "अरे सभी मराठी...
Panjab Rao Meshram 8:48am Oct 20
Dilip Mandal
ज्योतिराव फुले- "अरे सभी मराठी अखबारों के संपादक ब्राह्मण हैं, इसलिए अपनी जाति के लोगों के विरुद्ध लिखने के लिए उनका हाथ नहीं चलता।" (स्रोत- गुलामगीरी, लेखक- ज्योतिबा फुले, मराठी से हिंदी अनुवाद-डॉ. विमलकीर्ती, सम्यक प्रकाशन, 2009, ISBN- 81-88794-81-3, पेज-85) पहली बार यह किताब 1873 में छपी। 2011 में हालात लगभग वहीं के वहीं हैं। 138 साल बाद भी भारतीय मीडिया टाइम मशीन में FREEZE है। वक्त का ठहर जाना इसे ही कहते हैं। बाबा साहब आंबेडकर आधे दशक बाद आते हैं और ठीक इसी नतीजे पर पहुंचते हैं।

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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