Tuesday, June 18, 2013

Rajiv Lochan Sah 48 घंटे से अधिक समय तक सहमा रहा कि अब बहा नैनीताल..तब बहा.

48 घंटे से अधिक समय तक सहमा रहा कि अब बहा नैनीताल..तब बहा. १८८० की पुनरावृत्ति को अब कोई नहीं रोक सकता. कल श्री माँ नयना देवी का प्रतिष्ठा दिवस था. ट्रस्टी और १२९ वर्ष पूर्व मंदिर की स्थापना करने वाले परिवार का दामाद होने के नाते विशिष्ट पूजा में बैठे हुए और हवन करने में कच्छा-बंडी तक भीगते हुए यही मना रहा था कि हे माँ बचा लो मेरे शहर को! हालाँकि कोई ऐसा श्रद्धालु नहीं हूँ और मजबूरी और औपचारिकता के तहत ही कभी पूजा करता हूँ. जितने लोग श्रध्दा भाव से मंदिर में जाते हैं, वे कायदे-कानून मानने वाले भी होते तो क्या पृथ्वी का यह स्वर्ग नरक बना होता ? मगर विवश और डरा हुआ आदमी ईश्वर से ही तो त्राण माँगता है. 
और लो एक बार फिर बच गया नैनीताल! हमारे सारे पाप देवी ने माफ़ कर दिये. अब हम और खुल कर..और बेशर्म होकर नैनीताल के साथ बलात्कार कर सकेंगे.
मगर बाकी उत्तराखंड में तो ऐसा नहीं हुआ. मानसून के पहले झटके के साथ ही प्रकृति ने हमें हमारी औकात बता डाली. हमारी और हमारी अब तक की सरकारों की करतूतों का फल हमारे स्थायी निवासियों ने ही नहीं भोगा, उन्होंने भी झेला, जो मौज-मस्ती करने या परलोक सुधारने हमारे प्रदेश में आये थे. हमें कोई बताने वाला, रोकने-टोकने वाला नहीं होगा और हम गलत जगहों पर बस जायेंगे, मकान बना लेंगे...नदियों का स्वाभाविक प्रवाह छेंक लेंगे...बगैर भूगर्भीय परिस्थतियों को ध्यान में रखे डायनामाइट लगा कर और जेसीबी मशीनों से सड़कें और परियोजनाएँ बनायेंगे तो ईश्वर भी हमें कब तक और क्यों बचाएगा ?
अलबत्ता एक ईमानदार राजनीति, जिसके पास विकास का सर्व हितकारी सोच हो, जो कड़क प्रशासन पैदा कर सके, वही आये दिन की इन यातनाओं से मुक्ति दिला सकती है. मगर वह राजनीति है कहाँ?
...जैंता एक दिन त आलो उ दिन यो दुनी में...चाहे हम नि ले सकूँ चाहे..
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  • Sainik Shiromani Manoj Dhyani सबक है वर्तमान त्रासदी...संभलने के लिए..चेतने के लिये...अपने पहाड़ों को बचाने के लिए...अंध विकास की अवधारणा से दूर खड़े होने के लिए...नव चेतना विकसित करने के लिए...नयी राजनीती पैदा करने के लिए...और स्वयम के जीवन और अस्तित्व के लिए....
    7 hours ago · Like · 2
  • Shakt Dhyani बाँध समर्थक कुछ कहेंगे?
    7 hours ago · Like · 3
  • Pramod Pandey bandh virodhi kuch kahange...............................?
    7 hours ago · Like · 2
  • Sainik Shiromani Manoj Dhyani Pramod Pandey ji it is the rightmost time to re-evaluate the needs of the pepole of Uttarakhand and similar parts of Himalayas....and preserve the ecology and environment of Fragile Himalayas...which are blessings of nature to all living beings including us humans....
    7 hours ago · Like · 2
  • Jagdish C. Bhatt VIKAS KE LIYE DAYNAMITE KA PRAYOG...
    PRAKRITI KAB TAK CHODEGI...
    7 hours ago · Like · 2
  • Jai Prakash Dangwal ...जैंता एक दिन त आलो उ दिन यो दुनी में...चाहे हम नि ले सकूँ चाहे.. sundar skaratmak vichar.
    7 hours ago · Like · 2
  • Lmohan Kothiyal Filhal Maneri Bhali I and II Vishnu prayag, Srinagar yojana ko crores ka nuksan. due to Silt and landslide.
    7 hours ago · Like · 2
  • Pramod Pandey sabhe des rajya apne prakertik sanshadhano ka upyog karte hain samarthan ya virodh jarure nahi hai jarurat hai sahi matra mai or vaganik tarekon se upyog ke ....................dohan ke is perkreya ka virodh lajim hai lekin dono tarah se sochne ke jarurat to hai...............iasa mera manna hai
    7 hours ago · Like · 2
  • Mahi Mehta maa nanda raksha kare..
    6 hours ago · Like · 2
  • Navin Chandra Tiwari Is na samajh duniya mai kishey samjhayiaga.
    Sab to swarth ki girapt mai hai...?
    6 hours ago · Like · 2
  • Prem Arora कुदरत का कहर
    6 hours ago via mobile · Like · 2
  • DrLalit Joshi नैनीताल,पहाड़ और उत्तराखँड तभी बचेगा जब वह कँक्रीटमुक्त, लालचमुक्त,बाजारुपर्यटन से दूर और पर्यावरणसंवेदी टिकाऊ ईकोफ्रेँडली विकास के मौलिक माँडल को अपनाए ।
    6 hours ago via mobile · Like · 4
  • Kaushal Pant बहुतखूब.......लेकिन भzष्ट और सुविधभोगी बु¼िजीवी पिफर भी नहीं मानेंगे और लूट मे शामिल हो जायेंगे। तो नैनादेवी क्या क्या कर लेगी।......उन्हें तो डूबना हीर हैं, और वह नैनीताल को भी डुबा जायेंगे।
    6 hours ago · Like · 2
  • Harish Pant हम चाहे कितने ही पापी क्‍यों न हों, लोग हमारे कर्मो को जाने या ना जाने, पर हमारी आत्‍मा तो हमारे कर्मो को जानती है कि जो हुआ गलत हुआ, ऐसे में अन्तिम सहारा वही तो है जो हमारे पाप पुण्‍य को भली भॉति जानती है, ऐसे में उससे ही माफी मॉगते रहेगें, फिर अगले अपराध के लिये तैयार हो जायेगें आखिर यह हमारी देवभूमि है, जो पापी और पुण्‍यात्‍मा में कोई फर्क नहीं करेगी
    6 hours ago · Like · 2
  • Devendra Joshi prakrit se khilwad ka khamiyaja to hamein bhugatna hoga/niti niyantaon ko vikas ka model badalna hoga/dehradun mein bhi jitne log nal khalon ke kinare base hain abhi to ek chetawani thi ek na ek din sabko dubna hai
    6 hours ago · Like · 1
  • VK Joshi भूवैज्ञानिक (मेरी) नजर से देखिए तो नैनीताल भ्रंशों से बिंधा हुआ चूना पत्थर का पर्वत है. चूना पत्थर पानी में घुलता जाता है और बह जाता है. कहीं रुकावट मिली तो उसी पानी का चूना फिर जमा होकर ठोस हो जाता है. 1880 से पूर्व 1868 में नैना पीक वाले पहाड़ में भूस्खलन हुआ. बाद में उसी भूस्खलन के ठोस हो चुके मलबे पर अंग्रेजों ने सचिवालय आदि बनाए. पर उसके पहले उन्होंने पूरे नैनीताल में जलनिकासी के लिए ढलानों पर नाले बनाए. बचपन में ब्रुक हिल के ऊपर से फ्लैट्स तक इन नालों में लुका छिपी के खेल खेला करते थे-तब इनमे पानी सिर्फ बरसात में बहता था-बाकी समय बीचोबीच एक पतली नाली में साफ़ पानी बहा करता था. ये ड्रेनेज नालों का अब क्या हाल है कह नहीं सकता लेकिन तस्वीरों को देख कर यही लगता है कि इन पर भी घर बन गए होंगे! शोधों के अनुसार अयारपाटा हिल धंस रहा है, जिसका प्रमाण झील की ओर झुके वृक्ष हैं (पता नहीं अब वृक्ष हैं या सिर्फ मकान हैं!). कुल मिलाकर कुछ जरूरत के कारण और कुछ पैसा कमाने की होड़ में हमने छकाते की इस सुदर नगरी की गत बिगाड़ दी है. प्रकृति को चैलेन्ज किया है-हिसाब तो वह चुकाएगी ही-बस वहाँ के निवासी सकुशल रहे यही प्रार्थना ईश्वर से है.
    6 hours ago · Like · 9
  • Risky Pathak Ab "PAANI KE BYAAPAARI" is vishay per kuch kahenge???
    5 hours ago via mobile · Like · 2
  • Ajay Kukretty Ji , Parnam , belive me in last night i was memorize Girda words JETA EK DIN AALO ....... . i have spent a very long and good time in Beautiful ( of that time ) Nainital , I have a very deep attachment with this city , recently I have visited Nainital and found that Nanital has lost . This story is repeating in whole of Uttarakhand , This is true, we reap what we sow , What is happening is really unfortunate and sad . but we should take responsibility too . you will not belive Dehradun / Kotdwar / Haldwani / Ramnagar and many river beds are in illegal possession of mining mafias , and in no,s they are in thousands , the same with our forests , it is very organized burocrats / politician / NGO and local mafias are togeather to destroy this state . Sir it is very tough to save the UTTARAKHAND hence LOCALS are involved , every body thinks about themselves , you will see in the name of Flood rehabilitation " BAD RAHAT KARYA " what will happen , CM will bag from CENTRAL government a big PACKAGES , this PACKAGE Will fill their pockets , poor Uttarakhandi will gain nothing , will cry again . will again vote and support happily , this is the only state where we do not know our rights , while Metrology dept. had issued advisory to Uttarakhand state in very early stage than why government & his machinery was in idle ????? CM visiting London , Delhi ??? , & officers enjoying good life at the cost of poor Uttarakhandi peoples,
    3 hours ago · Like · 1
  • Om Raturi sampadak ji---
  • Om Raturi sampadak ji--kya kar lega prashashan,neta,ye bite kha jayege agar aayenge,nahi aayain,vip tam gham nahi, nhale hi khakai khakhe wale aayain---------------------
  • Om Raturi kya hoga, hame nahi chahiye madad,bhikhari nahi bannana hai,bhookamp ke samai 91 mai uttarkashi mai sbi ka chest lootani ki kosis hui,sarab ki dukan par rahat cheque sarab ke liye ghanghion yaani sarabio ne de diya, n desh n VIDESH ki madad chahiye, hum khood ji lenge,maana ki jaoori hai jeene ke liye saath. lekin buri hai saharaon ki jandgi,ghorkhiyai ke bad bhi hum ji,chaina attack ke bad bhi,sarkar aur sansthayain hane bhikari hi banai, kya kar lenge matri santri, bite khinch lenge saari, paresan log gum ho jayaenge,neta hi chamkenge, hamne to lathi is uttrakahan ke liye nahi khai thi, andolanl\kari hone ke baad bhi na naukari mangi,na gaddhi,hame nahi bannana hai vidhyak,mantri aur satta, U K D ke haal dekh liye, state banne par cogress ke dekhe, bjp mai kosyaari-khandoori ko dekha, union terrrtary hota to thik hot
    3 hours ago · Like · 1
  • साधन नवीन अफीम ,गाँजा ,भाँग ,शराब ,गुटका ,पेप्सी-कोका पी-पी कर जब शारीर गल चुकी और डाक्टर ने जवाब दे दी ...हास्पिटल में जीवन और मौत से लड़ते हुए ऐसे लोग रोज सैकड़ों बार भगवान से प्राथना करते हैं ..मुझे बचा लो अब कभी नशा नहीं करूँ गा ...डाक्टरों के अथक प्रयास से जब वे जी जाते हैं तो दुसरे तीसरे दिन फिर शराब की दूकान और पान डब्बे में नजर आयेंगे ,प्रकृति के साथ जो अत्याचार किया गया उसका परिणाम में रौद्र रूप देख कर शराबी की तरह हालत ...अभी वक्त हैं नहीं तो बेमौत मरने के लिए तैयारी शुरू करों .....!
  • Dhananjay Singh तथाकथित विकास का हर कदम प्रकृति के साथ दुराचार है,ऐसे दुराचारी मन पर कैसे नियंत्रण हो ?
    'बगनो पाणी थामी जान्दो ,नी थमनो मना '! तो फिर .................?
  • Prabhat Upreti nice one.
  • Ajay Bisht Kya hum log ainse hi FB pe apni bhadaas nikalne rahenge.. ya kuch kar payenge..
  • Rajiv Lochan Sah कुछ सुझाओ अजय..करना तो पड़ेगा ही..अपनी-अपनी जगह सबको. अपने अस्तित्व की जिम्मेदारी इस गैर जिम्मेदार व्यवस्था के हाथ में छोड़ कर हम निश्चिन्त नहीं हो सकते..
  • Ajay Bisht Sah ji, sujhaw to aap logon ka chahiye jo ki doordarshi aur sahi mayane main samaaj kalyaan ke liye hoga, hum abhi kewal dikhaye marg par chal sakte hain aur doosron ko samjha sakte hain chalne ke liye.
  • VK Joshi जो गलतियाँ हो चुकी उनको सुधारना कठिन है-बने हुए घर तोड़े नहीं जा सकते. पर यदि सब मकान तथा जमीन मालिक एक हो जाएँ और तय करलें कि नए मकान नहीं बनाएंगे, पुराने घरों में मरम्मत के नाम पर मंजिलें नहीं जोड़ेंगे तथा जल निकासी का उचित प्रबंध करेंगे तो शायद प्रलय ...See More
  • Ajay Bisht Joshi ji, har koi ainsa sochne lage to naubat aayegi hi nahin. Lekin jab tak ye rawayaa nahin badlega (Mujhe kya marta hai to marne de mera to kaam chal raha hai na) tab tak kathin hi nahin namumkin hai. Kewal thekedaar ya mafiya hi jimmedar hai? Kya hum log nahin? Mere gaon main sadak 2007 se approved hai lekin do gaon k aapsi ranjish ke karan abhi tak nahin ban paai. Jimmedari hamari bhi hai.

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