Tuesday, June 18, 2013

तृणमूल कांग्रेस की दो ट्रेड यूनियनों के जंगी आंदोलन से दुर्गापुर इस्पात संयत्र में हालत संगीन, मुश्किल में सेल!

तृणमूल कांग्रेस की दो ट्रेड यूनियनों के जंगी आंदोलन से दुर्गापुर इस्पात संयत्र में हालत संगीन, मुश्किल में सेल!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


बंगाल में परिवर्तन का जिन लोगों ने इस उम्मीद से तहे दिल से स्वागत किया था कि इससे राज्य मों फिर औद्योगिक और ककारोबारी माहौल बनेगा और जंगी वाम  ट्रेड यूनियन आंदोलन के शिकंजे से मुक्त होगा बंगाल, उन्हें मां माटी मानुष सरकार के जमाने में वामपंथी ट्रेड यूनियनों से सचमुच निजात मिल गयी है, लेकिन राहत लेने का अभी मौका नहीं मिला है।


राज्य की अधिकांश औद्योगिक इकाइयों में शोभनदेव चट्टोपाध्याय और दोला सेन की अगुवाई वाली दो दो ट्रेड यूनियनें एक दूसरे को मात देने की प्रतियोगिता आक्रामक आंदोलन चला रही हैं। जूट मिलों में यह नजारा लगातार दीख रहा था।


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आपस में लड़ रहे अपनी पार्टी के दोनों नेताओं को संयमित करने में नाकाम है। कई बंद जूट मिलें तो इन दो नेताओं की लड़ाई की वजह से नहीं खुल पा रही है।


अब बारी बंगाल में सरकारी क्षेत्र के एकमात्र इस्पात कारखाने दुर्गापुर संयंत्र की है , जहां दोला सेन और शोभन देव चट्टोपाध्याय की अगुवाई में दोनों य़ूनियनें इस्पात संयंत्र के दिन प्रतिदिन के कामकाज में बाधा टाल रहे हैं। दोनों यूनियनों की ओर से अपने लोगों की नियुक्तियों के लिए प्रबंधन पर असंभव दबाव है।जब तब ठेका मजदूर काम रोक रहे हैं।


तंग आकर कारखाना प्रबंधन ने इसकी शिकायत राज्य सरकार से की है। इस सिलसिले में दुर्गापुर इस्पात कारखाने के महाप्रबंधक कमलेश रमण ने राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय और पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।


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