Tuesday, January 5, 2016

Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna क्या बिडम्बना है कि पाकिस्तान की ओर से कोई आतंकी हमला होने पर भारतीय मुस्लिम बढ़ चढ़ कर , अपने बाक़ी काम छोड़ कर , नेट पैक खत्म हो तो उधार डलवा कर हमले की निंदा में जुट जाते हैं । शेष भारतीयों की सुविधा और विवेक पर निर्भर है कि वह चाहे निंदा करें या न करें । लेकिन मुसलमान के लिए हर हमले के बाद , ख़ुद को पाकिस्तान परस्त होने की तोहमत से बचाने के लिए यह " गंगा स्नान " आवश्यक है । पटना में मेरे पड़ोसी एक अधेड़ मियां जी अपनी जवान बीबी के संग रहते थे । बीबी के लिए यह ज़रूरी था कि वह घर के सहन में आने वाले दूधिया , माली या स्वीपर की ओर देख थूके । न थूकती , तो पिटती थी । बड़े मियां अपनी रात की नाकामी का नज़ला यूँ गिराते थे ।

Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna

क्या बिडम्बना है कि पाकिस्तान की ओर से कोई आतंकी हमला होने पर भारतीय मुस्लिम बढ़ चढ़ कर , अपने बाक़ी काम छोड़ कर , नेट पैक खत्म हो तो उधार डलवा कर हमले की निंदा में जुट जाते हैं । शेष भारतीयों की सुविधा और विवेक पर निर्भर है कि वह चाहे निंदा करें या न करें । लेकिन मुसलमान के लिए हर हमले के बाद , ख़ुद को पाकिस्तान परस्त होने की तोहमत से बचाने के लिए यह " गंगा स्नान " आवश्यक है । पटना में मेरे पड़ोसी एक अधेड़ मियां जी अपनी जवान बीबी के संग रहते थे । बीबी के लिए यह ज़रूरी था कि वह घर के सहन में आने वाले दूधिया , माली या स्वीपर की ओर देख थूके । न थूकती , तो पिटती थी । बड़े मियां अपनी रात की नाकामी का नज़ला यूँ गिराते थे ।

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