ये बात बहुत दिनों तक याद रहेगी ?
डॉ. सुभाष चन्द्र थलेडी काश! सेना को केदारनाथ मिशन १७ जून को ही दे दिया जाता तो कितनी ही जान बच सकती थी, ये प्रशासन की धृष्टता ही कही जा सकती है कि इसे गंभीरता से नहीं लिया गया.. जबकि प्रशासन को तबाही कि सूचना तत्काल मिल गयी थी ....ये प्रशासन कि अक्षमता है है और इस लापरवाही के कार्रवाई कि जानी चाहिए ...
ये उत्तराखंड है जनाब, जहां कुछ भी संभव है ?
महीने में मिलता है 150 रुपये मानदेय, एक दिन की ध्याड़ी 5 रुपया ! 5 रुपये में क्या-क्या हो सकता है ?
हाईटेक टायलेट 10 रुपये !
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— with Pradeep Dey, Yashpal Gusain,Amalendu Upadhyaya and 16 others.महीने में मिलता है 150 रुपये मानदेय, एक दिन की ध्याड़ी 5 रुपया ! 5 रुपये में क्या-क्या हो सकता है ?
हाईटेक टायलेट 10 रुपये !
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