Monday, July 15, 2013

बहुगुणा ने उत्तराखंड में लापता लोगों को मृत घोषित करने से किया इंकार

बहुगुणा ने उत्तराखंड में लापता लोगों को मृत घोषित करने से किया इंकार

Monday, 15 July 2013 17:13

देहरादून। उन्होंने साफ किया कि अगर किसी लापता व्यक्ति का बाद में पता चल जाता है, तो उसके परिवार को मुआवजा राशि वापस करनी होगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने पिछले महीने की 16-17 तारीख को आयी प्राकृतिक आपदा में लापता हो गये 5748 लोगों को मृत घोषित करने से आज इंकार कर दिया और कहा कि गुमशुदा लोगों की खोजबीन का काम जारी रहेगा। 
लापता लोगों की कोई खबर न मिलने पर उन्हें मृत घोषित करने के लिये आज की समय सीमा निर्धारित करने वाले बहुगुणा ने हालांकि कहा कि दैवीय आपदा में जान गंवाने वाले और लापता लोगों के परिजनों को पांच लाख रूपये की मुआवजा राशि के भुगतान की प्रक्रिया कल से शुरू कर दी जायेगी । 
केन्द्रीय नियोजन एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला के साथ यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लापता लोगों की खोजबीन का काम चलता रहेगा । 
उन्होंने कहा, 'हालांकि उम्मीद कम है लेकिन हम उन्हें मृत घोषित नहीं कर सकते । लापता लोगों की खोज का अभियान जारी रहेगा क्योंकि हमें अभी भी आशा है कि लापता लोग सामने आयेंगे और अपने घर लौट आयेंगे ।'
मुख्यमंत्री बहुगुणा ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर लापता लोगों के बारे मे 15 जुलाई तक कुछ पता न चला, तो उन्हें मृत मान लिया जायेगा । 

बहुगुणा ने कहा कि एक महीने पहले राज्य के ज्यादातर हिस्सों में तबाही मचाने वाली आपदा में अब तक 5748 लोगों के लापता होने की सूचना है जिसमें से 934 उत्तराखंड के बाशिंदे हैं । 
मुआवजा के संबंध में बहुगुणा ने कहा कि पांच लाख रूपये में से दो लाख रूपये प्रधानमंत्री राहत कोष से दिये जायेंगे और डेढ लाख का भुगतान राष्ट्रीय आपदा राहत कोष :एनसीआरएफ:से किया जायेगा । बाकी बचे डेढ़ लाख रूपये संबंधित राज्य सरकारें देंगी ।  
आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए केदारनाथ इलाके में मलबा हटाने के काम में खराब मौसम से आ रही परेशानी की बात को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार हो रही बारिश की वजह से राष्ट्रीय आपदा राहत बल अपने उपकरण ही नहीं उतार पा रहा है । 
उन्होंने बताया कि केदारनाथ मंदिर के प्रांगण में पांच फीट मलबा भरा है जो बिना उपकरणों की मदद के नहीं हटाया जा सकता । 
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर स्थित रामबाड़ा इलाके में शव भी दिखायी दे रहे हैं लेकिन खोज अभियान में लगी टीम वहां तक पहुंच ही नहीं पा रही है ।
उन्होंने बताया कि जहां भी मौसम इजाजत दे रहा है, वहां खच्चरों और हैलीकाप्टरों के माध्यम से प्रभावित इलाकों तक राहत सामग्री पहुंचायी जा रही है ।

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