Thursday, 20 June 2013 10:09 |
जानकी शरण द्विवेदी, गोण्डा। मानसून की पहली बरसात में ही उत्तराखंड में मची तबाही के कारण केदारनाथ की यात्रा से लौट रहे सैकड़ों यात्री रुद्रप्रयाग जिले के गौरी कुंड के पास फंसे हुए हैं। हिंदुस्तान के कोने-कोने से यहां पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए प्रकृति की क्रूरता के साथ ही स्थानीय निवासी भी संकट का कारण बने हैं। मंगलवार को तीसरे दिन राहत और बचाव दल द्वारा तीर्थयात्रियों के लिए हेलिकॉप्टर से गिराए गए खाने के पैकेट को गांव वालों ने लूट लिया। हरिद्वार के परमार्थ आश्रम में मौजूद गोण्डा के मूल निवासी और पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि केदारनाथ गौरीकुंड मार्ग बाढ़ के कारण पूरी तरह बह गया है। इस मार्ग पर बने पुल भी ध्वस्त हो गए हैं। इसलिए फंसे लोगों को निकालने में मुश्किलें आ रही हैं। मंगलवार को मौसम में थोड़ा सुधार के बाद प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गया है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए वैकल्पिक रास्ते की भी तलाश हो रही है। उन्होंने बताया कि वे रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी विजय ढ़ौलियाल से बात कर तीर्थयात्रियों को हरसंभव सहयोग करने के लिए कह चुके हैं। http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/9-2009-08-27-03-38-23/47328-2013-06-20-04-40-03 |
Thursday, June 20, 2013
गौरीकुंड में फंसे हैं सैकड़ों तीर्थयात्री
गौरीकुंड में फंसे हैं सैकड़ों तीर्थयात्री
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