Monday, July 18, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/7/18
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


यूपीएसईई के सफल अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्र सत्यापन का एक और मौका

Posted: 17 Jul 2011 11:08 AM PDT

उत्तर प्रदेश स्टेट इंट्रेंस एक्जाम (यूपीएसईई) में सफल अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने के लिए एक और मौका दिया गया है। जो अभ्यर्थी किसी कारण से प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं करा सके हैं, वे 19 जुलाई को संबंधित केंद्रों पर सत्यापन करा सकते हैं। इसके बाद 20 जुलाई से ऑनलाइन काउंसिलिंग चालू होगी, जिसमें अभ्यर्थी च्वाइस लाक कर सकेंगे।
प्रदेश के तकनीकी संस्थानों में प्रवेश के लिए महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय, नोएडा द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन 22 से 28 जून तक किया गया था। अब च्वाइस लाकिंग के लिए 20 जुलाई से ऑनलाइन काउंसिलिंग शुरू होगी। प्रथम चरण की काउंसिलिंग में 20-27 जुलाई तक सभी वर्ग के अभ्यर्थी बीटेक, बीआर्किटेक्ट, बीफार्मा, बीएचएमटीसी, बीएफएडी, एमसीए एवं एमबीए के लिए च्वाइस लॉक करेंगे। इसके बाद 30 जुलाई से 01 अगस्त तक ओबीसी, एससी एवं एसटी वर्ग की आरक्षित श्रेणी की सीटों के लिए और 05-06 अगस्त को एससी की बची सीटों के लिए विशेष काउंसिलिंग होगी। इसके बाद बची हुई सीटों में प्रवेश के लिए 10-12 अगस्त तक दूसरे चरण की काउंसिलिंग होगी, जिसमें सभी वर्ग के अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे। इसमें भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को च्वाइस लाकिंग के पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस दौरान अभ्यर्थी को डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन स्लिप, एडमिट कार्ड एवं वित्त अधिकारी, महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय के नाम से बना हुआ 5000 रुपये का बैंक ड्राफ्ट प्रस्तुत करना होगा। च्वाइस लॉक के दूसरे दिन अभ्यर्थियों को एलाटमेंट लेटर दिए जाएंगे। इस दौरान सामान्य एवं ओबीसी श्रेणी के अभ्यर्थी को 10 हजार और एससी-एसटी को 4000 रुपये का बैंक ड्राफ्ट देना होगा। यह धनराशि कालेज के शिक्षण शुल्क में जुड़ जाएगी। काउंसिलिंग के लिए वाराणसी में आरएसएमटी, केआईटी, एसएमएस एवं सरस्वती इंस्टीट्यूट को केंद्र बनाया गया है(अमर उजाला,वाराणसी,17.7.11)।

यूपीःसमान पाठ्यक्रम पर बढ़ी तकरार

Posted: 17 Jul 2011 11:06 AM PDT

प्रदेश के 11 राज्य विश्वविद्यालयों में बीए, बीएससी, बीकॉम, बीपीएड के समान पाठ्यक्रम पर तकरार बढ़ गई है। लखनऊ और गोरखपुर विवि के विरोध के बाद अब कानपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) भी समान पाठ्यक्रम के विरोध में उतर आया है। शनिवार को डीबीएस कालेज में हुए कूटा के सम्मेलन में कहा गया कि ऐसा करके सभी विश्वविद्यालयों की बोर्ड आफ स्टडीज से खिलवाड़ किया जा रहा है। शासन अपने हिसाब से पाठ्यक्रम बदल रहा है। उसकी मंशा है कि प्रदेश स्तर की एक बोर्ड आफ स्टडीज बनाकर मनमाने ढंग से पाठ्यक्रम बदला जा सके लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
चालू शैक्षिक सत्र से ही सभी राज्य विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम समान किया जाना है। इससे पहले ही लखनऊ और गोरखपुर विवि ने स्वायत्तता बनाए रखने की मांग करते हुए इसमें अड़ंगा लग दिया। दोनों विवि का कहना है कि समान पाठ्यक्रम लागू करने का दबाव न डाला जाए, वे अपने हिसाब से पाठ्यक्रम में बदलाव कर लिया जाएगा। अब शिक्षक संघ भी इसके विरोध में आ गए हैं। शनिवार को हुए कूटा के सम्मेलन में समान पाठ्यक्रम का मुद्दा छाया रहा। महामंत्री डा. विकास द्विवेदी ने कहा कि समान पाठ्यक्रम के नाम पर विषय विशेषज्ञों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। इसके विरोध में सोमवार को सहगल कमेटी के चेयरमैन प्रो. हर्ष कुमार सहगल को ज्ञापन दिया जाएगा। ज्ञापन में पाठ्यक्रम बदलने का अनुमोदन स्थानीय बोर्ड आफ स्टडीज से कराने और उसी हिसाब से पाठ्यक्रम लागू कराने की मांग की जाएगी। यह मामला उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) की 24 जुलाई को लखनऊ में प्रस्तावित बैठक में भी उठाया जाएगा। इसमें सभी विश्वविद्यालयों को अपना पाठ्यक्रम निर्धारित करने की छूट देने की मांग की जाएगी। सभी शिक्षक इकाइयों से बातचीत कर समान पाठ्यक्रम का एक स्वर में विरोध होगा(अमर उजाला,कानपुर,17.7.11)।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में दस फीसदी वकील फर्जी

Posted: 17 Jul 2011 11:05 AM PDT

काला कोट, एडवोकेट्स बैंड और लंबा गाउन पहनने वाला व्यक्ति वकील ही हो यह जरूरी नहीं है। निजी लाभ या फिर केवल रूतबा गांठने के लिए वकील का लिबास पहनने वालों की भी कमी नहीं है। ऐसा हम नहीं, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी कह रहे हैं। बात केवल कहने तक ही नहीं रही। हाईकोर्ट बार ऐसे लोगों को चिन्हित कर रहा है और एसोसिएशन की छवि के साथ खिलवाड़ करने वालों को बाहर करने की तैयारी है। हाईकोर्ट बार ने स्वीकार किया कि हाईकोर्ट और दूसरी अदालतों में ऐसे फर्जी वकीलों की अच्छी खासी संख्या है जिनके पास वकालत की डिग्री भी नहीं है, उन्हें बाहर करने का प्रयास जारी है। साथ ही बार उन सदस्यों की सूची भी तैयार कर रहा है जो सिर्फ फायदे के लिए बार के मेंबर बन गए हैं, प्रैक्टिस से उनका कोई लेना देना नहीं है। ऐसे लोगों की सदस्यता भी समाप्त की जा सकती है।

हाईकोर्ट में बढ़ती वकीलों की बेतहाशा भीड़ के चलते बार इन दिनों इस समस्या पर मंथन कर रहा है। शुक्रवार को हुई आम सभा की बैठक में भी मुख्य मुद्दा यही रहा कि कैसे बाहरी वकीलों (जिनमें फर्जी वकील भी शामिल हैं) पर रोक लगाई जाए। दरअसल मौजूदा हालात यह है कि कोई भी शख्स वकील की डे्रस पहनकर वकालत नामे पर फर्जी इनरोलमेंट नंबर डालकर मुकदमा फाइल कर सकता है। इसकी जांच करने का फिलहाल कोई सिस्टम नहीं है। कोई मामला
फंसने पर सच्चाई सामने आती है तब फर्जी वकील को पकड़ पाना मुश्किल होता है। हाईकोर्ट बार के महासचिव अनिल तिवारी की मानें तो ऐसे लोगों की संख्या दस फीसदी तक है। हाईकोर्ट में वकीलों की संख्या करीब 20 हजार है जबकि बार के पंजीकृत सदस्य 14000 हैं। जाहिर है कि करीब छह हजार वकीलों के पास बार की सदस्यता नहीं है। बार इसकी जांच करा रहा है। श्री तिवारी के मुताबिक ऐसे लोगों की भी पड़ताल की जा रही है जो राजनीतिक कारणों से या सिर्फ लाभ लेने के इरादे से बार के सदस्य बन गए हैं। तय है कि ऐसे सदस्यों को बार से बाहर निकाला जाएगा। 

सख्त होंगे सदस्यता के नियम
इलाहाबाद। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव अनिल तिवारी के मुताबिक सदस्यता उन्हीं आवेदकों को दी जाएगी जिन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया की परीक्षा पास की है। वर्ष 2010 से पूर्व वकालत की डिग्री लेने वालों को उसी हालत में सदस्यता दी जाएगी जब उन्होंने हाईकोर्ट में चार-पांच मुकदमों में वकालतनामा दाखिल किया हो। बार एडवोकेट्स रोल तैयार करेगा और वकालतनामा जारी करते समय अधिवक्ता के पंजीकरण की जांच की जाएगी(अमर उजाला,इलाहाबाद,17.7.11)।

केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान में प्रवेश के लिए केंद्रीय काउंसलिंग कल से

Posted: 17 Jul 2011 10:59 AM PDT

रतनलाल कंवरलाल पाटनी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भवन में संचालित केद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान में प्रवेश के लिए काउंसलिंग सोमवार से शुरू होगी। प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद एक अगस्त से यथावत अध्ययन शुरू होगा।
विवि के विशेषाघिकारी (एकेडमिक) एन.वी. ठक्कर ने बताया कि गत 18 व 19 जून को देशभर के 36 केंद्रों पर संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी। विवि के 14 प्रोग्राम में प्रवेश के लिए देश के 36 केंद्र्रों पर 3400 से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हुए। विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए सोमवार को सुबह दस बजे हिन्दी व फिजिक्स तथा दो बजे बायोटेक्नॉलोजी विषय की काउंसलिंग होगी।
मंगलवार को एमए कल्चर एण्ड मीडिया, एमसीसी एनवायरमेंट साइंस, एमटेक कम्प्यूटर साइंस व 20 को एमबीए, इकोनोमिक्स, एमएससी कम्प्यूटर साइंस व 21 को एमए अंग्रेजी व एमए एमएससी स्टेटिक्स (एक्च्युरियल साइंस) की काउंसलिंग होगी। बाईस को एमएससी केमेस्ट्री, एमएससी टेक मेथ्स, आर्किटेक्चर विषय की काउंसलिंग होगी(राजस्थान पत्रिका,मदनगंज-किशनगढ़ (अजमेर),17.7.11)।

पटना डेंटल कालेज को नामांकन की मंजूरी

Posted: 17 Jul 2011 09:56 AM PDT

सूबे का एकमात्र सरकारी दंत महाविद्यालय पटना डेंटल कालेज को चालू सत्र में नामांकन लेने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है। डेंटल काउंसिल आफ इंडिया ने कालेज को सशर्त नामांकन लेने की अनुमति दी है। इससे चालीस छात्रों के लिए बीडीएस की पढ़ाई करने का रास्ता साफ हो गया। कालेज को 2003 से सशर्त नामांकन की अनुमति दी जाती रही है, मगर कमियों को दूर करने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है। न्यूनतम मानदंड पूरा न करने को लेकर डीसीआइ नौ सालों से कालेज की मान्यता पर सवाल उठाते आ रही। इस दौरान कई दफा शैक्षणिक और आधारभूत संरचना में व्यापक कमी के कारण नामांकन पर रोक लगा दी गयी। डीसीआइ को शिक्षकों एवं डेंटल चेयर की कमी, इमरजेंसी एवं इंडोर की व्यवस्था नहीं होने पर घोर आपत्ति है। कालेज में प्रोफेसर के 6, रीडर के 9 एवं लेक्चरर के 23 पर सृजित हैं। इसके विरुद्ध तीन प्रोफेसर, सात रीडर एवं सत्तर लेक्चरर ही कार्यरत हैं। इंडोर की सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है। गंभीर मरीजों को पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है। कई चिकित्सक तो मरीजों को सरकारी अस्पतालों का चक्कर छोड़कर निजी अस्पताल में इलाज कराने की सलाह देने से संकोच नहीं करते हैं। इसका खामियाजा सिर्फ मरीजों को ही नहीं बल्कि बीडीएस के विद्यार्थियों को भी भुगतना पड़ रहा है। बताया जाता है कि राज्य सरकार द्वारा कमियों को दूर करने का भरोसा देने के बाद ही डीसीआइ ने कालेज को एक साल के लिए नामांकन की सशर्त अनुमति प्रदान की है। इससे संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा में डेंटल कालेज में लिए सफलता हासिल करने वाले छात्रों के नामांकन पर लगा ग्रहण हट गया(दैनिक जागरण,पटना,17.7.11)।

इलाहाबाद विश्वविद्यालयःसमाजशास्त्र के पाठ्यक्रम को अब तक मंज़ूरी नहीं

Posted: 17 Jul 2011 09:48 AM PDT

बहुत समय पहले एक आर्ट फिल्म आई थी, वेटिंग फार द गोडो। तीन दोस्त रोज सुबह से शाम तक बैठकर गोडो का इंतजार करते थे और फिर निराश होकर यह कहते हुए चले जाते, कि गोडो आज भी नहीं आया। विश्वविद्यालय के एक विभाग की कहानी कमोबेश ऐसी ही है। जी हां हम बात कर रहे हैं समाजशास्त्र विभाग की। स्नातक की कक्षाएं यहां अब चलती नहीं और परास्नातक कोर्स को चलाने के लिए एकेडमिक काउंसिल की मंजूरी नहीं मिल पाई है। तीन लोगों की फैकल्टी ने सिलेबस तैयार कर लिया है। रीडिंग मैटीरियल तैयार करने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। इस उम्मीद में कि हो सकता है एसी की बैठक हो, परास्नातक कोर्स को मंजूरी मिले तो कहीं छात्रों का अहित न हो जाए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग का इतिहास उतार चढ़ाव भरा रहा है। पूर्व कुलपति आरपी मिश्रा के समय में समाजशास्त्र कोर्स संचालित होता था। चार-पांच साल बाद इसे मानव विज्ञान के साथ जोड़कर सोशल एंथ्रोपोलॉजी की कक्षाएं संचालित होती रहीं। बाद में जब एंथ्रोपोलॉजी अलग विभाग हो गया तो समाजशास्त्र विभाग एक बार फिर अस्तित्व के संकट में फंस गया। जून 2010 में फैकल्टी गठित हुई। प्रो.ए.सत्यनारायणा विभागाध्यक्ष बने। उन्होंने जल्द कक्षाएं शुरू कराने का बहुत प्रयास किया पर असफल रहे। कोर्सको एकेडमिक काउंसिल की मंजूरी मिली नहीं और सत्र खाली चला गया। जनवरी में नए कुलपति प्रो. एके सिंह आए। विभागाध्यक्ष ने उन्हें भी वस्तु स्थिति से अवगत कराया। कुलपति ने यह कहते हुए आश्वस्त किया कि एकेडमिक काउंसिल की बैठक होगी तो फिर सम्यक माध्यम से कोर्स को मंजूरी दिलाकर परास्नातक कक्षाएं शुरू करा दी जाएंगी। सिलेबस तैयार करके बहुत पहले ही दिया जा चुका है कि जब भी बैठक हो, कोर्स को एपू्रवल मिल जाए। कारण जो भी हो पर बैठक हुई नहीं। अब तो पीजीएटी-2011 का परिणाम भी घोषित हो चुका है। जल्द ही एडमीशन भी शुरू हो जाएंगे पर समाजशास्त्र का क्या होगा यह किसी को नहीं मालूम। इस संबंध में विभागाध्यक्ष प्रो. ए. सत्यनारायणा कहते हैं कि इस अवधि में स्टडी मैटेरियल लगभग तैयार कर लिया गया है। इससे छात्रों का नुकसान नहीं होगा और अनुमति मिलते ही कोर्स शुरू कर दिया जाएगा(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,17.7.11)।

अनुवाद डिप्लोमा के लिए आवेदन आमंत्रित

Posted: 17 Jul 2011 09:46 AM PDT

भारतीय अनुवाद परिषद के एक वर्षीय वाक् सेतु स्नातकोतत्तर अनुवाद (अंग्रेजी-हिंदी-अंग्रेजी) रोजगारोन्मुख डिप्लोमा पाठय़क्रम के लिए आवेदन आमंत्रित किये हैं। परिषद के महमासचिव डा. पूरन चंद टंडन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस पाठय़क्रम के लिए नये सत्र की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गयी। कोर्स की विवरणिका परिषद के कार्यालय से किसी भी कार्यदिवस को 150 रुपए का भुगतान कर प्राप्त की जा सकती है। कोर्स की कक्षाएं दो बैच में चलेंगी(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,17.7.11)।

डीयूःअनुसूचित जाति के लिए फेस टू फेस अलॉटमेंट का दूसरा चरण शुरू

Posted: 17 Jul 2011 09:45 AM PDT

डीयू से सम्बद्ध कॉलेजों में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए शनिवार को फेस टू फेस अलॉटमेंट के दूसरे चरण की शुरुआत हुई। जिन कॉलेजों में इस वर्ग के विद्यार्थियों के लिए सीटें खाली रह गई हैं, उन्हें कला संकाय में अलॉटमेंट के लिए बुलाया गया। कला संकाय के कमरे में एलसीडी के माध्यम से विद्यार्थियों को कॉलेजों में खाली सीटों की जानकारी दी गई और उन्हें सीटें आवंटित की गई। फेस टू फेस अलॉटमेंट प्रक्रिया तीन दिन और चलेगी। जिसके बाद कॉलेजों में जाकर विद्यार्थियों दाखिले ले सकेंगे। डीयू डिप्टी डीन डॉ. गुलशन साहनी ने बताया कि सोमवार को फेस-टू-फेस अलॉटमेंट प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अनुसूचित जाति वर्ग में खाली रह गई कुल 380 सीटों में दाखिले के लिए कुल 470 विद्यार्थी बुलाये गए थे। शनिवार को दूसरे चरण की फेस टू फेस अलॉटमेंट के तहत 58 से 60 फीसद के विद्यार्थियों को बुलाया गया था। सुबह 10 से लेकर दोपहर तक चली सीटों के आवंटन में खाली पड़ी सीटों को विद्यार्थियों को दिया गया। अब सोमवार को इस वर्ग के 55 से 58 फीसद, मंगलवार को 53 से 55 फीसद और बुधवार को 50 से 53 फीसद तक के विद्यार्थियों को फेस टू फेस अलॉटमेंट के लिए बुलाया जाएगा। सोमवार को 380 सीटों के आवंटन के बाद अब करीब 100 सीटों को तीन दिनों में बांटा जाएगा। यदि कोई विद्यार्थी बाकी बचे तीन दिनों में फेस टू फेस में नहीं आएंगे तो वे कॉलेजों में दाखिले से हाथ धो देंगे। फेस टू फेस अलॉटमेंट के बाद जारी दाखिला स्लिप के आधार पर विद्यार्थी 21 से 25 जुलाई तक कॉलेजों में दाखिला ले सकेंगे। कॉलेजों में दाखिले सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक होगा। जबकि सांध्य कॉलेजों में शाम 4 से 7 बजे तक चलेगा(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,17.7.11)।

इलाहाबाद विविःविधि में 18 सीटें बाक़ी

Posted: 17 Jul 2011 09:43 AM PDT

इलाहाबाद विश्र्वविद्यालय में विधि तृतीय वर्ष पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 18 सीटें ही शेष रह गई हैं। शनिवार को कुल 56 छात्र-छात्राओं ने दाखिला लिया। अब तक कुल 475 सीटों पर प्रवेश हुआ। छुट्टी होने के बावजूद रविवार को भी प्रवेश होगा। आज 149.33 अंक या इससे अधिक पाने वाले सभी वर्ग के छात्र, 124.33 अंक या इससे अधिक पाने वाले ओबीसी छात्र एवं 111 अंक या अधिक पाने वाले एससी वर्ग के छात्रों को दाखिले के लिए बुलाया गया है। विधि तृतीय वर्ष परीक्षा समिति के निदेशक प्रो.आरके चौबे ने बताया कि सुबह 9 से 12 बजे तक छात्रों की रिपोर्टिग होगी और एक बजे से काउंसिलिंग व दाखिला होगा। वहीं, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि पंचवर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अनुसूचित जाति के सभी प्रवेशार्थी 17 जुलाई रविवार को 11 बजे से विधि विभाग में रिपोर्ट कर सकते हैं। सामान्य वर्ग के वे अभ्यर्थी जिन्होंने परीक्षा में 118 या अधिक अंक प्राप्त किए हैं, रविवार को 11 बजे रिपोर्ट कर सकते हैं। निदेशक विधिसंकाय, सीएमपी डिग्री कॉलेज सूचित करते हैं कि विधि प्रथम वर्ष सत्र 2011-12 में प्रवेश हेतु सामान्य (ओबीसी, एससी, एसटी सहित) सभी श्रेणियों के छात्र जिनके विवि की प्रवेश परीक्षा में 137 या अधिक अंक हैं, 19 जुलाई को प्रवेश समिति के सम्मुख 10.30 बजे उपस्थित हों। छात्र अपने साथ सभी प्रमाणपत्र, फोटोग्राफ, फीस का बैंक िड्राफ्ट, बैंकर्स चेक या पे आर्डर लेकर आएं जो प्राचाार्य सीएमपी डिग्री कालेज के नाम देय हो। सामान्य व पिछड़े वर्ग की फीस 1324 रुपये, एससी व एसटी की फीस 280 रुपये होगी। दूसरे विवि से स्नातक उत्तीर्ण सामान्य व पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों की फीस 1424 रुपये व एससी व एसटी अभ्यर्थियों की फीस 380 रुपये होगी(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,17.7.11)।

यूपीःशिक्षामित्रों को 16 अगस्त से प्रशिक्षण

Posted: 17 Jul 2011 09:36 AM PDT

स्नातक शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण का पहला चरण 16 अगस्त से शुरू होगा। पहले चरण के प्रशिक्षण के लिए शिक्षामित्रों से 30 जुलाई तक संबंधित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में आवेदन मांगे गए हैं। प्रशिक्षण के लिए शिक्षामित्रों के चयन की प्रक्रिया 10 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। प्रथम चरण के प्रशिक्षणार्थियों की सूची का प्रकाशन 11 अगस्त को होगा। नए जिले कांशीराम नगर और छत्रपति शाहूजी महाराज नगर के शिक्षामित्र उस मूल जिले के डायट में आवेदन करेंगे, जिसमें पूर्व में उनके विद्यालय से संबंधित विकासखंड सम्मिलित था। पहले चरण में 62 हजार स्नातक शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया की रूपरेखा तय करने के सिलसिले में शनिवार को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक दिनेश चंद्र कनौजिया की अध्यक्षता में हुई डायट प्राचार्यों की बैठक में यह निर्णय हुआ है। बैठक में डायट प्राचार्यों को निर्देश दिया गया कि प्रशिक्षण के लिए वे तत्काल विज्ञापन प्रकाशित करें, जिसमें आवेदन का प्रारूप भी होगा। शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देने के लिए इलाहाबाद स्थित राज्य शिक्षा संस्थान ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के निर्देशानुसार पाठ्य सामग्री तैयार कर ली है। शिक्षामित्रों को यह पाठ्य सामग्री मुहैया कराने के लिए इसे प्रिंट कराया जा रहा है। बैठक में निदेशक एससीईआरटी ने डायट प्राचार्यों से बताया कि शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रत्येक ब्लॉक संसाधन केंद्र (बीआरसी) और नगर शिक्षा संसाधन केंद्र (यूआरसी) के लिए पांच-पांच विषय विशेषज्ञों का चयन हो चुका है। प्रत्येक बीआरसी और यूआरसी के लिए दो और विषय विशेषज्ञों का चयन बाद में किया जाएगा। चयनित विषय विशेषज्ञों को संबंधित का प्रशिक्षण संबंधित डायट में 30 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। विषय विशेषज्ञों को ट्रेनिंग देने के लिए मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। चयन के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रत्येक ब्लॉक संसाधन केंद्र (बीआरसी) और नगर शिक्षा संसाधन केंद्र (यूआरसी) पर चयनित शिक्षामित्रों की सूची तैयार की जाएगी। प्रत्येक बीआरसी और यूआरसी पर 70 शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। एनसीटीई द्वारा तय की गई व्यवस्था के अनुसार शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण की पूरी अवधि में न्यूनतम 300 संपर्क घंटे (कॉन्टैक्ट आवर्स) निर्धारित किये जाएंगे। इसमें एकेडमिक काउंसिलिंग के लिए 144 घंटे, कार्यशाला 24 दिन, विद्यालय आधारित क्रियाकलाप के लिए 15 अध्ययन घंटे और क्रियात्मक प्रशिक्षण के लिए 80 अध्ययन घंटे निर्धारित करना अनिवार्य होगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,17.7.11)।

दिल्लीःनगर निगम में शिक्षक नियुक्ति तारीख को लेकर असमंजस

Posted: 17 Jul 2011 09:35 AM PDT

शिक्षकों की कमी से जूझ रहे नगर निगम के स्कूलों में फिलहाल अध्यापकों की कमी का संकट दूर होता नहीं दिख रहा है। हालांकि शिक्षा विभाग ने करीब 1500 अध्यापकों को अनुबंध पर रखने का निर्णय ले लिया है, लेकिन नियुक्ति की तारीख लगातार टलती जा रही है। खासबात यह है कि निगम के स्कूलों में इस समय करीब 6500 शिक्षकों के पद खाली हैं। निगम के नेताओं ने पिछले दिनों 1500 शिक्षकों को अनुबंध पर रखने की योजना बनायी थी। शिक्षकों की भर्ती के लिए जुलाई का पहला सप्ताह निर्धारित किया गया था। नेताओं ने दावा किया था कि जुलाई में स्कूल खुलते ही शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। जुलाई का आधा महीने बीतने के बाद भी विभाग नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की तारीख तक तय नहीं कर पाया है। निगम के 1729 स्कूल हैं। जिसमें करीब 10 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। जबकि अध्यापकों की संख्या मात्र 20 हजार है। अध्यापकों की नियुक्ति के बारे में शिक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ महेंद्र नागपाल का कहना है कि जल्द ही तारीख तय हो जायेगी। नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने के 15 दिन के भीतर जरूरत के मुताबिक विद्यालयों को शिक्षक मिल जायेंगे(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,17.7.11)।

बिहारःखेतों में उतरे उच्च शिक्षा के नामवर

Posted: 17 Jul 2011 09:30 AM PDT

चलन में भले आज उच्च शिक्षा प्राप्त कर डालरों में कमाई को लेकर होड़ मची हो, लेकिन इन सभी के बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो पुरानी कहावत यानी उत्तम खेती की बानगी बने हुए हैं। ये वे नामवर हैं जिन्होंने उच्च ज्ञान तो हासिल किया, लेकिन अपनी इस मेधा का उपयोग अपनी धरती यानी किसानी के क्षेत्र में किया। खास कर ऐसे समय में जब बिहार की इन्द्रधनुषी क्रान्ति का फलाफल को देखने पूरा देश इंतजाररत है। दूसरी हरित क्रांति के लिए पूर्वोत्तर राज्य उसमें भी खासकर बिहार की ओर देश की नजर खाद्यान्न आपूर्ति को ले कर बंध चुकी है। ऐसे में इन पढ़ो लिखों का फसल उत्पादन के क्षेत्र में बढ़ना समाज को आनंदित करने लगा है। साथ ही आम किसानों विास भी होने लगा है कि देश की बढ़ती जनसंख्या के सापेक्ष अनाजों की पूर्ति बिहार सक्षम से ही संभव होने जा रहा है। इन्हीं मसलों की मिसाल लिए आगे बढ़ रहे हैं मनीष कुमार और शशांक कुमार व मधुकर सिंह। मनीष कुमार के पिता शशिभिूषण प्रसाद सेवानिवृत्त किरानी हैं। शशांक कुमार भी सेवानिवृत्त अधिवक्ता आर.एन.पाण्डेय के पुत्र हैं। मनीष कुमार ने बी.टेक, एम.टेक आई.आई.टी. खड़गपुर से तो शशांक कुमार बी.टेक व एम.बी.ए आई.आई.टी. दिल्ली से किया है। मधुकर सिंह के पिता स्व.एच.डी. सिंह सचिवालय में ही पदाधिकारी थे। उन्होंने भी पटना विविद्यालय से एम.बी.ए. किया है, लेकिन इन तीनों ने आराम की जिन्दगी को नकारा और मिट्टी से जुड़ कर फसल उत्पादन के नये तरीकों को स्वीकार आम किसानों को भी प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया। हालांकि शुरुआती दौर में परिवार वालों का विरोध भी सहना पड़ा। मनीष व शशांक ने तो जुलाई 2010 में वैशाली जिले के 3 गांवों के 15 किसानों के साथ फार्म्स एण्ड फार्मस संगठन को शुरू किया है। अभी 10 माह के अंतराल में ही इनकी पहुंच 6 जिलों के कई गांवों तक पहुंच चुका है। इन दो युवाओं द्वारा जो प्रयोग किये गये उससे वैशाली जिले में किये गये प्रयोग में संस्था ने किसानों को 100 प्रतिशत तक की वृद्धि दिखाई है। इस संस्था द्वारा गेहूं के बदले राजमा की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जिससे किसानों को कम मेहनत व लागत में ही ज्यादा आय हुई। कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सार्क देशों के लिए पहली बार आयोजित होने वाले दक्षिया एशिया युवा सम्मेलन में ये दोनों भारतवर्ष के प्रतिनिधित्व के लिए चुने गये। यह सम्मेलन आईएमए बंगलोर में हुआ था जहां 8 देशों के कुल 120 प्रतनिधि ने भाग लिया था। इसी जोश-खरोश के साथ मधुकर सिंह ने भी आराम की नौकरी के बदले कृषि फर्म में भागीदारी निभाई। पढ़ाई-लिखाई पटना में करने के बावजूद श्री सिंह ने मोतिहारी के मधुबन क्षेत्र को इस फर्म के लिए उपयुक्त समझा। उन्होंने कहा कि मोतिहारी गांधी की कर्म भूमि है इस लिहाजन भी उन इलाकों के प्रति मन में विशेष लगाव भी था। उन्होंने इलाके के किसानों के साथ हल्दी की खेती को नये तरीके से किया, जिसमें उन्हें अपार सफलता भी मिली। पहले जिन खेतों में प्रति कट्ठा 6 से सात मन हल्दी की उपज होती थी उन खेतों में 13 से 14 मन तक की उपज होने लगी। आज स्थिति यह है कि मधुबन के कई किसान इनकी अगुआई में हल्दी की खेती करने में लगे हैं। हाल यह है कि इनके कृषि कर्म से प्रभावित कई युवा इनसे खेती के गुर सीखने आते हैं। यहा प्रेरणादाई यह भी है कि इस हल्दी खेती को जैविक माध्यम से किया गया। जिसमे वर्मी कम्पोस्ट खाद व ढैंचा का भी प्रयोग किया गया। हल्दी की खेती से किसानों को काफी फायदा भी हुआ(चंदन,राष्ट्रीय सहारा,पटना,17.7.11)।

यूपीःप्रतिकूल प्रविष्टि पर दो साल नहीं बन सकेंगे सीएमओ

Posted: 17 Jul 2011 09:29 AM PDT

स्वास्थ्य विभाग में अनियमितताओं पर लगाम लगाने को हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद शासन ने मुख्य चिकित्साधिकारीव मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की तैनाती नीति को दुरुस्त किया है। अब ज्येष्ठता सूची की अनदेखी ना हो सकेगी और ना ही विभागीय कार्यवाही जारी रहने के दौरान किसी भी चिकित्सक को सीएमओ अथवा सीएमएस पद पर नियुक्त नहीं किया जाएगा। नई नीति जारी करते हुए सचिव स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवा मृत्युंजय कुमार नारायण ने बताया कि किसी चिकित्सक को जिस वित्तीय वर्ष में परिनिंदा/प्रतिकूल प्रविष्टि मिली हो उसे उक्त वर्ष के अलावा एक वर्ष बाद तक भी सीएमओ या सीएमएस नियुक्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा जिनकी वेतन वृद्धि रोक दी हो या दंडस्वरूप संयुक्त निदेशक वेतनमान के सापेक्ष निम्नतर प्रक्रम में अवनत किया गया हो, ऐसे चिकित्सकों को अगले पांच वर्ष तक उक्त पदों पर तैनात नहीं किया जा सकेगा। यदि लेवल-4 संयुक्त निदेशक ग्रेड में कार्यरत किसी चिकित्सक को शासकीय गबन या क्षति में दोषी पाया जाता है तो उसे दस वर्ष में उक्त पदों के उपयुक्त नहीं माना जाएगा। साथ ही जिनकी सेवानिवृत्ति में एक वर्ष शेष हो और पूर्व में ऐसे पदों पर न रहें तो उन्हें भी अंतिम वर्ष में भी तैनाती नही मिलेगी। सीएमओव सीएमएस पद में व्यापक बदलाव की तैयारी में जुटे विभाग ने 25 जून तक चिकित्सकों से प्रशासनिक पद पर कार्य करने की इच्छा या अनिच्छा के बारे लिखित जानकारी चाही थी। सूत्रों के अनुसार 376 चिकित्सकों ने प्रशासनिक पद लेने में कोई दिलचस्पी नहीं ली। लिखित स्वीकृति के बिना अब कोई जूनियर चिकित्सक ज्येष्ठता सूची को लांघ कर सीएमओ अथवा सीएमएस तैनात नहीं होगा। नई नीति के तहत जुलाई के अंत तक सीएमओ और सीएमएस पद में व्यापक फेरबदल कर लिया जाएगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,17.7.11)।

यूपीःपॉलीटेक्निक की 1389 सीटें लॉक

Posted: 17 Jul 2011 09:28 AM PDT

राजकीय पॉलीटेक्निक में चल रही काउंसिलिंग के सातवें दिन शनिवार को दिनभर हुई बारिश के बावजूद कार्य चलता रहा। देर शाम तक राजधानी समेत प्रदेश के सभी 13 केंद्रो में अभ्यर्थियों ने 1389 सीटें लॉक की। लॉक करने वाले सभी अभ्यर्थियों को रविवार को आवंटन पत्र दिया जाएगा लेकिन काउंसिलिंग नहीं होगी। 24,001 से 28,000 रैंक वाले अभ्यर्थियों की मंगलवार को काउंसिलिंग होगी। सुबह से शुरू हुई बारिश देर शाम तक होती रही। बरसात के बावजूद फैजाबाद रोड स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक में अभ्यर्थियों व अभिभावकों का सुबह से ही जमावड़ा लग गया था। बारिश के कारण अभिभावकों और अभ्यर्थियों को बैठने के लिए संस्थान का हॉल खोल दिया गया था जहां पीने के पानी सहित अन्य जरूरी इंतजाम किए गए थे। हॉल में स्क्रीन के माध्यम से सीटों के आवंटन की स्थिति के बारे में भी अभ्यर्थियों को जानकारी दी जा रही थी। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद सचिव एसके गोविल ने बताया कि शनिवार को 20,001 से 24000 रैंक वाले अभ्यर्थियों की हुई काउंसिलिंग में 1389 अभ्यर्थियों ने सीटें लॉक की। वही अब तक 12,253 सीटों का आवंटन किया जा चुका है। अवकाश के चलते रविवार और सोमवार को काउंसिलिंग नहीं होगी। खाता खुला, चिंता बढ़ी : निजी पॉलीटेक्निक संस्थानों में अभ्यर्थियों का प्रवेश शुरू हो गया है। निजी संस्थानों में खाता खुलने से एक तरफ तो संस्थानों के मालिकों ने राहत की सांस पर अब उनकी चिंता और बढ़ गई है। चिंता का कारण यह है कि निजी संस्थानों में अभ्यर्थियों ने सिविल, मैकेनिकल और इलेक्टि्रकल ट्रेडों में ही सीटें लॉक की हैं। 60 सीटों की क्षमता वाले इन ट्रेडों की सीटें तो भरने लगी हैं लेकिन अन्य ट्रेडों में अब भी सन्नाटा है(दैनिक जागरण,लखनऊ,17.7.11)।

यूपीःबीएड काउंसिलिंग के तीसरे दिन 7441सीटें लॉक

Posted: 17 Jul 2011 09:17 AM PDT

बीएड काउंसलिंग तीसरे दिन पटरी पर लौटी और अंतिम छात्र ने अपनी सीट शाम साढ़े आठ बजे लॉक कर दी। सूबे में तीसों काउंसलिंग सेंटरों पर शनिवार को 7880 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया, लेकिन सीट लॉक करने तक 7441 अभ्यर्थींही बचे। इन सभी ने काउंसलिंग फीस भरने के साथ अपनी सीटें लॉक की हैं। बीएड में अब स्ववित्तपोषित फीस की ही सीटें बची हैं, ऐसे छात्र-छात्राओं की प्राथमिकता नजदीकी महाविद्यालयों की हैं। सरकारी व सहायता प्राप्त डिग्री कालेजों की सीटें खत्म होने के बाद अब छात्रों के विकल्प बढ़ने लगे हैं और कम से कम एक दर्जन कालेजों के विकल्प लॉक करने में छात्र को आधा घण्टा तक समय कम्प्यूटर पर गुजारना पड़ रहा है। सर्वर में एक-दो बार व्यवधान पड़ा, लेकिन शनिवार को इंटरनेट की गति तेज होने की वजह से काम समय से पूरा हो गया। रविवार को काउंसलिंग सुबह नौ बजे से शुरू हो जाने की उम्मीद है, इसके लिए टोकन साढ़े सात बजे से ही बांटे जा सकते हैं। लखनऊ के पांचों केन्द्रों पर काउंसलिंग में बारिश ने कुछ देर के लिए जरूर खलल डाला, लेकिन शनिवार की प्रवेश प्रक्रिया जल्दी निपट गयी और अभ्यर्थी रतजगा करने से बच गये। कालीचरण डिग्री कालेज केन्द्र एक पर 301 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया और 284 ने काउंसलिंग में अपनी सीट लॉक की। इसी केन्द्र के सेंटर टू पर 300 में 284 अभ्यर्थियों, नगर निगम डिग्री कालेज केन्द्र पर पथराव के बाद भी सबसे ज्यादा 312 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया लेकिन काउंसलिंग 289 अभ्यर्थियों की हो सकी। बिजली पासी राजकीय डिग्री कालेज केन्द्र पर 281 अभ्यर्थियों ने बीएड की काउंसलिंग के लिए च्वाइस लॉक की। जबकि दीन दयाल उपाध्याय राजकीय डिग्री कालेज केन्द्र पर पंजीकरण कराने वाले 312 अभ्यर्थियों में सबसे ज्यादा 300 से सीट लॉक करायी। बीएड काउंसलिंग के प्रभारी डा. पवन अग्रवाल ने बताया कि सीटों को आवंटन देर रात समय पूरा हो जाएगा, तो रविवार को काउंसलिंग समय से शुरू करा दी जाएगी। उन्होंने शनिवार को सभी ऑन लाइन काउंसलिंग केन्द्रों का दौरा किया(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,17.7.11)।

लखनऊःअम्बेडकर नगर मेडिकल कालेज की एमबीबीएस सीटों पर आरक्षण को लेकर असमंजस

Posted: 17 Jul 2011 09:15 AM PDT

कम्बाइड प्री मेडिकल टेस्ट (सीपीएमटी) की काउंसलिंग में चौथे दिन अम्बेडकर नगर मेडिकल कालेज की एमबीबीएस की सीटों के आरक्षण पर अफरा-तफरी बनी रही। एमबीबीएस की शेष बची सीटों को लॉक करते वक्त अभ्यर्थियों ने कर दावा किया अम्बेडकर नगर मेडिकल कालेज में इन सीटों पर पचास प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण है, जब कि कुछ अभ्यर्थियों ने दावा किया एमसीआई के मानक के अनुसार पचास प्रतिशत सीटों पर आरक्षण होता है। चिकित्सा शिक्षा विभाग अधिकारियों का कहना है नियमानुसार ही सीटों को लॉक किया जा रहा है। शनिवार को काउंसलिंग में तीन हजार रैंक तक सीटों को लॉक कर दिया गया। काउंसलिंग के चौथे दिन सुबह एमबीबीएस की आरक्षित सीटों का लॉक करते वक्त अभ्यर्थियों ने दावा कर दिया कि अम्बेडर नगर मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की 100 सीटों में 15 सीटे ऑल इंडिया लेबल की है। शेष बची 85 सीटों में पचास प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण है। जबकि कुछ अभ्यर्थियों ने कहा कि एमसीआई के मानक के अनुसार कुल सीटों में पचास प्रतिशत ही आरक्षण दिया जाता है। इसको लेकर काउंसलिंग में कुछ देर अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। आनन-फानन में नियमों की जानकारी की गयी। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को समझाया कि निर्धारित नियमों के अनुसार ही कार्य किया जा रहा है। काउंसलिंग में 1500 रैंक से शुरू हुई सीटों को लॉक करने में बीडीएस की सभी सीटे लॉक कर दी गयी। इसके बाद बीएएमएस व बीयूएमएस की सीटे तीन हजार रैंक तक लॉक कर दी गयी। उधर बारिश के कारण काउंसलिंग के बाहर लगा टेंट टपकने लगा। इसके बाद बैठने की व्यवस्था नहीं होने पर अभ्यर्थी व परिजन बाहर खड़ी अपनी गाड़ियों में ही बैठे रहे। इस अव्यवस्था से परिजनों में आक्रोश व्याप्त था। उधर चिकित्सा शिक्षा विभाग अधिकारियों ने पकड़े गये लगभग 15 मुन्ना भाईयों के खिलाफ पुलिस में रिपार्ट दर्ज कराने के निर्देश सभी सेंटरों के अधिकारियों को दिया है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,17.7.11)।

पटना यूनिवर्सिटी के PG में 19 तक दाखिला फार्म

Posted: 17 Jul 2011 09:03 AM PDT

पटना विविद्यालय के स्नातकोत्तर में नामांकन के लिए 18 जुलाई तक फॉर्म भरा जाना था, लेकिन 18 को शबे बरात की छुट्टी की वजह से अब 19 जुलाई तक नामांकन फॉर्म भरा जा सकता है, वहीं पटना विविद्यालय के स्नातक के लिए जिन कॉलेजों में अभी तक नामांकन कार्य पूरा नहीं हुआ है वहां 22 जुलाई तक तिथि बढ़ा दी गई है। बाकी अन्य कॉलेजों में 19 जुलाई से सत्र प्रारंभ हो जाएंगे, वहीं मगध विविद्यालय के कॉलेजों में भी नामांकन जारी है। पटना विविद्यालय के बीएन, साइंस व पटना कालेज में नामांकन प्रक्रिया समाप्त नहीं होने की वजह से विविद्यालय प्रशासन द्वारा नामांकन की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 22 जुलाई कर दिया गया है। बीएन कॉलेज व पटना कॉलेज में तो अब भी बड़ी संख्या में सीटें खाली हैं। नामांकन की तिथि बढ़ने से पटना विविद्यालय में सीटें फुल होने की आसार हैं। उधर जेडी वीमेंस कॉलेज में इंटर साइंस की दूसरी मेधा सूची में शामिल छात्राओं का नामांकन 18 व 19 जुलाई को लिया जायेगा। कॉलेज ऑफ कॉमर्स में बीएससी व आईकॉम की मेधा सूची में शामिल छात्र-छात्राओं का नामांकन 20 जुलाई तक लिया जायेगा। एएन कॉलेज में भी स्नातक-इंटर में नामांकन जारी है। पटना विविद्यालय में सीटें दोगुनी होने का प्रभाव मगध विविद्यालय पर भी पड़ा है। इसकी वजह से एमयू के भी कुछ कॉलेजों में सीटें खाली रहने की संभावना है। कई छात्र ऐसे हैं जो पहले पटना विविद्यालय में नामांकन लेना चाहते हैं, लेकिन अंक कम होने की वजह से उनका नामांकन पीयू में नहीं हो पा रहा है। उन्हें उम्मीद है कि पीयू के कुछ कॉलेज अपना कॅट ऑफ और कम करेंगे। यही कारण है कि कई छात्र अभी कुछ दिन और इंतजार करने के मूड में हैं जब तक कि मगध विविद्यालय में नामांकन की तिथि बाकी है। इसके बाद ही वे मगध विविद्यालय का रुख करेंगे(राष्ट्रीय सहारा,पटना,17.7.11)।

संस्कृति स्कूल ऑफ बिजनेस देगा बिहार में छात्रवृत्ति

Posted: 17 Jul 2011 09:02 AM PDT

'संस्कृति स्कूल ऑफ बिजनेस' वि के सौ प्रबंधन कॉलेजों में से एक है। यह एआईसीटीई से मान्यताप्राप्त है। संस्थान की ओर से बिहार के छात्रों को नामांकन लेने पर लाखों रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी । '

संस्थान के फाउंडर डीन डॉ. प्रमथ राज सिन्हा ने राजधानी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में प्रबंधन पेशे में कार्यरत समूह द्वारा इस संस्थान की स्थापना की गई। यह एक महत्वपूर्ण बात है कि एसएसबी के बोर्ड ऑफ गवर्नर के अधिकतर सदस्य बिहार के हैं एवं उनमें लगभग सभी लोग आईआईएम-आईआईटी के स्नातक हैं। यही कारण है कि हमारा बिहार के छात्र- छात्राओं से विशेष लगाव है और इसलिए उनके लिए हमने यह महत्वपूर्ण योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान से प्राप्त पीजी डिप्लोमा सभी बिजनेस घरानों में मान्य है। एसएसबी बड़ौदा देश के बड़े कॉरपोरेट घरानों से न केवल छात्र के प्रशिक्षण के लिए जुड़े हैं बल्कि इन कॉरपोरेट हाउसों में प्लेसमेंट भी कराई जाती है। एसएसबी को अपनी शिक्षा की गुणवत्ता पर इतना विास है कि इसने अपने छात्रों को न्यूनतम तीन लाख प्रतिवर्ष की गारंटी दे रखी है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,17.7.11)।

बिहार में 3500 जीआरपी की बहाली

Posted: 17 Jul 2011 08:55 AM PDT

बिहार में पुलिसकर्मियों की संख्या राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने के लिए चल रही कवायद के तहत जीआरपी में बड़े पैमाने पर पदों में वृद्धि किये जाने का प्रस्ताव है। बताया जाता है कि 3514 पदों के सृजन का प्रस्ताव है जो सिपाही से लेकर पुलिस उपाधीक्षक स्तर तक का होगा। इस दिशा में कई महीनों से कवायद जारी है। यदि रेल पुलिस के प्रस्ताव को राज्य सरकार की मंजूरी मिल गई तो उसकी ताकत में दोगुना इजाफा हो जाएगा। इससे रेल पुलिस में सिपाही से लेकर डीएसपी स्तर तक के पद न सिर्फ बढ़ जाएंगे बल्कि उसके स्वीकृत बल की संख्या 7400 से अधिक हो जाएगी। अपर पुलिस महानिदेशक (रेल) एसके भारद्वाज के मुताबिक बिहार में रेल पुलिस को चार जिलों में बांटा गया है। ये पटना, मुजफ्फरपुर, जमालपुर और कटिहार हैं। इनमें 32 थाने और इसी संख्या में पुलिस पोस्ट कार्यरत हैं। बिहार के अधीन 3615 किलोमीटर का रेल रूट है। राज्य से गुजरने वाली ट्रेनों के यात्रियों की सुरक्षा की खातिर 4 पुलिस अधीक्षक, 14 पुलिस उपाधीक्षक, 17 इंस्पेक्टर, 337 सब-इंस्पेक्टर और 317 सहायक सब-इंस्पेक्टर के पद पूर्व से सृजित हैं। इसकेअलावा हवलदार के 511 और आरक्षी के 2702 पद भी हैं। इन्हें मिलाकर रेल पुलिस में अधिकारियों व जवानों के 3902 स्वीकृत पद हैं। रेल मार्ग और ट्रेनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हाल में ही राज्य सरकार को रेल पुलिस के अधीन पदों में वृद्धि करने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके तहत 3514 पदों के सृजन का प्रस्ताव है जो सिपाही से लेकर पुलिस उपाधीक्षक स्तर तक का होगा। प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद जीआरपी में बल की तादाद करीब दोगुना हो जाएगी। ज्ञात हो कि राजग के दोबारा सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में पुलिसकर्मियों की संख्या को राष्ट्रीय औसत के बराबर पहुंचाने के लिए पुलिस मुख्यालय से बहाली संबंधी प्रस्ताव तैयार कर भेजने का निर्देश दिया था। राष्ट्रीय औसत प्रति एक लाख व्यक्ति पर 145 पुलिसकर्मियों का है जबकि बिहार में यह संख्या प्रति एक लाख व्यक्ति पर महज 80 पुलिसकर्मियों की है। इस स्थिति को देखते हुए अगले पांच वर्षो में हर साल कम से कम 1 हजार दारोगा और 9 हजार सिपाहियों की बहाली की जानी है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,17.7.11)।

उत्तराखंड में आरटीई : नहीं हुआ बच्चों की फीस पर फैसला

Posted: 17 Jul 2011 08:49 AM PDT

प्रदेश सरकार के बच्चों की फीस के बारे में फैसला न ले पाने के कारण कहीं शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चे निजी स्कूलों में प्रवेश से वंचित न रह जाए। प्रदेश के वित्त विभाग ने अब तक आरटीई के तहत विद्यालयी शिक्षा विभाग की ओर से प्रस्तावित खर्च को हरी झंडी नहीं दी है। बता दें कि आरटीई के तहत निजी स्कूलों को उसके आस-पास रहने वाले वंचित वर्



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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