Saturday, May 14, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/5/14
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


जामिया में 7 हजार सीटें, 1.14 लाख से अधिक फॉर्म बिके

Posted: 13 May 2011 11:29 AM PDT

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में फॉर्म बिक्री का नया रेकॉर्ड बन रहा है। जामिया में 231 प्रोफेशनल और नॉन - प्रोफेशनल कोर्सेज की सात हजार सीटों के लिए अभी तक 1.14 लाख से अधिक फॉर्म बिक चुके हैं और अभी भी कई कोर्सेज में आवेदन प्रक्रिया चल रही है।

यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग कोर्सेज की सबसे अधिक डिमांड है। बीटेक / डिप्लोमा / बीई / एमबीए पार्ट टाइम / एमटेक कोर्सेज में 1469 सीटों के लिए 37902 फॉर्म बिके हैं। बीएड / ईटीई कोर्स की 300 सीटों के लिए 9423 फॉर्म , एमबीए फुल टाइम / बी . आर्क की 220 सीटों के लिए 4495 फॉर्म और एमए मास कम्यूनिकेशन / पीजी कोर्सेज की 170 सीटों के लिए 1493 फॉर्म जारी हो चुके हैं। यूनिवर्सिटी के मुताबिक इस बार एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स के बीच मुकाबला और कड़ा होगा(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,13.5.11)।

ओड़िया भाषा का विकास अहम

Posted: 13 May 2011 11:23 AM PDT

झारखंड में ओड़िया भाषा का विकास करने में अहम भूमिका निभाने समेत ओड़िया को राज्य की द्वितीय भाषा बनाने के लिए प्रयासरत मनोहरपुर विधायक गुरुचरण नायक को राउरकेला में स्थानीय नीलचक्र कार्यालय में सम्मानित किया गया। इस अंवसर पर श्री नायक ने झारखंड में ओड़िया भाषा का प्रचार प्रसार समेत ओड़िया भाषा में शिक्षा की दिशा में अपना प्रयास जारी रखने की बात कही।
सेक्टर-6 स्थित नीलचक्र कार्यालय के वीर सुरेंद्र साय भवन में शुक्रवार को आयोजित सम्मान समारोह में नीलचक्र के अध्यक्ष नरहरि खड़ंगा, प्रदेश उपाध्यक्ष गोपीनाथ भंज, साहित्यकार व कवि सुरेंद्र पाढ़ी, राउरकेला उपाध्यक्ष शुकदेव भंज, श्यामसुंदर दास, सचिव पंचम पाल, नाट्यकार केदार आचार्य उपस्थित थे। इस अवसर पर नीलचक्र की ओर से झारखंड के मनोहरपुर विधायक गुरुचरण नायक की ओर से ओड़िया भाषा को राज्य की द्वितीय राजभाषा बनाने की मांग राज्य विधानसभा में रखने पर उनका आभार जताया। इस समारोह में श्री नायक ने इस सम्मान के लिए नीलचक्र का आभार जताने समेत झारखंड में ओड़िया भाषा की पढ़ाई करनेवाले बच्चों के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की ओर से ओड़िया भाषा की पुस्तकें मुहैया कराने के लिए भरोसा देने की जानकारी दी। श्री नायक शुक्रवार को राउरकेला में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे(दैनिक जागरण संवाददाता,राउऱकेला,13.5.11)।

देहरादूनःनिजी स्कूल में तैनात है सरकारी प्रिसिंपल

Posted: 13 May 2011 11:18 AM PDT

कालेज निजी और प्रिंसीपल सरकारी, जी हां, सोसाइटी अधिनियम के तहत पंजीकृत बीएस नेगी महिला पॉलीटेक्निक कालेज (ओएनजीसी) के प्रिंसीपल पद पर ओएनजीसी के अधिकारी तैनात रहते हैं। कालेज की वित्तीय शक्तियों पर भी इन्हीं का कब्जा रहता है। ओएनजीसी प्रबंधन का कहना है कि उसका कालेज से कोई लेना देना नहीं। उत्तराखंड सरकार द्वारा आरटीआइ के तहत दी गई जानकारी में यह खुलासा किया गया है। जानकारी के अनुसार, महिला पॉलीटेक्निक कालेज की स्थापना वर्ष 1987 में ओएनजीसी महिला समिति ने की थी। 2000 तक समिति प्रबंधन ही कालेज की मेंटिनेंस व अन्य खर्चे वहन करता रहा। साथ ही कालेज की देखरेख के लिए प्रधानाचार्य पद पर एक अधिकारी की भी तैनाती की। इसके बाद कालेज की गवर्निंग बॉडी ने कह दिया कि यह निजी संस्थान है, इसका खर्च संस्थान खुद वहन करेगा। गवर्निंग बॉडी ने कालेज को ओएनजीसी से पूरी तरह अलग तो कर दिया, मगर कभी यह सुझाव नहीं दिया कि प्रबंधन अब यहां अपने अधिकारी तैनात न करे। नतीजा संस्थान के प्रिंसीपल पद पर न सिर्फ ओएनजीसी अधिकारी तैनात रहते हैं, बल्कि इसकी गवर्निंग बॉडी के 75 फीसदी सदस्यों में ओएनजीसी में सेवारत व रिटायर्ड अधिकारी शामिल हैं। कालेज की सालाना करीब डेढ़ करोड़ रुपए की आय से 40 से अधिक कर्मचारियों की तनख्वाह व अन्य खर्चे प्रिंसीपल व गवर्निंग बॉडी के माध्यम से किए जाते हैं(सुमन सेमवाल, देहरादून,13.5.11)।

दिल्लीःनिजी स्कूलों में खाली रह गईं सीटें

Posted: 13 May 2011 11:15 AM PDT

शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद निजी स्कूलों में गरीबी कोटे के तहत 25 फीसदी छात्रों का दाखिला होने का प्रावधान है। जागरुकता अभियान की कमी के चलते तमाम निजी स्कूलों में गरीबी कोटे के तहत आरक्षित सीटें नहीं भर पाईं। दिल्ली में एमसीडी से मान्यता प्राप्त 783 निजी स्कूलों में गरीबी कोटे के तहत दाखिला लेने की अंतिम तारीख 10 मई बीत जाने के बाद भी इस कोटे के तहत सिर्फ 608 बच्चों का दाखिला हुआ है। निजी स्कूलों की चकाचौंध व्यवस्था और गेट से ही गरीब अभिभावकों को भगाए जाने की घटना इन स्कूलों में गरीबी कोटे के तहत सीटें खाली रहने का एक कारण हो सकता है। एमसीडी के शिक्षा विभाग की मानें तो वजह कुछ और भी है। आरटीई एक्ट को लागू हुए एक साल से अधिक हो गया, लेकिन लोगों में जागरुकता न होने से वे इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। साथ ही गरीबी कोटे के तहत प्रत्येक स्कूल में सभी कक्षाओं में दाखिला लेना अनिवार्य होने से स्कूल प्रशासन के समक्ष संसाधनों की कमी है। इसे पूरा करने में सरकार को कोई दिलचस्पी नहीं है। एमसीडी की शिक्षा समिति के चेयरमैन डा. महेंद्र नागपाल का कहना है कि विभाग की तरफ से पूरी कोशिश की गई कि एमसीडी से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में ज्यादा बच्चों को दाखिला मिले। शुरू में स्कूल प्रशासन द्वारा फॉर्म आदि अभिभावकों को न देने की शिकायतें आई थीं। इसे दूर कर दिया गया। जो नतीजे सामने आए हैं, इनकी समीक्षा की जाएगी। एमसीडी के 12 जोन में से 10 जोन के सभी स्कूलों को मिलाकर अभी तक सिर्फ 608 बच्चों का दाखिला गरीबी कोटे के तहत विभिन्न कक्षाओं में हुआ है। इसमें से पश्चिमी जोन के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में सर्वाधिक 172 दाखिले हुए हैं। सबसे कम सदर पहाड़गंज जोन के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में सिर्फ पांच छात्रों के दाखिले कोटे के तहत हुए हैं(आशुतोष झा,दैनिक जागरण,नई दिल्ली,13.5.11)।

झारखंडःखूंटी में खुलेगा राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल

Posted: 13 May 2011 11:13 AM PDT

खूंटी में राष्ट्रीय मिल्रिटी स्कूल खुलेगा। सेना की मांग पर राज्य सरकार ने खूंटी में इसके लिए 100 एकड़ जमीन चिह्न्ति की है। खूंटी के डीसी राकेश कुमार ने चिह्न्ति जमीन का प्रस्ताव राजस्व व भूमि सुधार विभाग को भेज दिया है।

इसमें से 98.68 एकड़ जमीन रैयती और 21.32 एकड़ सरकारी है। डीसी ने राजस्व व भूमि सुधार विभाग को बताया कि चिह्न्ति जमीन रांची खूंटी रोड पर ओण्डरा मौजा में है। यहां जमीन की कीमत ढाई लाख रुपए प्रति एकड़ है।

जमीन के मालिक स्वेच्छा से भूखंड देने को तैयार हैं। विभाग के सचिव संतोष कुमार ने रांची स्टेशन हेड क्वार्टर के कर्नल स्टाफ ऑफिसर एके बोस को इस सिलसिले में पत्र लिखकर जमीन चिह्न्ति करने की जानकारी दे दी है।

इसमें सेना से कहा गया है कि अगर उसे उक्त भूखंड पसंद है तो सरकारी भूमि के हस्तांतरण एवं रैयती भूमि के अर्जन संबंधित प्रस्ताव जल्द से जल्द खूंटी के उपायुक्त को भेजा जाए।


इससे भू हस्तांतरण एवं रैयती भूमि के अर्जन की कार्रवाई शुरू हो सकेगी। हालांकि सेना ने अभी डीसी को इससे संबंधित प्रस्ताव नहीं भेजा है।

सीआरपीएफ को भी उपलब्ध कराई जाएगी 55 एकड़

खूंटी क्षेत्र में सीआरपीएफ को भी 55 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। इससे संबंधित सूचना सीआरपीएफ अधिकारियों को दे दी गई है। बल ने खूंटी क्षेत्र में 55 एकड़ भूखंड की मांग की थी।

राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल की स्थापना के लिए भूखंड चिह्न्ति कर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को सूचना भेज दी गई है। इसके बाद से उनके पास फिलहाल सेना का प्रस्ताव नहीं आया है। 
राकेश कुमार, उपायुक्त, खूंटी(बिनोद ओझा,दैनिक भास्कर,रांची,13.5.11)

बीएचयूःचिकित्सा संस्थान की पहले चरण की परीक्षा का परिणाम घोषित

Posted: 13 May 2011 11:03 AM PDT

बीएचयू स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान द्वारा संचालित विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आठ मई को आयोजित पीएमटी के पहले चरण की परीक्षा 'स्क्रीनिंग' का परिणाम आज शाम घोषित किया गया। 3669 अभ्यर्थियों को दूसरे चरण की परीक्षा 'पीएमटी मेन' के लिए चुना गया है। मुख्य परीक्षा 12 जून को होगी।
संस्थान के निदेशक प्रो. टीएम महापात्रा पीएमटी सेल के प्रभारी प्रो. अशोक कुमार, सेल के सदस्य डॉ. शिवजी गुप्ता व डॉ. अजित विक्रम के अनुसार मुताबिक घोषित परिणाम में सामान्य वर्ग 2092 तथा सामान्य वर्ग विकलांग आठ, ओबीसी 1144 तथा ओबीसी विकलांग छह, एससी 378 तथा एससी विकलांग एक व एसटी में 40 अभ्यर्थी शामिल हैं। एमबीबीएस की 84 सीटों के लिए लगभग 37907 अभ्यर्थी पंजीकृत थे जिसमें से 31459 परीक्षा में सम्मिलित हुए। स्क्रीनिंग के लिए वाराणसी, दिल्ली, कोलकाता तथा हैदराबाद केंद्र पर परीक्षा हुई थी। स्क्रीनिंग का परिणाम दैनिक जागरण की वेबसाइट 222.द्भड्डद्दह्मड्डठ्ठ.ष्श्रद्व पर भी देखा जा सकता है(दैनिक जागरण संवाददाता,वाराणसी,13.5.11)।

अब पंजाब का हर पुलिस कर्मचारी बनेगा अफसर

Posted: 13 May 2011 11:00 AM PDT

पंजाब पुलिस देश की पहली ऐसी पुलिस फोर्स बन गई है जिसने कांस्टेबल से लेकर डीजीपी रैंक तक के सभी सदस्यों को यूनीक आईडेंटिफिकेशन (यूआईडी) नंबर जारी किए हैं। इसके अलावा पुलिस फोर्स के प्रत्येक सदस्य को अफसर का पद देने का भी निर्णय लिया गया है। वीरवार को यूआईडी प्रदान करते हुए डीजीपी पंजाब पीएस गिल ने कहा कि भर्ती के समय दिए गए रैंक और बेल्ट नंबर के आधार पर हर कर्मचारी को एक स्थाई यूआईडी प्रदान किया जाएगा।


गिल ने बताया कि इस नंबर की सहायता से पुलिस कर्मी की स्थिति का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। अल्ट्रा वायलेट तकनीक से प्रिंट हुए यूआईडी नंबर से फर्जी आईडी कार्ड बनाने की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकेगी। इस अवसर पर गिल ने बताया कि पुलिस फोर्स को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विशेष कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया गया है कि हर कर्मी को अब पुलिस विभाग का इम्प्लाई कहने के बजाय अफसर कहा जाएगा। 

कांस्टेबल और हेडकांस्टेबल रैंक के कर्मचारी को अब जूनियर इनरोल्ड पुलिस अफसर के तौर जाना जाएगा। जबकि एएसआई, एसआई और इंस्पेक्टर रैंक के सदस्य को सीनियर इनरोल्ड अफसर के रूप में जाना जाएगा। डीजीपी ने बताया कि डीएसपी, डीसीपी, एएसपी और अन्य ऊंचे रैंक के अफसरों को सुपीरियर पुलिस अफसर की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने बताया कि ये विशेष कदम पंजाब रूल्स के नए ड्राफ्ट के अनुमोदन के बाद लिया गया है(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,13.5.11)।

पंजाब में ईटीटी की परीक्षाएं रद्द, जांच के आदेश

Posted: 13 May 2011 10:59 AM PDT

ईटीटी की 29 अप्रैल को हुई परीक्षा को शिक्षा मंत्री सेवा सिंह सेखवां ने रद्द कर दिया है। साथ ही अतिरिक्त शिक्षा सचिव संजय पोपली को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। शिक्षा विभाग को सूचना मिली थी कि कुछ चयनित उम्मीदवारों को परीक्षा से पूर्व ही प्रश्न पत्र उपलब्ध हो जाते हैं जिस पर कार्रवाई करते हुए यह कदम उठाया गया है।

विभाग के ध्यान में यह भी आया कि 11 मई को दोपहर दो बजे होने वाले पेपर का प्रश्न पत्र कुछ विद्यार्थियों के पास उस दिन सुबह ही उपलब्ध था। इस प्रकार 22 मई को होने वाला पेपर भी दोपहर 12:00 बजे कुछ विद्यार्थियों को मिल गया था। शिक्षा मंत्री द्वारा यह नोटिस किए जाने पर कि यह प्रश्न पत्र कुछ विद्यार्थियों के लिए लीक किए गए होंगे, के मध्यनजऱ समूची ईटीटी परीक्षा रद्द करने के आदेश दिए हैं(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,13.5.11)।

इलाहाबाद विविःकल दोपहर घोषित होगा बीकाम का रिजल्ट

Posted: 13 May 2011 10:58 AM PDT

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बीकाम अंतिम वर्ष का परिणाम शनिवार दोपहर 12 बजे के बाद घोषित कर दिया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक प्रो. एचएस उपाध्याय के अनुसार विवि की वेबसाइट पर समस्त परिणाम उपलब्ध करा दिया जाएगा। बताया कि जल्द ही बीकाम प्रथम और द्वितीय वर्ष का रिजल्ट घोषित होगा(दैनिक जागरण संवाददाता,इलाहाबाद,13.5.11)।

एमसीडी स्कूलों में होगी आठवीं तक की पढ़ाई

Posted: 13 May 2011 10:55 AM PDT

एमसीडी के स्कूलों में जल्द ही मिडिल क्लास तक की पढ़ाई होगी। इसके लिए योजना तैयार है। एमसीडी शिक्षा समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महेद्र नागपाल ने शुक्रवार को बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2005 में यह कहा गया है कि 14 साल की उम्र तक के बच्चों की अनिवार्य शिक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों की है। ऐसे में एमसीडी अपने स्कूलों को मिडिल क्लास (आठवीं कक्षा) तक बढ़ा सकती है, जो अभी पांचवी तक ही है।
इसके साथ ही एमसीडी अपने छात्रों को एक स्मार्ट कार्ड देने की योजना पर भी काम कर रही है, जिसमें बच्चे से जुड़ी सारी जानकारियां उपलब्ध होंगी। एमसीडी में सदन के नेता सुभाष आर्य ने बताया कि जुलाई से एमसीडी के सभी स्कूलों में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लगा दिए जाएंगे। इसके बाद न सिर्फ अध्यापक, बल्कि छात्र भी मशीन के जरिये ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम को इंटरनेट के जरिये एक साथ जोड़ा जाएगा, ताकि एमसीडी के अधिकारी कोई भी सूचना ऑनलाइन देख सकें(दैनिक जागरण संवाददाता,दिल्ली,13.5.11)।

बिलासपुरःशिक्षाकर्मी के 500 पदों पर होगी भर्ती

Posted: 13 May 2011 10:53 AM PDT

जिले के बेरोजगारों को जल्द ही शिक्षाकर्मी बनने का मौका मिलेगा। ट्राइबल और स्कूल शिक्षा विभाग को मिलाकर जिले में शिक्षाकर्मी वर्ग-1 से 3 तक के लगभग 500 पद रिक्त हैं, जिसे नई भर्ती प्रक्रिया से 30 जून के पहले भरे जाएंगे।

राज्य शासन ने स्कूलों में रिक्त शिक्षकों के पदों को 30 जून तक भरे जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए नई भर्ती प्रक्रिया भी बनाई गई है। अब जिला पंचायत इन्हीं पदों को भरने की तैयारी कर रहा है, जिसके लिए ट्राइबल और स्कूल एजुकेशन से शिक्षाकर्मी के रिक्त पदों की जानकारी वर्गवार मांगी गई है।

आदिवासी विकास विभाग ने गौरेला, मरवाही और पेंड्रा ब्लाक के स्कूल में रिक्त पदों की जानकारी तैयार कर ली है। इन ट्राइबल ब्लाकों में तीनों वर्ग के 149 पद रिक्त हैं, जिसमें सबसे ज्यादा वर्ग-1 के 66 पद हैं। इसी तरह वर्ग-2 के 55 और वर्ग-3 के 28 पदों पर भर्ती की जरूरत है। स्कूल शिक्षा विभाग भी अपने सात ब्लाकों में रिक्त पदों की जानकारी तैयार करने में जुटा है। रिक्त पदों की स्पष्ट आंकड़ा तो नहीं है ।


लेकिन प्रारंभिक तौर पर कुल 350 पद रिक्त होने की बात कही जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग के ब्लाकों में वर्ग-1 के ही पद रिक्त हैं, जिसकी संख्या 300 के करीब है। वर्ग-2 में तो अतिशेष की स्थिति है, जबकि वर्ग-3 में 20 से 25 पद रिक्त होना बताया जा रहा है। कुल मिलाकर जिले में शिक्षाकर्मियों के लगभग 500 पद रिक्त होना बताया जा रहा है।

नौकरी डीएड, बीएड डिग्री धारियों की

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने शिक्षाकर्मी भर्ती के लिए नए नियम बनाए हैं, जिसमें 10वीं कक्षा से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन के प्राप्तांक को भर्ती का आधार बनाया गया है। इसके अलावा डीएड और बीएड डिग्री धारियों को प्राथमिकता के तौर पर नियुक्ति दिया जाना है। जिले में सभी वर्ग के रिक्त पदों की संख्या बहुत कम है। ऐसे में माना जा रहा है कि पदों की पूर्ति डिग्री धारियों से ही हो जाएगी।


ट्राइबल में रिक्त पद 

वर्ग गौरेला मरवाही पेंड्रा 

1 16 31 19 

2 15 39 01 

3 12 16 00

इस महीने से शुरू होगी भर्ती

जिला पंचायत इस तैयारी में है कि सीधी भर्ती की प्रक्रिया 25 मई से शुरू हो जाए और 30 जून के पहले खत्म हो जाए। इसके पहले शिक्षाकर्मियों को प्रमोशन भी दिया जाना है, ताकि रिक्तता की सही जानकारी मिल सके, लिहाजा 20 मई तक प्रमोशन दिए जाने की तैयारी है(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,13.5.11)।

राजस्थानः4 करोड़ छात्रों का रिकॉर्ड अब ऑनलाइन, नहीं हो सकेगा फर्जीवाड़ा

Posted: 13 May 2011 10:48 AM PDT

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की मार्कशीट सहित किसी भी दस्तावेज में हेराफेरी करके नौकरी अथवा प्रवेश लेने की कोशिश करने वालों को मौके पर ही पकड़ा जाएगा। बोर्ड प्रशासन पिछले 40 साल में दसवीं अथवा बारहवीं की परीक्षा देने वाले करीब 4 करोड़ विद्यार्थियों का रिकॉर्ड ऑनलाइन करेगा।

देश-दुनिया के किसी भी कोने से संबंधित विद्यार्थी के दस्तावेज ऑनलाइन वेरिफाई हो सकेंगे और डुप्लीकेट दस्तावेज हाथों-हाथ मिलेंगे। सालों पुराना रिकॉर्ड ढूंढने में आ रही परेशानी और हाथों-हाथ मार्कशीट की प्रतिलिपि सहित अन्य पुराने दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए बोर्ड प्रशासन तीन चरणों में इस योजना को अंजाम देगा।


पहले चरण में जुलाई से 2006-10 तक और दूसरे चरण में 201-10 तक का रिकॉर्ड ऑनलाइन कर दिया जाएगा। अंतिम चरण में पिछले 30 साल के दस्तावेजों से संबंधित काम पूरा होगा। बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग का कहना है कि यदि किसी विद्यार्थी के प्रवेश अथवा नौकरी के समय संस्थान को दस्तावेजों पर शक होता है तो वे इसकी ऑनलाइन जांच कर सकेंगे। इसके लिए बोर्ड प्रशासन अलग से पासवर्ड जारी करेगा। 

हर जिला मुख्यालय पर मिल सकेंगे दस्तावेज: मार्कशीट की प्रतिलिपि, माइग्रेशन सर्टिफिकेट तथा अन्य दस्तावेज हासिल करने के लिए अब विद्यार्थियों को प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर सुविधा मिलेगी। बोर्ड प्रशासन सभी जिलों में विद्यार्थी सेवा केंद्र खोलेगा। पहले चरण में इस माह के अंत तक सभी संभागीय मुख्यालयों में ये केंद्र खुलेंगे। जयपुर में महारानी स्कूल बनी पार्क में शिक्षामंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल गुरुवार को केंद्र का उद्घाटन करेंगे। बाद में 17 मई को बीकानेर, 23 को भरतपुर, 29 मई को जोधपुर संभागीय मुख्यालय पर ये केंद्र शुरू कर दिए जाएंगे। शेष संभागों में भी इसी माह केंद्र शुरू हो जाएंगे(दैनिक भास्कर,जयपुर,13.5.11)।

राजस्थानःनवोदय स्कूलों की तर्ज पर राज्य में खुलेंगे स्टेट मॉडल स्कूल

Posted: 13 May 2011 10:46 AM PDT

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों-अभिभावकों का आकर्षण बढ़ाने के लिए अब नवोदय स्कूलों की तर्ज पर स्टेट मॉडल स्कूल खोले जाएंगे। इन स्कूलों को राज्य सरकार बेहतर संसाधन मुहैया कराएगी। इनमें हिंदी व अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होगी। जयपुर के पोद्दार और महारानी गल्र्स स्कूल को प्रदेश के पहले स्टेट मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने के लिए शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

गुरुवार को राजकीय महारानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थी सेवा केंद्र के उद्घाटन समारोह में शिक्षामंत्री भंवरलाल मेघवाल ने बताया कि विभाग पहले चरण में प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों पर श्रेष्ठ स्कूल चिन्हित कर उन्हें स्टेट मॉडल के रूप में निखारेगा। ऐसे स्कूलों में लाइब्रेरी, लैब, खेल मैदान, बिल्डिंग को विशेष योजना में राशि आबंटित की जाएगी। इनमें पढ़ाने के लिए प्रदेश के चुनिंदा अध्यापक लगाए जाएंगे। आवश्यकता होने पर बाहर से फैकल्टी बुलाई जाएगी। दूसरे चरण में जिला मुख्यालयों में ऐसे स्कूल खोले जाएंगे।


निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए मारामारी पर बरसे खाचरियावास: विधायक प्रतापसिंह खाचरियावास निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए मची मारामारी पर अभिभावकों की मानसिकता पर बरसे। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के आकर्षण के चलते अभिभावक बच्चों पर बेवजह दबाव डालते हैं। प्रतिभा होगी तो सरकारी स्कूल-कॉलेजों से नाम कमाने वालों की कमी नहीं है। खाचरियावास ने कहा कि स्टेट मॉडल स्कूल खोलने से प्रदेश में सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलेगी और यहां भी प्रवेश के लिए मारामारी मचेगी। 

बोर्ड से संबद्ध स्कूल भी जुड़ेंगे कंप्यूटर से: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सुभाष गर्ग ने बताया कि बोर्ड इस माह में 7 और संभागीय विद्यार्थी सेवा केंद्र शुरू करेगा। बाद में ये केंद्र परामर्श केंद्र के रूप में विकसित किए जाएंगे। डाटा कंप्यूटरीकरण पर 3.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बोर्ड अपने से संबद्ध विद्यालयों को कंम्प्यूटर कनेक्टिविटी के माध्यम से सीधे जोड़ने की योजना पर भी काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड कक्षा 12 के विषय अध्यापकों के आमुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत करने जा रहा है(दैनिक भास्कर,जयपुर,13.5.11)।

10वीं के बाद स्टूडेंट्स अब चुन सकेंगे सही ऑप्शन

Posted: 13 May 2011 10:45 AM PDT

दसवीं के बाद कौनसा विषय लिया जाए? चुने जाने वाले विषय के प्रति अब सीबीएसई छात्रों को विषयवार एक परीक्षा देने का विकल्प देगी। पहली बार यह परीक्षाएं जुलाई महीने में ली जाएंगी। इन परीक्षाओं का मकसद छात्रों को विषय चुनते वक्त होने वाले तनाव, बिना रुचि के विषय पढ़ने से होने वाले तनाव से बचाना और इस काम में उन्हें आधार देना है।

इससे छात्र जान पाएंगे की कौनसे विषय के कॉन्सेप्ट्स और एप्लीकेशंस उन्हें ज्यादा समझ में आ रहे हैं? सीबीएसई ने दसवीं कक्षा के बाद छात्रों का विषयवार प्रोफिशियंसी टेस्ट लेने का निर्णय लिया था। यह परीक्षा वैकल्पिक होगी और जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में प्रश्न किसी कक्षा के विषयों के सिलेबस में से नहीं होकर उस विषय की व्यावहारिक जानकारी से जुड़े होंगे। हालांकि परीक्षा का आधार नौवीं और दसवीं कक्षा का सिलेबस ही होगा।


इससे इस बात की परख हो सकेगी कि कोई छात्र वह विषय उच्च स्तर पर पढ़ सकने के काबिल है या नहीं। बोर्ड ने इस संबंध में स्कूलों से इस परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की जानकारी देने के लिए कहा है। सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक एम.सी. शर्मा के अनुसार इस परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए स्कूल के माध्यम से आवेदन करना होगा। छात्रों के प्रवेश पत्र भी स्कूलों में ही भेजे जाएंगे। परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में चुनने होंगे। इसके बाद बोर्ड छात्रों को एक सर्टिफिकेट जारी करेगा जिसमें उनकी रैंक पर्सेंटाइल के आधार पर दी गई होगी।
एसजीएआई से अलग: विषयों में रुचि परखने के लिए ही जनवरी में भी बोर्ड ने एक ऐसा ही टेस्ट एसजीएआई (स्टूडेंट्स ग्लोबल एप्टीट्यूड इंडेक्स) लिया था। जुलाई में होने वाले इस टेस्ट का उद्देश्य यह परखना है कि छात्र किसी विषय से सीखी हुई बातों और कॉन्सेप्ट्स को जीवन में लागू कर सकते हैं या नहीं, जबकि एसजीएआई का उद्देश्य कॅरिअर के हिसाब से विभिन्न विषयों में उसकी क्षमताएं परखने का था।

यह होगा फायदा: विषय चुनने में सबसे ज्यादा परेशानी दो विषयों में से एक को चुनने में होती है। प्रोफिशिएंसी टेस्ट से छात्रों और अपना निर्णय थोपने वाले पैरेंट्स को यह पता चल पाएगा कि किस विषय को छात्र ज्यादा अच्छे तरीके से समझ पाता है और कौन से विषय को वह अपने जीवन में बेहतर तरीके से काम में ले सकता है(दैनिक भास्कर,जोधपुर,13.5.11)।

ग्वालियरःछात्रों को सताने लगी पास होने की चिंता

Posted: 13 May 2011 10:38 AM PDT

शहर का एक इंजीनियरिंग कॉलेज बीई के सिलेबस में बड़े पैमाने पर परिवर्तन करने जा रहा है, जो आईआईटी एवं एनआईटी के सामान होगा। यह खबर मिलने के बाद कुछ छात्र पास होने के लिए परेशान हैं।

ऐसे छात्रों का कहना है कि वर्तमान सिलेबस ही उन्हें समझ में नहीं आता, तो नया कैसे समझ में आएगा? उधर, ऐसे छात्रों को कुछ गुरुजी यह कहकर सांत्वना दे रहे हैं कि उनसे ट्यूशन पढ़ने के बाद उन्हें कोई फेल ही नहीं कर सकता।

नवाब साहब की क्लास से गुरुजी परेशान

जेयू के'नवाब साहब' की पहली क्लास से छात्र खुश हैं। इससे गुरुजी चिंतित हैं। उन्हें साहब का डर सता रहा है। वे सोच रहे हैं कि कहीं 'नवाब साहब' के सामने बातों ही बातों में छात्र उनकी पोल न खोल दें। इसके लिए अब वे शिष्यों को बहलाने में लगे हुए हैं। गुरुजी कह रहे हैं कि साहब के सामने उनकी प्रशंसा करें, ताकि वे खुश हो जाएं।

गुरुजी की इस कमजोरी को छात्र अच्छी तरह समझ गए हैं। अब देखना यह है कि छात्र अपने गुरुजी की पोल 'साहब' के सामने खोलते हैं या नहीं।

नेताजी के 'वायलिन' के तार टूटे
संगीत कॉलेज के छात्र नेताजी के 'वायलिन' के तार परीक्षा परिणाम के साथ ही टूट गए हैं। वायलिन विषय में फेल होने की वजह संगीत वादन की रियाज क्लास में शामिल न होना रहा। फेल होने की खबर के साथ मित्र मंडली ने भी दूरियां बना ली हैं और वह अलग-थलग पड़ गए हैं। अब देखना यह है कि अगले वर्ष वह वायलिन के तार जोड़ पाते हैं या नहीं।


पीएचडी की एडवांस बुकिंगपीएचडी कराने का पैटर्न भले ही बदलने जा रहा है, लेकिन गुरुजी अब भी पुरानी राह पर चल रहे हैं। कुछ ने तो पीएचडी कराने के लिए 10 साल की एडवांस बुकिंग कर ली है।

ऐसे गुरुओं का कहना है कि यदि पीएचडी प्रवेश परीक्षा में उनके शिष्य पास नहीं हुए तो वे दूसरे को पीएचडी नहीं कराएंगे। इसके लिए भले ही उन पर दबाव क्यों न डाला जाए? इसके लिए उन्हें यूजीसी की ओर से कोई अतिरिक्त भुगतान भी नहीं किया जाता। इसलिए चिंता की कोई बात भी नहीं है।

छात्र सिखाएंगे साहबों को सबकजीवाजी यूनिवर्सिटी के कुछ साहब कुलपति की हिदायत के बाद भी लंच के नाम पर सीट से दो घंटे गायब रहते हैं। अधिकारियों के इस व्यवहार से परेशान होकर छात्रों ने आंदोलन करने का मन बना लिया है। उनका कहना है कि कुलपति ने भले ही कोई कार्रवाई नहीं की हो, लेकिन अब वे ऐसे साहबों को सबक सिखाकर ही दम लेंगे(दैनिक भास्कर,ग्वालियर,13.5.11)।

देवी अहिल्या विश्वविद्यालयःकई विभाग विजिटिंग भरोसे

Posted: 13 May 2011 10:32 AM PDT

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कई बड़े विभाग सफेद हाथी के समान साबित हो रहे हैं। लाइफ साइंस विभाग में नियमों को ताक पर रखकर की गई विजिटिंग फैकल्टी की नियुक्तियां भले ही पकड़ में आ गई हो और उसके बाद कड़े नियम बनाने की घोषणा हो गई हो,लेकिन भाषा अध्ययनशाला विभाग में एक भी स्थायी फैकल्टी नहीं है,पूरा विभाग विजिटिंग के भरोसे चल रहा है।

हद तो यह है कि छह में से चार विजिटिंग फैकल्टी वे हैं जो सालों पहले ही रिटायर हो चुके हैं। यहां भी विजिटिंग फैकल्टी की नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी की गई। छात्रों की संख्या भी यहां 50 के लगभग है, लेकिन कभी सीटें बढ़ाने के प्रयास नहीं किए गए। फिलहाल विभागाध्यक्ष के तौर पर काम कर रही पद्मासिंह की प्रतिनियुक्ति आगे बढ़ने पर असमंजस बरकरार है और 21 मई को होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में यह मुद्दा फिर उठेगा।

विज्ञापन जारी करते रहे, नियुक्तियां नहीं की- हालात यह है कि 2008 से लेकर अब तक तीन बार स्थायी फैकल्टी (स्वीकृत पोस्ट) के लिए इंटरव्यू के विज्ञापन जारी हो चुके हैं लेकिन अब तक यह प्रक्रिया आरंभ नहीं की गई। इतना ही नहीं, आवेदनों की स्क्रूटनी तक नहीं हुई। विभाग में पिछले एक दशक से न तो कोई न कोर्स शुरू किया गया और न कोई स्पेशलाइजेशन कोर्स की शुरुआत हुई।


प्रतिनियुक्ति में उलझा भविष्य- विभाग का भविष्य प्रतिनियुक्ति में उलझा हुआ है। विभाग में एकमात्र स्थायी फैकल्टी रहे डॉ. मिथलाप्रसाद त्रिपाठी पांच सालों से संस्कृत बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर हैं। वहीं वर्तमान विभागाध्यक्ष पद्मासिंह का भी प्रतिनियुक्ति पीरियड 5 मार्च को खत्म हो चुका है। 

यूनिवर्सिटी ने इसे फिर दो साल आगे बढ़वाने के लिए शासन को लिखा है। यूनिवर्सिटी का कहना है कि अगर डॉ. पद्मासिंह की प्रतिनियुक्ति आगे नहीं बढ़ी तो वे शासन को पत्र लिखकर डॉ. त्रिपाठी को वापस बुलाने की मांग करेंगे। 

समाधान ढूंढेंगे

समस्याओं का समाधान ढूंढेंगे। डॉ. पद्मा सिंह की प्रतिनियुक्ति आगे नहीं बढ़ी तो शासन से डॉ. त्रिपाठी को वापस बुलाने का अनुरोध करेंगे।

डॉ. पी.के मिश्रा, कुलपति

ये कोर्स चल रहे हैं

एमए (संस्कृत), एमफिल (संस्कृत), एम फिल (हिंदी),एमए (हिंदी, लिटरेचर) ट्रांसलेशन में डिप्लोमा(दैनिक भास्कर,इन्दौर,13.5.11)

मुंबईःनगरसेवकों की परीक्षा में शिक्षा विभाग फेल

Posted: 13 May 2011 10:30 AM PDT

दूसरों को शिक्षा देने वाला बीएमसी का शिक्षण महकमा नगरसेवकों की कक्षा में ही फेल हो गया है। पिछले पांच सालों से वह नगरसेवकों के उठाए 41 प्रश्नों का जवाब नहीं दे पा रहा है। समिति के नगरसेवक आए दिन उन प्रश्नों को दोहराते रहते हैं , परंतु प्रशासन के पास शायद उनके सवालों का जवाब नहीं है। ये सभी प्रश्न शिक्षा विभाग से ही ताल्लुक रखते हैं।

बीएमसी का कुल शिक्षा बजट 1800 करोड़ रुपये है। पहली से चौथी तक की कक्षा में तीन लाख 91 हजार 111 छात्रों को कुल 11 हजार 849 अध्यापक पढ़ाते हैं। बीएमसी के सेकेंडरी स्कूल में 38 हजार 902 छात्र पढ़ते हैं। शिक्षा विभाग पर नियंत्रण के लिए बीएमसी ने शिक्षण समिति का गठन किया है , जिसमें नगरसेवक व कुछ नामांकित लोग सदस्य होते हैं। शिक्षण समिति के माध्यम से इन नगरसेवकों व सदस्यों ने कई तरह के सवाल पूछे हंै जिसका जवाब देने से अधिकारी वर्ग अब तक परहेज करता रहा है। पिछले पांच सालों में पूछे गए सैकड़ों सवालों में 41 ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब अभी तक नहीं दिया गया है।


शुक्रवार को समिति की बैठक में नगरसेवकों ने एक बार फिर से इन प्रश्नों के उत्तर मांगे। विपक्ष की ओर से कमलेश यादव , अजंता यादव व अन्य सदस्यों ने प्रशासन और सत्तापक्ष को घेरा , जिस पर समिति के अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा। प्रशासन की ओर से डीएमसी सुभाष करवंदे ने वादा किया कि सभी सवालों का जवाब जल्द से जल्द टेबल पर रखा जाएगा और अगली बार कोशिश होगी कि समिति के सदस्य जो भी सवाल पूछें , अगली बैठक में उसका जवाब दे दिया जाए(नवभारत टाइम्स,मुंबई,13.5.11)।

17 मई को जारी होंगे सीआईएससीई 10वीं व 12वीं के नतीजे

Posted: 13 May 2011 10:26 AM PDT

.काउंसिल फॉर द बोर्ड इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) 17 मई को 10वीं (आईसीएसई) 12वीं(आईएससी) के नतीजे घोषित करने जा रहा है। छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों के लिए यह नतीजे इंटरनेट व एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध रहेंगे।

सीआईएससीई के एडिशनल सेकेट्ररी गैरी अराथून ने बताया कि 10वीं के छात्रों को ढ्ढष्टस्श्व ञ्ज के साथ अपना सात अंकों का इंडेक्स नंबर टाइप कर 56388, 54242, 56263, 51898, 58888, 5676750, 56677, व 5782728 नंबरों पर भेजना होगा।

इसी तरह 12वीं के छात्रों को परिणाम पाने के लिए ISC B के साथ इंडेक्स नंबर टाइप कर संदेश भेजना होगा। उदाहरण के तौर पर 12वीं के छात्रों को ढ्ढस्ष्ट B8531009 लिखकर भेजना होगा। गैरी अराथून ने बताया कि स्कूल प्रिंसिपलों को काउंसिल ने विशेष सुविधा प्रदान करते हुए प्रत्येक प्रिंसिपल को काउंसिल की ई-मेल आईडी प्रदान की है, जिससे वह भी रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं।

स्कूलों में छात्रों को इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (आईएससी-12वीं) और इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई-10वीं) का परिणाम उन्हें प्राचार्यो के माध्यम से भी प्राप्त हो सकेगा। प्रिंसिपल को इस सुविधा के तहत स्कूल के परिणामों के साथ-साथ पूरे देशभर में नतीजों की स्थिति का भी पता चल जाएगा।


इन साइट पर रिजल्ट देखा जा सकता है

http://www.cisce.navbharattimes.com(दैनिक भास्कर,दिल्ली,13.5.11)

झारखंडःनगर निगम कर्मियों को मिलेगा छठा वेतनमान

Posted: 13 May 2011 10:24 AM PDT

राज्य सरकार ने नगर निगम कर्मियों के छठे वेतनमान को मंजूरी दे दी है। नया वेतनमान एक जनवरी 2006 से प्रभावी होगा, मगर वित्तीय लाभ एक अप्रैल 2010 से मिलेगा।

स्थानीय निकाय चाहें तो अपनी आय का स्रोत बढ़ाकर एरियर का भुगतान कर सकते हैं। यह फैसला गुरुवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया।


बैठक में स्थानीय निकायों के चयनित प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने का भी फैसला हुआ। अब नगर परिषद अध्यक्ष को 7000 की जगह 9500 रुपए, उपाध्यक्ष को 6500 की जगह 7500 रुपए व पार्षद को 5000 की जगह 6000 रुपए मिलेंगे। 
नगर पंचायत अध्यक्ष का मानदेय भी 7000 से बढ़ाकर 8500 रुपए, उपाध्यक्ष का 6000 से बढ़ाकर 7250 रुपए करने का फैसला लिया गया। वहीं नगर निगम के महापौर, उपमहापौर व पार्षदों के मानदेय में वृद्धि नहीं की गई है(दैनिक भास्कर,रांची,13.5.11)।

छत्तीसगढ़ पीएमटी निरस्त, जून के पहले हफ्ते में होगी परीक्षा

Posted: 13 May 2011 10:51 AM PDT

छत्तीसगढ़ प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) के पर्चे में उप्र लोकसेवा आयोग के पर्चे को हूबहू उतारे जाने का खुलासा होने के बाद व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने गुरुवार को पूरी परीक्षा ही निरस्त कर दी।

मंडल के परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीपी त्रिपाठी ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। अब यह परीक्षा जून के पहले हफ्ते में होगी। नई तारीख की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

अंतिम बार थी सीजीपीएमटी :

अगले शैक्षणिक सत्र से पूरे देश में संयुक्त मेडिकल प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में इस साल अंतिम बार प्री मेडिकल टेस्ट का आयोजन किया जा रहा है।

यह परीक्षा भी विवाद में उलझ गई है। इस बार मुन्ना भाई नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल की गलती की वजह से हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है।

इंटरनेट पर पहले से मौजूद थे जवाब

बुधवार को हुई सीजी पीएमटी के तीन पर्चो के सवाल पहले से ही इंटरनेट पर उपलब्ध थे। वजह यूपीएससी में इन सवालों को पहले ही पूछ लिया गया था। इसका खुलासा तब हुआ जब जूलॉजी, केमेस्ट्री और बॉटनी के सवालों के जवाब इंटरनेट पर ढूंढने के लिए छात्रों ने गूगल में सर्च किया तो परीक्षा के पूरे सवाल एक क्लिक में ही स्क्रीन पर हाजिर हो गए।

पूरे सवालों के मॉडल आंसर एक साथ देखकर छात्र भी दंग रह गए। आनन-फानन में इसकी शिकायत मंडल के अधिकारियों से लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से की गई।

कुछ सवाल अलग, बाकी थे एक जैसे

रसायन शास्त्र का पर्चा और यूपीपीएससी के पर्चे मिलाने पर केवल तीन सवाल अलग हैं। 30 सवाल जस के तस हैं। बॉटनी के 50 सवालों के जवाब यूपीपीएससी के मॉडल आंसरों से मेल खा रहे हैं। इसी तरह जूलॉजी के भी कई सवाल यूपीएससी के पर्चे में पहले ही पूछे जा चुके हैं।

इसकी जानकारी मिलने के साथ ही व्यापमं में हड़कंप मच गया।आनन-फानन में गुरुवार को अधिकारियों की बैठक बुलाकर पूरी परीक्षा ही निरस्त करने का निर्णय ले लिया गया।

व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीपी त्रिपाठी से सीधी बात

सवाल: तीन विषयों के सवाल कैसे हू-ब-हू रिपीट हो गए?

जवाब: किसी भी परीक्षा के पर्चे बनाने का काम व्यापमं की ओर से देश की एक प्रतिष्ठित परीक्षा एजेंसी से करवाया जाता है। एजेंसी की ओर से ही प्रश्न पत्र के सेट उपलब्ध करवाए जाते हैं। एजेंसी की गलती की वजह से ही सवाल रिपीट हो गए।

सवाल: अब छात्रों का क्या होगा?

जवाब: छात्रों के भविष्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा। मई में कई परीक्षाएं पहले से प्रस्तावित होने की वजह से जून के पहले सप्ताह में परीक्षा आयोजित की जाएगी।

सवाल: प्रश्न पत्रों के सेट प्राप्त होने पर क्या उन्हें चेक नहीं किया गया?

जवाब: गोपनीयता की वजह से किसी को भी प्रश्न पत्र के सेट देखने की इजाजत नहीं होती। एजेंसी की विश्वसनीयता पर भरोसा करते हुए ही प्रश्न पत्रों की छपवाई कराई जाती है।

सवाल: मंडल की ओर से यह दूसरी गलती है?

जवाब: हां यह सच है। ऐसा दूसरी बार हुआ है। परीक्षा एजेंसी ने जिस प्रोफेसर को प्रश्न पत्र सेट करने के लिए दिया था, उसने प्रश्न पत्रों को नए सिरे से तैयार करने के बजाय यूपी पीएससी के सवालों को रिपीट कर दिया। इस चूक के बाद अब नए सिरे से पर्चे तैयार करवाने की योजना पर मंथन किया जाएगा।

दूसरी बार हुई गलती


व्यापमं की ओर से सेम टू सेम पर्चे रिपीट करने का मामला पहला नहीं है। इससे पहले 2008 में प्री पीजी की परीक्षा में मंडल के अधिकारियों ने दूसरे राज्य का पर्चा हू-ब-हू उतार दिया था। इस वजह से पूरी परीक्षा दोबारा लेनी पड़ी थी। पहली गलती से सीख न लेते हुए व्यापमं ने इस बार फिर वही गलती दोहराई। एक बार फिर यूपीपीएससी का पर



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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